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कपिल मिश्रा को बड़ा झटका !कोर्ट ने FIR दर्ज करने का दिया आदेश...बढ़ी कानूनी परेशानियां..भाजपा में हलचल

दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने मंगलवार को 2020 दिल्ली दंगों से जुड़े एक अहम फैसले में तात्कालिक भाजपा नेता और दिल्ली सरकार में मौजूदा कानून मंत्री कपिल मिश्रा...
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Delhi Riots Case: दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट ने मंगलवार को 2020 दिल्ली दंगों से जुड़े एक अहम फैसले में तात्कालिक भाजपा नेता और दिल्ली सरकार में मौजूदा कानून मंत्री कपिल मिश्रा समेत अन्य लोगों के खिलाफ जांच के लिए FIR दर्ज करने का आदेश दिए हैं। कोर्ट ने यह फैसला दंगों में कथित भूमिका की जांच को लेकर सुनाया है, (Delhi Riots Case)  जिससे राजनीतिक हलको में हलचल मच गइ है। मामले की सुनवाई करते हुए अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट वैभव चौरसिया ने इसे "प्रथम दृष्टया" संज्ञेय अपराध पाया है, इस मामले जांच की जरुरत है। राउज एवेन्यू कोर्ट ने तात्कालिक भाजपा नेता की भूमिका का जिक्र करते हुए कहा, "यह साफ है कि कपिल मिश्रा कथित अपराध के समय इलाके में मौजूद थे। मामले में आगे जांच की जरुरत है।

दिल्ली दंगों से जुड़ा है मामला

आपकों बता दें, यमुना विहार निवासी मोहम्मद इलियास ने दिसंबर 2024 में कपिल मिश्रा के साथ 6 अन्य लोगों की भूमिका की जांच करने की मांग करते हुए कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिसमें एफआईआर दर्ज करने की मांग की गई थी। हालांकि मोहम्मद इलियास की याचिका दिल्ली ने विरोध किया था। दिल्ली पुलिस ने दावा किया था कि सांप्रदायिक हिंसा में कपिल मिश्रा की भूमिका की पहले ही जांच हो चुकी है और उसमें कुछ आपत्तिजनक बात सामने नहीं आई है।

याचिकाकर्ता ने किया ये दावा

मीडिया में छपी खबरों के मुताबिक, इस याचिका में दंगों में कथित संलिप्तता के लिए कपिल मिश्रा के साथ ही मुस्तफाबाद विधायक और डिप्टी स्पीकर मोहन सिंह बिष्ट, तत्कालीन डीसीपी (उत्तर पूर्व), दयालपुर पुलिस स्टेशन के तत्कालीन SHO और पूर्व भाजपा विधायक जगदीश प्रधान का नाम भी शामिल किया गया है। इस दंगे में 53 लोग मारे गए थे और 700 से अधिक घायल हो गए थे।

याचिकाकर्ता मोहम्मद इलियास ने दावा किया कि दंगों के दौरान 23 फरवरी 2020 को उन्होंने कपिल मिश्रा और अन्य आरोपियों को कर्दमपुरी में एक सड़क को जाम करते और सड़क पर लगे ठेलों को नष्ट करते हुए देखा था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उत्तर पूर्व दिल्ली के पूर्व डीसीपी और कुछ अन्य अधिकारी मौके पर कपिल मिश्रा के साथ खड़े थे, जब उन्होंने नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ विरोध कर रहे लोगों को धमकी दी थी।

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