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Justice Verma Case: कैश कांड में जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ FIR कब होगी? गृहमंत्री अमित शाह ने किया बड़ा खुलासा

केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि इस मामले की गहरी जांच के लिए एक विशेष पैनल गठित किया गया है, जो इस मामले की तह तक जाने का काम करेगा। उनका कहना था कि हमें जजों द्वारा बनाई गई रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए।
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Justice Verma Case: जस्टिस यशवंत वर्मा के आधिकारिक बंगले से 3-4 बोरी कैश की बरामदगी पर देश के गृहमंत्री अमित शाह पहली बार मीडिया के सामने बोले। उन्होंने इस मामले में FIR दर्ज करने को लेकर अहम जानकारी देते हुए कहा कि जब तक भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) की अनुमति नहीं मिलती, तब तक इस मामले में FIR दर्ज नहीं की जा सकती है। गृह मंत्री ने यह बयान मीडिया से बातचीत के दौरान दिया।

अमित शाह ने बताया, FIR के लिए CJI की मंजूरी जरूरी

केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि इस मामले की गहरी जांच के लिए एक विशेष पैनल गठित किया गया है, जो इस मामले की तह तक जाने का काम करेगा। उनका कहना था कि हमें जजों द्वारा बनाई गई रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए। शाह ने बताया कि दिल्ली पुलिस और अग्निशमन विभाग समिति को सभी आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कर रहे हैं और पूरी तरह से सहयोग कर रहे हैं। इसके बाद इस मामले में जो भी निर्णय लिया जाएगा, वह समिति द्वारा सार्वजनिक किया जाएगा। जस्टिस यशवंत वर्मा (Justice Verma Case) के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने के लिए सीजेआई की अनुमति चाहिए होगी, उसके बाद ही उनके खिलाफ मामला दर्ज किया जा सकेगा।

Justice Yashwant Varma

वक्फ विधेयक पर भी शाह ने कही बड़ी बात

इसके अलावा, गृह मंत्री अमित शाह ने वक्फ विधेयक पर भी अपनी राय दी। उन्होंने कहा कि चाहे मुस्लिम धर्मगुरुओं, इस्लामिक संगठनों या फिर विपक्षी दलों द्वारा इसका विरोध किया जाए, सरकार इस विधेयक को संसद में पेश करेगी। अमित शाह ने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार ने 2013 में बिना किसी बहस के वक्फ विधेयक पारित किया था, जो सिर्फ वोटबैंक की राजनीति को ध्यान में रखते हुए किया गया था।

अमित शाह ने कहा, "हम इस विधेयक को संविधान के अनुरूप लाने का प्रयास कर रहे हैं। वर्तमान कानून के तहत वक्फ बोर्ड के निर्णयों को अदालत में चुनौती नहीं दी जा सकती है। जबकि सरकार के निर्णयों (Justice Verma Case) को अदालत में चुनौती दी जा सकती है, तो फिर वक्फ बोर्ड के निर्णयों को क्यों नहीं?" उन्होंने विपक्षी दलों पर आरोप लगाया कि वे मुस्लिम समुदाय को केवल वोटबैंक के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं।

राहुल गांधी पर भी कसा तंज

अमित शाह ने लोकसभा में विपक्षी नेता राहुल गांधी द्वारा यह आरोप लगाए जाने पर भी जवाब दिया कि उन्हें संसद में बोलने का अवसर नहीं मिल रहा। शाह ने कहा कि राहुल गांधी को संसद में बोलने के पर्याप्त अवसर मिलते हैं, और कांग्रेस को सभी संसदीय बहसों के लिए 40% समय मिलता है। उन्होंने यह भी कहा, "राहुल गांधी को अन्य सदस्यों के समय में बोलने का मन है, जो पार्टी कार्यालय में ठीक हो सकता है, लेकिन संसद में यह नियमों के खिलाफ है।"

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