नेशनलराजनीतिमनोरंजनखेलहेल्थ & लाइफ स्टाइलधर्म भक्तिटेक्नोलॉजीइंटरनेशनलबिजनेसआईपीएल 2025चुनाव

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: अखिलेश बनाम ओवैसी, कौन जीतेगा मुस्लिम वोटों की जंग?

महाराष्ट्र में मुस्लिम वोटों के लिए सपा और AIMIM के बीच खींचतान तेज हो गई है। अखिलेश यादव ओवैसी के बढ़ते प्रभाव को कम करने और सपा के लिए मुस्लिम वोटों में सेंधमारी करने का प्रयास कर रहे हैं, जबकि ओवैसी मुस्लिम राजनीति में अपनी पकड़ मजबूत करने के लिए लगे हुए हैं।
11:22 AM Oct 18, 2024 IST | Vibhav Shukla
असदुद्दीन ओवैसी और अखिलेश यादव

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव: समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रमुख अखिलेश यादव अब ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलमीन (AIMIM) के नेता असदुद्दीन ओवैसी से उत्तर प्रदेश का सियासी हिसाब महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बराबर करने की कोशिश कर रहे हैं। ओवैसी मुस्लिम राजनीति के माध्यम से राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, वहीं अखिलेश भी अपनी पार्टी का विस्तार करने में लगे हैं। यह दोनों नेता हमेशा से मुस्लिम वोटों के कारण छत्तीस का रिश्ता रखते आए हैं।

महाराष्ट्र की राजनीतिक पृष्ठभूमि

अखिलेश यादव का यह दौरा विशेष रूप से मुस्लिम बहुल इलाकों पर केंद्रित है, जहां AIMIM का पहले से मजबूत आधार है। मालेगांव और धुले जैसे क्षेत्र, जहां ओवैसी की पार्टी ने हाल के चुनावों में जीत हासिल की, अब अखिलेश के लिए सियासी प्रयोगशाला बन चुके हैं। 2019 में AIMIM ने मालेगांव सेंट्रल और धुलिया सिटी विधानसभा सीटों पर जीत हासिल कर सबको चौंका दिया था। इससे पहले 2014 के चुनावों में भी ओवैसी की पार्टी ने औरंगाबाद सेंट्रल और भायखला सीटों पर विजय हासिल की थी। इस तरह, AIMIM ने महाराष्ट्र में मुस्लिम समुदाय के लिए एक वैकल्पिक राजनीतिक पहचान बना ली है।

ये भी पढ़ें- रविंदर रैना को पटखनी देने वाले सुरिंदर चौधरी कौन हैं? जिसे उमर अब्दुल्ला ने बनाया अपना डिप्टी

अखिलेश का मिशन: मुस्लिम वोटों की एकजुटता

अखिलेश यादव की रणनीति है कि वे ओवैसी के प्रभाव को कम करें और मुस्लिम वोटों में सेंधमारी से बचें। उन्होंने यह भी कहा है कि ओवैसी केवल मुस्लिम वोटों का उपयोग करते हैं और उनके मुद्दों पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं करते। वे मुस्लिम समुदाय को यह संदेश देना चाहते हैं कि उन्हें असल में किस पर भरोसा करना चाहिए। अखिलेश का यह प्रयास ओवैसी के बढ़ते प्रभाव को चुनौती देने के लिए है।

सपा के मुस्लिम विधायक और संभावित सीटें

महाराष्ट्र में सपा का सबसे अच्छा प्रदर्शन 2009 में देखा गया था, जब उन्होंने चार सीटें जीती थीं। लेकिन पिछले चुनावों में यह संख्या घटकर एक रह गई। वर्तमान में, सपा के पास सिर्फ दो विधायक हैं—अबू आजमी (शिवाजी नगर) और रईस शेख (भिवंडी पूर्व)। अब अखिलेश ने महाराष्ट्र में मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में अपनी दावेदारी बढ़ाने की योजना बनाई है, जिसमें मुंबई के मानकोर, भायखला, वर्सोवा, और ठाणे की भिवंडी ईस्ट और वेस्ट सीटें शामिल हैं।

मुस्लिम वोटों का बंटवारा

अखिलेश यादव का यह दौरा AIMIM के गढ़ में चुनावी चुनौती पेश करने के लिए है। उनका मानना है कि यदि उनकी पार्टी मुस्लिम बहुल क्षेत्रों में सही ढंग से प्रचार करती है, तो ओवैसी का प्रभाव कमजोर हो सकता है। इस चुनाव में, मुस्लिम वोटों का बंटवारा बहुत महत्वपूर्ण होगा, जिससे किसी एक पार्टी को लाभ हो सकता है।

ये भी पढ़ें- जानिए यूपी की 10 विधानसभा सीटों में से 9 पर कब होंगो उपचुनाव?

इंडिया गठबंधन में सपा की भागीदारी

अखिलेश यादव ने इंडिया गठबंधन में अपनी हिस्सेदारी को लेकर भी स्पष्टता दिखाई है। उन्होंने 12 सीटों की मांग की है, जिनमें से अधिकांश सीटें मुस्लिम बहुल हैं। उनका उद्देश्य उन सीटों पर प्रभावी ढंग से अपनी दावेदारी पेश करना है, जहां AIMIM का दबदबा रहा है। ऐसा करने से वे यह दिखाना चाहते हैं कि मुस्लिम समुदाय ओवैसी की तुलना में सपा पर अधिक भरोसा कर सकता है।

अब यह देखना बाकी है कि महाराष्ट्र में मुस्लिम वोटरों पर कौन प्रभाव डालता है। क्या अखिलेश यादव ओवैसी के गढ़ को भेदने में सफल होंगे, या ओवैसी की मजबूत पकड़ बरकरार रहेगी?

Tags :
aimimAkhilesh YadavMaharashtra electionsMuslim VotesOwaisiPolitical Strategyओवैसीमहाराष्ट्रसपा

ट्रेंडिंग खबरें

Next Article