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BRS का गांधी परिवार पर हमला, कहा- जब अल्पसंख्यकों को जरूरत थी, तब कहां थे

लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पर चल रही गरमागरम बहस के बीच कांग्रेस के दो बड़े नेता, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की अनुपस्थिति ने राष्ट्रीय राजनीति को गर्मा दिया है। तेलंगाना राष्ट्र समिति (BRS) की नेता के कविता ने...
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लोकसभा में वक्फ संशोधन बिल पर चल रही गरमागरम बहस के बीच कांग्रेस के दो बड़े नेता, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी की अनुपस्थिति ने राष्ट्रीय राजनीति को गर्मा दिया है। तेलंगाना राष्ट्र समिति (BRS) की नेता के कविता ने कांग्रेस नेताओं की इस चुप्पी पर सवाल उठाते हुए एक कड़ा बयान जारी किया है। उनका आरोप है कि गांधी परिवार ने इस महत्वपूर्ण मुद्दे पर अपनी जिम्मेदारी से मुंह मोड़ लिया।

कहा, गांधी परिवार की प्राथमिकताएं सिर्फ चुनावी फायदे तक सीमित हैं

बीआरएस की नेता के कविता ने कहा कि तेलंगाना के लोग अच्छी तरह से जानते हैं कि यह भाई-बहन जब भी चुनावी दौरे पर आते हैं, बड़े-बड़े वादे करते हैं, और फिर चुनाव जीतने के बाद एकदम चुप हो जाते हैं। खासकर तब जब लाखों लोगों के अधिकारों की बात हो, विशेष रूप से अल्पसंख्यकों की सुरक्षा की। ऐसे मामलों में गांधी परिवार का नज़र ना आना पूरी तरह से दिखाता है कि उनकी प्राथमिकताएं सिर्फ चुनावी फायदे तक सीमित हैं।

Rahul Gandhi on Constitution Debate in Lok Sabha
Rahul Gandhi

अल्पसंख्यक समुदाय को राहुल गांधी से उम्मीदें थी

के कविता ने राहुल गांधी पर सीधा हमला करते हुए कहा कि विपक्ष के नेता होने के नाते राहुल को इस महत्वपूर्ण विधेयक पर अपनी आवाज़ उठानी चाहिए थी। यह विधेयक सीधे तौर पर 30 करोड़ लोगों को प्रभावित करता है, लेकिन राहुल गांधी इस पर कुछ नहीं बोले। के कविता ने यह भी कहा कि गांधी परिवार की चुप्पी इस वक्त सभी अल्पसंख्यक समुदाय को बहुत खल रही है, खासकर तब जब लोग उनकी सबसे अधिक उम्मीदें लगाए बैठे थे।

जब जनता को गांधी परिवार की जरूरत थी, ये लोग नदारद थे

इसके अलावा, प्रियंका गांधी की भी अनुपस्थिति पर सवाल खड़े किए गए। के कविता ने कहा कि प्रियंका गांधी का न आना भी निराशाजनक था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि अगर चुनाव हो रहे होते तो गांधी परिवार के सभी सदस्य मौके पर होते और इस मुद्दे पर सक्रिय रूप से बोलते, लेकिन जब बात असली मुद्दों की होती है तो वे गायब रहते हैं। यहां तक कि के कविता ने यह भी कहा कि इस सबका कारण यही है कि गांधी परिवार को हम 'चुनावी गांधी' कहते हैं। अगर चुनाव होते, तो गांधी परिवार के तीनों सदस्य इस पर बोलते और मुद्दे को उठाते, लेकिन जब जनता को उनकी सबसे ज्यादा जरूरत थी, तो वे वहां नहीं थे।

Anti Waqf Amendment Bill Protest

वक्फ बिल पर चर्चा के दौरान भी अनुपस्थित थे

यह विवाद तब और बढ़ा, जब लोकसभा और राज्यसभा में वक्फ बिल के संशोधन पर लंबी बहस हुई और आखिरकार यह बिल पास हो गया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने इस पर हस्ताक्षर भी कर दिए, जबकि कई राज्यों में इसके विरोध में आवाजें उठ रही हैं। हालांकि, सरकार ने स्पष्ट संकेत दिए हैं कि उनकी मंशा इस विधेयक को पूरी तरह लागू करने की है, चाहे इसका विरोध कहीं भी क्यों न हो।

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