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गुजरात के CM से भारत के PM तक: जानें पीएम मोदी ने 23 साल के सफर में कितने बड़े काम किए

2001 में जब मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री पद संभाला, तब राज्य गंभीर समस्याओं से जूझ रहा था। राज्य में जल संकट, सूखा और गरीब आर्थिक स्थिति जैसी बड़ी चुनौतियां थीं।
03:39 PM Oct 07, 2024 IST | Vibhav Shukla
पीएम नरेंद्र मोदी

आज 7 अक्टूबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सत्ता के शीर्ष में आने के 23 साल पूरे हो गए हैं। 2001 में उन्होंने पहली बार गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी और तब से आज तक उनके नेतृत्व में कई बड़े बदलाव देखने को मिले हैं। इन 23 वर्षों में उन्होंने गुजरात को पूरी तरह से बदल दिया और फिर भारत को भी एक नई दिशा में ले गए।

2001 में जब मोदी ने गुजरात का मुख्यमंत्री पद संभाला, तब राज्य गंभीर समस्याओं से जूझ रहा था। राज्य में जल संकट, सूखा और गरीब आर्थिक स्थिति जैसी बड़ी चुनौतियां थीं। नरेंद्र मोदी ने इन समस्याओं को सुलझाने के लिए कई योजनाएं शुरू की, जैसे 'सुजलाम सुफलाम' योजना, जिसने गुजरात में जल संकट को दूर किया और राज्य को जल अधिशेष बना दिया। इसके अलावा, मोदी ने 'ज्योतिग्राम योजना' शुरू की, जिससे गांव-गांव में 24 घंटे बिजली पहुंचाई गई और किसानों को फायदा हुआ।

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गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में मोदी के शासन ने न सिर्फ राज्य की इकोनॉमी को मजबूत किया, बल्कि इसे निवेशकों के लिए भी आकर्षक बना दिया। 'वाइब्रेंट गुजरात' सम्मेलन के जरिए उन्होंने गुजरात को दुनिया के निवेशकों के लिए एक हॉटस्पॉट बना दिया।

फिर 2014 में जब मोदी देश के प्रधानमंत्री बने, तो उन्होंने भारत में भी कई बड़े बदलाव किए। उनकी सरकार ने डिजिटल इंडिया, स्वच्छ भारत अभियान, पीएम किसान सम्मान निधि जैसी कई योजनाओं की शुरुआत की, जिससे आम लोगों की जिंदगी में सुधार हुआ। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने डिजिटल टेक्नोलॉजी, इंफ्रास्ट्रक्चर, और सामाजिक कल्याण के मामलों में अभूतपूर्व प्रगति की है।

आज भारत की वैश्विक स्थिति भी मजबूत हो चुकी है और मोदी के नेतृत्व में देश को एक नया मुकाम हासिल हुआ है। उनके योगदान को देखते हुए साफ कहा जा सकता है कि मोदी के 23 सालों का सफर विकास और परिवर्तन का एक बेहतरीन उदाहरण है।

गुजरात में बदलाव की शुरुआत: जल संकट से औद्योगिक प्रगति तक

नरेंद्र मोदी ने अपने मुख्यमंत्री बनने के बाद सबसे पहले राज्य के जल संकट को दूर करने पर ध्यान केंद्रित किया। उन्होंने 'सुजलाम सुफलाम' योजना शुरू की, जिसका उद्देश्य जल संरक्षण और प्रबंधन था। इस योजना के तहत नहरों, चेक डेम और जलाशयों का एक जटिल नेटवर्क तैयार किया गया, जिससे राज्य की जल आपूर्ति में सुधार हुआ और भूजल स्तर में वृद्धि हुई। परिणामस्वरूप, गुजरात जल अधिशेष राज्य बन गया, जो एक बड़ी सफलता थी। इसके अलावा, मोदी ने स्थानीय समुदायों को जल संसाधनों पर अधिकार देने के लिए विकेंद्रीकरण की नीति अपनाई, जिससे दीर्घकालिक स्थिरता की नींव रखी गई।

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इसके साथ ही, नरेंद्र मोदी ने 'ज्योतिग्राम योजना' की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य गुजरात के हर गांव को 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराना था। इससे किसानों को जल पंप चलाने में मदद मिली और कृषि उत्पादन में वृद्धि हुई। इसके साथ ही छोटे पैमाने के उद्योगों को भी प्रोत्साहन मिला। इस योजना ने राज्य में ऊर्जा संकट को भी खत्म किया और विकास की गति को तेज किया।

गुजरात को औद्योगिक केंद्र बनाने की दिशा में कदम

नरेंद्र मोदी का अगला बड़ा कदम था गुजरात को एक निवेशक-अनुकूल राज्य बनाना। इसके लिए उन्होंने 'वाइब्रेंट गुजरात शिखर सम्मेलन' की शुरुआत की, जो एक मंच था, जहां वैश्विक निवेशकों को आकर्षित किया जा सकता था। मोदी के प्रयासों के कारण इस सम्मेलन ने अरबों डॉलर का निवेश आकर्षित किया और गुजरात को औद्योगिक क्षेत्र में एक ताकतवर राज्य बना दिया। इसके परिणामस्वरूप गुजरात में औद्योगिक विकास तेजी से हुआ, जिससे रोजगार के अवसर बढ़े और राज्य की अर्थव्यवस्था में सुधार हुआ।

