नेशनलराजनीतिमनोरंजनखेलहेल्थ & लाइफ स्टाइलधर्म भक्तिटेक्नोलॉजीइंटरनेशनलबिजनेसआईपीएल 2025चुनाव

महायुति में पावर के बाद अब फंड का फंसा पेच! शिंदे ने शाह से मुलाकात कर डाली शिकायत, पवार ने किया पलटवार

महाराष्ट्र में शिंदे और अजित पवार के बीच तकरार, फाइल अटकाने का आरोप। शिंदे ने अमित शाह से की शिकायत, पवार ने आरोप नकारे।
05:39 PM Apr 13, 2025 IST | Rohit Agrawal

महाराष्ट्र की महायुति सरकार में चल रही खींचतान ने राज्य की राजनीति को गर्मा दिया है। डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के सामने अजित पवार के वित्त मंत्रालय पर निशाना साधा, जिसके बाद गठबंधन में तनाव की खबरें सामने आ रही हैं। शिंदे का आरोप है कि उनके मंत्रियों की फाइलें वित्त विभाग में जानबूझकर अटकाई जा रही हैं, जबकि पवार इन आरोपों को सिरे से खारिज कर चुके हैं। क्या यह महज एक प्रशासनिक मुद्दा है या महायुति के भीतर गहरी दरार का संकेत? आइए, इस पूरे विवाद को विस्तार से समझते हैं।

शिंदे की शिकायत: "वित्त मंत्रालय जानबूझकर फाइलें रोक रहा"

पुणे में हुई अमित शाह और एकनाथ शिंदे की मुलाकात ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी। सूत्रों के मुताबिक, शिंदे ने शाह से शिकायत की कि उनके विधायकों और मंत्रियों की विकास योजनाओं से जुड़ी फाइलें वित्त मंत्रालय में महीनों से अटकी हुई हैं। उन्होंने कहा कि सड़क, अस्पताल और स्कूल जैसे प्रोजेक्ट्स की मंजूरी में जानबूझकर देरी की जा रही है, जिससे उनके क्षेत्रों में विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं। शिंदे ने यह भी बताया कि उनके व्यक्तिगत हस्तक्षेप के बाद ही कुछ फाइलें आगे बढ़ पाईं। यह शिकायत साफ दर्शाती है कि महायुति के भीतर सब कुछ सुचारू नहीं चल रहा।

MSRTC वेतन विवाद: शिंदे उठाया बड़ा मुद्दा

शिंदे ने शाह के सामने महाराष्ट्र स्टेट रोड ट्रांसपोर्ट कॉर्पोरेशन (MSRTC) के कर्मचारियों के वेतन में देरी का मुद्दा भी उठाया। अप्रैल में कर्मचारियों को सिर्फ 56% वेतन मिला था, जिसके बाद हड़कंप मच गया। शिंदे ने सोलापुर में कर्मचारियों से मुलाकात की और वित्त सचिव से बात करके बाकी 44% वेतन जारी करवाया। उन्होंने शाह को बताया कि वित्त मंत्रालय की लापरवाही से ऐसी स्थितियां बार-बार पैदा हो रही हैं। यह मुद्दा राजनीतिक रूप से संवेदनशील है क्योंकि MSRTC के 87,000 कर्मचारी और उनके परिवार महायुति के लिए बड़ा वोटबैंक हैं।

पवार का पलटवार: "सब झूठे आरोप, फाइलें नियम से पास होती हैं"

अजित पवार ने शिंदे के आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि वित्त मंत्रालय में सभी फाइलें नियमों के अनुसार ही पास की जाती हैं। उन्होंने कहा, "अगर शिंदे साहब को कोई समस्या होती, तो वे सीधे मुझसे या मुख्यमंत्री फडणवीस से बात कर सकते थे। अमित शाह जी ने भी मुझे कोई शिकायत नहीं बताई।" पवार ने दावा किया कि महायुति में सभी दल मिलकर काम कर रहे हैं और ऐसी अफवाहों पर ध्यान नहीं देना चाहिए। हालांकि, राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि पवार का यह बयान नुकसान कंट्रोल करने की रणनीति भर है।

अमित शाह का रुख: "गठबंधन को मजबूत रखो"

इस बैठक में अमित शाह ने शिंदे और पवार के बीच बढ़ते तनाव को शांत करने की कोशिश की। सूत्रों के मुताबिक, शाह ने कहा कि फंड आवंटन और फाइलों की मंजूरी में पारदर्शिता बरती जाए। उन्होंने महायुति के नेताओं से एकजुट रहने की अपील की और कहा कि गठबंधन की ताकत ही उनकी सफलता है। शाह का हस्तक्षेप इसलिए भी अहम है क्योंकि 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी को महाराष्ट्र में महायुति के सहयोग की जरूरत होगी।

यह भी पढ़ें:

अमरावती को मिलेगी टोक्यो, सिंगापुर जैसी पहचान, नायडू ने पीएम मोदी को भूमि पूजन का न्योता

बढ़िया चाय और..." बंगाल हिंसा के बीच TMC सांसद यूसुफ पठान ने चाय पीते हुए कर दी पोस्ट, मचा बवाल

Tags :
2024 electionsAjit PawarAmit Shahbjpeknath shindeMaharashtra government crisismaharashtra-politics-Mahayuti allianceMSRTCshiv sena

ट्रेंडिंग खबरें

Next Article