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केजरीवाल के 'शीश महल' की जांच के आदेश, CVC करेगा वित्तीय अनियमितताओं की पड़ताल

CVC ने अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास के महंगे जीर्णोद्धार की जांच शुरू की। वित्तीय अनियमितताओं की पुष्टि होने पर कानूनी कार्रवाई संभव।
01:45 PM Feb 15, 2025 IST | Rohit Agrawal

दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की मुश्किलें और बढ़ सकती हैं। बता दें कि केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) ने उनके आधिकारिक मुख्यमंत्री आवास के महंगे जीर्णोद्धार की जांच के आदेश दिए हैं। यह जांच केंद्रीय लोक निर्माण विभाग (CPWD) द्वारा फ्लैगस्टाफ 6 रोड स्थित बंगले के पुनर्निर्माण में वित्तीय अनियमितताओं की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के बाद शुरू की गई है।

'शीश महल' बना विवाद की जड़

दिल्ली के 6 फ्लैगस्टाफ बंगले को आमतौर पर ‘शीश महल’ के नाम से भी जाना जाता है। यह अरविंद केजरीवाल का आधिकारिक निवास था, जिसे लेकर अब बड़े आरोप लग रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, इस बंगले के निर्माण में भारी मात्रा में सरकारी धन खर्च किया गया और वित्तीय नियमों का उल्लंघन हुआ। वहीं इस मामले में जब विवाद बढ़ा तो केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) ने इसे गंभीरता से लेते हुए आधिकारिक जांच शुरू करने का फैसला किया। यदि इस जांच में वित्तीय गड़बड़ियों की पुष्टि होती है, तो कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है।

सरकारी खजाने के दुरुपयोग का आरोप

रिपोर्ट्स के अनुसार, बंगले के जीर्णोद्धार में अत्यधिक खर्च किया गया, जबकि निर्माण में कई प्रक्रियागत खामियां भी पाई गईं। आरोप है कि भवन को अनावश्यक रूप से भव्य बनाने के लिए सरकारी खजाने पर अतिरिक्त बोझ डाला गया। वहीं भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता ने भी इस मुद्दे को लेकर दिल्ली के उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना को पत्र लिखा था, जिसमें बंगले के निर्माण में अनियमितताओं की जांच और इस पर कड़ी कार्रवाई की मांग की गई थी। उन्होंने अपनी शिकायत में यह भी मांग की कि संपत्ति को उसकी मूल स्थिति में बहाल किया जाए और सरकारी संपत्तियों पर हुए अतिक्रमण को हटाया जाए।

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CVC ने दिया उचित कार्यवाही का आश्वाशन

16 अक्टूबर 2024 को केंद्रीय सतर्कता आयोग (CVC) ने इस मामले की औपचारिक शिकायत दर्ज की थी। इसके बाद नवंबर 2024 में CVC ने शिकायत को CPWD को सौंप दिया और आगे की जांच के लिए कहा। CVC ने यह भी आश्वासन दिया कि तथ्यात्मक रिपोर्ट मिलने के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी। इसके तहत 21 अक्टूबर 2024 को भाजपा नेता विजेंद्र गुप्ता ने एक और औपचारिक शिकायत दर्ज कराई, जिसमें बंगले के जीर्णोद्धार पर हुए फिजूलखर्ची को लेकर सवाल उठाए गए थे।

क्या केजरीवाल पर कसेगा शिकंजा?

BJP नेताओं का दावा है कि केजरीवाल सरकार ने सरकारी धन का दुरुपयोग किया और बंगले के नवीनीकरण में करोड़ों रुपये झोंक दिए। CVC द्वारा की जा रही इस जांच के नतीजे अब बेहद अहम होंगे। यदि जांच में वित्तीय अनियमितता साबित होती है, तो केजरीवाल को कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है। बता दें कि दिल्ली की राजनीति में यह मुद्दा गंभीर विवाद का रूप ले चुका है और आने वाले दिनों में यह और तूल पकड़ सकता है।

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