रिवरफ्रंट परियोजना: शहरी विकास की नई शुरुआत

'साबरमती रिवरफ्रंट' परियोजना मोदी के शासन का एक और महत्वपूर्ण उदाहरण है। इस परियोजना ने साबरमती नदी के किनारे के इलाकों को एक समृद्ध और सुंदर सार्वजनिक स्थान में बदल दिया। रिवरफ्रंट ने न सिर्फ शहर के सौंदर्य को बढ़ाया, बल्कि यहां पर्यटन, व्यापार और संस्कृति के लिए भी नए अवसर खोले। इस परियोजना से स्थानीय अर्थव्यवस्था में भी सुधार हुआ और राज्य के शहरी विकास में अहम योगदान दिया।

प्रधानमंत्री बनने के बाद भारत में बदलाव की शुरुआत

2014 में नरेंद्र मोदी भारत के प्रधानमंत्री बने और उन्होंने अपने शासन की शुरुआत में ही देश को प्रगति और विकास की नई दिशा देने के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं की शुरुआत की। उनकी नीतियों और योजनाओं ने भारत को दुनिया के सबसे तेज़ बढ़ते आर्थिक देशों में से एक बना दिया। उनके नेतृत्व में भारत ने डिजिटल प्रौद्योगिकी, स्वच्छता, कृषि, आवास और स्वास्थ्य के क्षेत्रों में अभूतपूर्व सुधार किए।

डिजिटल इंडिया: भारत को डिजिटल युग में प्रवेश

प्रधानमंत्री मोदी ने 'डिजिटल इंडिया' मिशन की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य भारत को एक डिजिटल समाज और ज्ञान आधारित अर्थव्यवस्था में बदलना था। इस मिशन के तहत भारत में इंटरनेट कनेक्टिविटी को बेहतर किया गया, डिजिटल साक्षरता को बढ़ावा दिया गया और सरकारी सेवाओं को ऑनलाइन किया गया। डिजिटल इंडिया योजना के तहत लाखों लोगों को डिजिटल सेवाओं तक पहुंच मिली और इससे सरकारी योजनाओं की पारदर्शिता में भी सुधार हुआ।

स्वच्छ भारत अभियान: देश में स्वच्छता की नई पहल

प्रधानमंत्री मोदी का एक और बड़ा कदम था 'स्वच्छ भारत अभियान' की शुरुआत। इस अभियान ने देशभर में स्वच्छता और सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार की दिशा में बड़ा बदलाव लाया। इस योजना के तहत 100 मिलियन से अधिक शौचालय बनाए गए और गांवों को खुले में शौच मुक्त घोषित किया गया। इसके परिणामस्वरूप न केवल स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार हुआ, बल्कि स्वच्छता से संबंधित बीमारियों में भी कमी आई।

पीएम-किसान योजना: किसानों के लिए समर्थन

प्रधानमंत्री मोदी ने किसानों की आर्थिक स्थिति को सुधारने के लिए 'पीएम-किसान सम्मान निधि' योजना की शुरुआत की। इस योजना के तहत 11 करोड़ से अधिक किसानों को सीधे आय सहायता दी जाती है, जिससे उनकी वित्तीय स्थिति में सुधार हुआ और वे अपनी फसलों के लिए बेहतर संसाधनों में निवेश कर सकते हैं।

आवास योजना: हर किसी के लिए घर

'प्रधानमंत्री आवास योजना' के तहत 4 करोड़ से अधिक घर बनाए गए हैं, जिससे लाखों गरीब परिवारों को किफायती और सुरक्षित आवास मिला है। इस योजना के तहत गरीबों के लिए घर खरीदना अब केवल सपना नहीं रहा, बल्कि उनके लिए यह एक वास्तविकता बन गई है।

स्वास्थ्य क्षेत्र में आयुष्मान भारत: स्वास्थ्य सेवाओं का बड़ा सुधार

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में 'आयुष्मान भारत' योजना की शुरुआत हुई, जो दुनिया का सबसे बड़ा सरकारी स्वास्थ्य बीमा कार्यक्रम है। इस योजना के तहत 50 करोड़ से अधिक भारतीय नागरिकों को मुफ्त स्वास्थ्य बीमा प्रदान किया गया है। इससे गरीब और मध्यम वर्ग के परिवारों को स्वास्थ्य सेवा की भारी लागत से राहत मिली है।

मेक इन इंडिया: भारत को औद्योगिक महाशक्ति बनाने की दिशा में कदम

प्रधानमंत्री मोदी ने 'मेक इन इंडिया' अभियान की शुरुआत की, जिसका उद्देश्य भारत को एक वैश्विक विनिर्माण केंद्र बनाना था। इस योजना के तहत स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा दिया गया और रोजगार सृजन को प्रोत्साहन मिला। इसके अलावा, 'आत्मनिर्भर भारत' अभियान के तहत उत्पादन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजनाएं लागू की गईं, जिससे भारत की उत्पादन क्षमता बढ़ी और विदेशी निवेश आकर्षित हुआ।

भारत की वैश्विक स्थिति में सुधार

प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत की वैश्विक स्थिति में भी सुधार हुआ है। 2023 में भारत ने G20 शिखर सम्मेलन की मेज़बानी की, जिससे भारत की वैश्विक स्थिति को और मजबूती मिली। इसके अलावा, भारत ने कई अंतर्राष्ट्रीय पहल की शुरुआत की, जैसे वैक्सीनेशन मैत्री, जिसके माध्यम से भारत ने 100 से अधिक देशों को COVID-19 टीके की आपूर्ति की।

 

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