Honey Trap: कर्नाटक ‘हनी-ट्रैप’ को लेकर सियासी घमासान तेज़, ‘हुश्न के जाल’ में कैसे फंसे कर्नाटक के 48 विधायक?
Karnataka ‘Honey-Trap’ Row: कर्नाटक की राजनीति में "हनी-ट्रैप" का जिन्न एक बार फिर बोतल से बाहर आ गया है। दरअसल राज्य के सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना के सनसनीखेज दावे ने विधानसभा से लेकर सड़क तक हंगामा मचा दिया है। 48 विधायकों के "हुश्न के जाल" में फंसने की बात ने कांग्रेस और BJP को आमने-सामने ला खड़ा किया है। यह कोई पहली बार नहीं है जब कर्नाटक में हनी-ट्रैप की गूंज सुनाई दी हो, लेकिन इस बार मामला (48 Karnataka MLA caught in honey trap) राष्ट्रीय स्तर तक पहुंच गया है। आइए, इस सियासी ड्रामे की परतों को विस्तार से समझते हैं।
क्या होता है हनी ट्रैप?
हनी ट्रैप एक प्रकार की जासूसी तकनीक है, जिसमें एक व्यक्ति को आकर्षित करने के लिए एक महिला या पुरुष का उपयोग किया जाता है।इसका उद्देश्य व्यक्ति से गोपनीय जानकारी प्राप्त करना या उसे किसी विशिष्ट कार्य के लिए प्रेरित करना होता है। हनी ट्रैप में अक्सर खूबसूरत लड़कियों का इस्तेमाल किया जाता है, जो अपने आकर्षण और हुस्न के जाल में टार्गेट शख्स को फंसाती हैं। इसके बाद, वे फोटो, वीडियो या मैसेज के जरिए ब्लैकमेल करती हैं और उनसे खुफिया जानकारी या पैसे की मांग करती हैं। बता दें कि यह एक खतरनाक और अनैतिक तकनीक है, जो व्यक्तिगत स्वतंत्रता और गोपनीयता का उल्लंघन करती है।
राजन्ना ने फोड़ा बम: 48 विधायकों के फंसे होने का दावा
20 मार्च 2025 को विधानसभा में केएन राजन्ना ने खुलासा किया कि उन्हें खुद हनी-ट्रैप का शिकार बनाने की कोशिश हुई। लेकिन असली धमाका तब हुआ, जब उन्होंने कहा कि "मेरे अलावा 47 और विधायक, यहाँ तक कि केंद्रीय नेता भी इस जाल में फंस चुके हैं।" राजन्ना ने इसे "सीडी और पेन ड्राइव की फैक्ट्री" करार देते हुए दावा किया कि यह नेटवर्क पूरे देश में फैला है। उनके मुताबिक, यह सिर्फ कर्नाटक की बात नहीं—राष्ट्रीय पार्टियों के बड़े चेहरे भी इसमें शामिल हैं। इस बयान ने देश के सियासी गलियारों में आग लगा दी।
विधानसभा में ज़ोरदार हंगामा, 18 BJP विधायक निलंबित
कर्नाटक की विधानसभा में दो दिनों तक हनी-ट्रैप का मुद्दा छाया रहा। BJP ने कांग्रेस सरकार पर हमला बोलते हुए राजन्ना के आरोपों पर जवाब मांगा। वहीं 21 मार्च को BJP विधायकों ने सीडी लहराते हुए जोरदार विरोध करते हुए दावा किया कि उनके पास इसके सबूत भी हैं। हंगामा इतना बढ़ गया कि 18 बीजेपी विधायकों को 6 महीने के लिए निलंबित तक कर दिया गया। कुछ को तो मार्शलों ने कंधों पर उठाकर बाहर निकाला। BJP ने इसे "कांग्रेस की हनी-ट्रैप फैक्ट्री" करार दिया, जबकि CM सिद्धारमैया और गृह मंत्री जी परमेश्वर ने "उच्च स्तरीय जांच" का वादा किया।
डीके शिवकुमार पर निशाना?
इस पूरे विवाद में डिप्टी CM डीके शिवकुमार का नाम बार-बार उछल रहा है। बता दें कि राजन्ना.. सिद्धारमैया के करीबी माने जाते हैं, और उनके बयान को शिवकुमार के खिलाफ साजिश के तौर पर देखा जा रहा है। बताते चलें कि 2021 में बीजेपी मंत्री रमेश जारकीहोली के हनी-ट्रैप कांड में शिवकुमार का नाम जोड़ा गया था, हालाँकि पुलिस ने बलात्कार के आरोप खारिज कर दिए थे। अब राजन्ना का यह दावा कांग्रेस के अंदरूनी गुटबाजी को हवा दे रहा है। शिवकुमार ने कहा, "मैं इस पर कुछ नहीं बोलूंगा। राजन्ना से शिकायत दर्ज करने को कहा है।" लेकिन सवाल उठता है—क्या यह शिवकुमार की CM बनने की महत्वाकांक्षा को कुंद करने की चाल है?
BJP का पलटवार, कांग्रेस में पड़ी दरार
BJP ने इस मौके को लपकते हुए कांग्रेस पर हमला बोला। विपक्ष के नेता आर अशोक ने सोशल मीडिया पर तंज कसा, "सारे मंत्री जो हनी-ट्रैप की बात कर रहे हैं, सिद्धारमैया के गुट से हैं। यह साफ है कि यह मामला कांग्रेस में सत्ता के खेल को और उलझा रहा है। वहीं बीजेपी इसे कांग्रेस की कमजोरी के तौर पर भुनाने की कोशिश में है।
सेक्स रैकेट का भी कनेक्शन?
इसी बीच, एक हाई-प्रोफाइल सेक्स रैकेट का भी भंडाफोड़ हुआ, जिसमें पश्चिम बंगाल और नेपाल से 23 लड़कियों को लाकर देह व्यापार में धकेला जा रहा था। पुलिस की छापेमारी में हुए इस खुलासे ने हनी-ट्रैप के दावों को और पुख्ता कर दिया है।
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