परिसीमन पर दक्षिणी राज्यों का मंथन: जानें चेन्नई में क्या हुआ, किसने क्या कहा?
Delimitation Southern States Meeting: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने 22 मार्च 2025 को चेन्नई में परिसीमन के मुद्दे पर एक अहम बैठक बुलाई। यह संयुक्त कार्रवाई समिति (JAC) की पहली बैठक थी, जिसमें दक्षिणी और कुछ अन्य राज्यों के विपक्षी नेता जुटे। केंद्र सरकार के प्रस्तावित परिसीमन को लेकर गहरी चिंता और रणनीति पर चर्चा हुई। यह बैठक न सिर्फ राजनीतिक बल्कि संवैधानिक और संघीय ढांचे की सुरक्षा का मुद्दा बन गई। आइए, विस्तार से देखें कि इस मंथन में क्या हुआ और किसने क्या कहा।
बैठक का क्या है मकसद?
एमके स्टालिन ने इस बैठक को "निष्पक्ष परिसीमन के लिए संयुक्त कार्रवाई समिति" नाम दिया। उनका कहना था कि "हम परिसीमन के खिलाफ नहीं, बल्कि निष्पक्ष परिसीमन चाहते हैं।" स्टालिन की चिंता है कि जनसंख्या के आधार पर परिसीमन से दक्षिणी राज्यों की लोकसभा और विधानसभा सीटें घटेंगी, खासकर तमिलनाडु की, जहां 39 सीटें 8 कम होकर 31 रह सकती हैं। उन्होंने इसे संघीय ढांचे पर हमला बताते हुए कहा, "जिन राज्यों ने जनसंख्या नियंत्रण में सफलता पाई, उन्हें सजा क्यों?" स्टालिन ने एक विशेषज्ञ समिति बनाने का प्रस्ताव रखा, जो राजनीतिक और कानूनी लड़ाई लड़ेगी। अगली बैठक हैदराबाद में होगी।
#WATCH | Meeting on delimitation | Chennai, Tamil Nadu: DMK MP Kanimozhi says, "...Historic moment in the Indian political landscape and there was overwhelming response from across the country. Many leaders, Chief Ministers - like the Kerala CM, Telangana CM, Punjab CM, Karnataka… pic.twitter.com/PlCLnjMlAp
— ANI (@ANI) March 22, 2025
परसीमन पर दिग्गजों की बातें: किसने क्या कहा?
पिनराई विजयन (केरल CM): "BJP बिना परामर्श के परिसीमन थोप रही है। यह संकीर्ण राजनीतिक हितों से प्रेरित है, संविधान से नहीं। जनगणना के बाद उत्तरी राज्यों की सीटें बढ़ेंगी, दक्षिण की घटेंगी। यह BJP को फायदा देगा, क्योंकि उत्तर में उसका दबदबा है।" विजयन ने इसे लोकतंत्र के लिए खतरा बताया।
भगवंत मान (पंजाब CM):"BJP जहां जीतती है, वहां सीटें बढ़ाना चाहती है, और जहां हारती है, वहां कम करना। यह राजनीतिक खेल है।" इस प्रकार मान ने केंद्र की मंशा पर सवाल उठाए।
रेवंत रेड्डी (तेलंगाना CM):"दक्षिण ने परिवार नियोजन में शानदार काम किया, लेकिन उत्तर के बड़े राज्य फेल हुए। हम राजस्व में ज्यादा योगदान देते हैं, फिर भी कम मिलता है। परिसीमन हमारी मेहनत का अपमान है।" रेड्डी ने इसे अन्याय करार दिया।
डीके शिवकुमार (कर्नाटक डिप्टी CM): "यह भारतीय इतिहास का अहम आंदोलन है। स्टालिन के नेतृत्व में हम संघवाद और संविधान की रक्षा कर रहे हैं।" शिवकुमार ने इसे व्यापक लड़ाई का हिस्सा बताया।
#WATCH | Delhi: On delimitation row, Congress MP Jairam Ramesh says, "Delimitation cannot be done without a fresh census. Atal Bihari Bajpai amended the Constitution to say that the delimitation will be postponed till we complete the first census after 2026, which means 2031.… pic.twitter.com/cJ5BfHC3QK
— ANI (@ANI) March 22, 2025
स्टालिन की क्या है चिंता?
स्टालिन का डर है कि जनसंख्या आधारित परिसीमन से प्रगतिशील दक्षिणी राज्यों का प्रतिनिधित्व कम होगा, जबकि उत्तरी राज्यों का बढ़ेगा। इससे संसद में असंतुलन पैदा होगा। उन्होंने कहा, "यह राज्यों के अस्तित्व का सवाल है। हमें जागरूकता फैलानी होगी।" उनकी मांग है कि 1971 की जनगणना को आधार बनाया जाए, ताकि जनसंख्या नियंत्रण वाले राज्यों को नुकसान न हो।
कौन-कौन पहुंचा बैठक में?
बैठक में केरल के पिनराई विजयन, तेलंगाना के रेवंत रेड्डी, पंजाब के भगवंत मान समेत 5 राज्यों से 14 नेता शामिल हुए। कर्नाटक से डिप्टी CM डीके शिवकुमार आए। BJD, भारत राष्ट्र समिति (BRS) और कुछ अन्य दलों के प्रतिनिधि भी पहुंचे। कुछ नेता वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से जुड़े। यह विपक्षी एकता का बड़ा प्रदर्शन था, जिसमें गैर-बीजेपी शासित राज्य एकजुट दिखे।
बैठक पर BJP ने क्या कहा?
BJP ने इस बैठक को "राजनीतिक ड्रामा" करार दिया। तमिलनाडु BJP नेता तमिलिसाई सुंदरराजन ने कहा कि "स्टालिन भ्रष्टाचार और नाकामी से ध्यान हटाने के लिए यह सब कर रहे हैं। BJP का दावा है कि परिसीमन संवैधानिक प्रक्रिया है जिससे दक्षिण को नुकसान नहीं होगा। पार्टी ने चेन्नई में काले झंडे दिखाकर विरोध किया और स्टालिन पर कावेरी-मुल्लापेरियार जैसे जल विवादों को नजरअंदाज करने का आरोप लगाया। गृह मंत्री अमित शाह ने पहले कहा था कि सीटें "आनुपातिक आधार" पर बढ़ेंगी, लेकिन विपक्ष इसे भरोसा नहीं मानता।
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