नड्डा की जगह कौन? पीएम आवास पर अहम बैठक, एक हफ्ते में हो जाएगा BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष का फैसला!
भारतीय जनता पार्टी (BJP) के राष्ट्रीय अध्यक्ष का ताज कौन पहनेगा, यह सवाल अब दिल्ली के सियासी गलियारों में गूँज रहा है। बुधवार, 16 अप्रैल 2025 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के आवास पर एक हाई-प्रोफाइल बैठक ने इस चर्चा को और हवा दी। गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बीएल संतोष की मौजूदगी में हुई इस बैठक में नए अध्यक्ष के नाम पर मंथन हुआ। सूत्रों की मानें, तो एक हफ्ते के भीतर नया नाम सामने आ सकता है। जेपी नड्डा का कार्यकाल जनवरी 2023 में ही खत्म हो चुका था, लेकिन लोकसभा और विधानसभा चुनावों के चलते इसे बढ़ाया गया। अब जब 2029 का लोकसभा चुनाव नए नेतृत्व में लड़ा जाएगा, तो BJP और RSS दोनों एक ऐसे चेहरे की तलाश में हैं, जो संगठन को नई ऊँचाइयों तक ले जाए। आठ दावेदारों की रेस, RSS की पसंद, और संगठन में बड़े बदलाव की सुगबुगाहट। आइए, इस सियासी ड्रामे को रोचक अंदाज में खोलते हैं, जैसे कोई थ्रिलर फिल्म का क्लाइमेक्स!
क्यों हो रही है देरी? तीन बड़े कारण
BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव जनवरी 2025 तक हो जाना था, लेकिन अप्रैल आधा बीतने के बाद भी फैसला टल रहा है। इसके पीछे तीन मुख्य वजहें हैं:
1.विपक्ष के नैरेटिव का जवाब: BJP नहीं चाहती कि अध्यक्ष के चयन में जल्दबाजी से कोई गलत संदेश जाए। विपक्ष लंबे समय से यह नैरेटिव बना रहा है कि BJP में एक वर्ग की आवाज दबाई जाती है। पार्टी चाहती है कि नया अध्यक्ष ऐसा हो, जो सभी वर्गों को साथ ले चले और 2029 के लोकसभा चुनाव में विपक्ष के जातिगत और सामाजिक समीकरणों को तोड़े।
2.महिलाओं को 33% हिस्सेदारी: BJP की योजना है कि नए अध्यक्ष के नेतृत्व में राष्ट्रीय परिषद, कार्यकारिणी, संसदीय बोर्ड, और केंद्रीय चुनाव समिति में महिलाओं को 33% तक प्रतिनिधित्व दिया जाए। यह कदम नारी शक्ति को बढ़ावा देने और विपक्ष के 'महिला विरोधी' नैरेटिव को काटने की रणनीति है।
3.RSS का जोर—युवा और वैचारिक समर्पण: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) चाहता है कि BJP और इसके सहयोगी संगठनों में विचारधारा के प्रति समर्पित युवा चेहरों को मौका मिले। संघ का मानना है कि संगठन में ऐसी व्यवस्था हो, जो भविष्य के नेताओं को तैयार करे। यह सिर्फ अध्यक्ष तक सीमित नहीं, बल्कि पूरी राष्ट्रीय कार्यकारिणी और परिषद पर लागू हो।
PM आवास की बैठक में क्या हुआ?
सूत्रों के मुताबिक, 16 अप्रैल 2025 को पीएम मोदी के आवास पर हुई बैठक BJP के भविष्य की दिशा तय करने वाली थी। अमित शाह, राजनाथ सिंह, और बीएल संतोष जैसे दिग्गजों ने संगठनात्मक बदलावों पर गहन चर्चा की। सूत्रों के मुताबिक इन गहन मुद्दों पर विस्तार से चर्चा हुई:
1.राष्ट्रीय अध्यक्ष पर मंथन: नए अध्यक्ष के लिए नामों पर विचार हुआ, और 20 अप्रैल के बाद चुनाव प्रक्रिया शुरू हो सकती है। पार्टी सूत्रों का दावा है कि एक हफ्ते के भीतर फैसला हो सकता है।
2.राज्यों में बदलाव: कर्नाटक, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, और मध्य प्रदेश जैसे राज्यों के लिए नए प्रदेश अध्यक्षों के नामों पर चर्चा हुई। अगले 2-3 दिनों में आधा दर्जन राज्यों के अध्यक्षों की घोषणा संभव है।
3.RSS की भूमिका: RSS के साथ समन्वय इस प्रक्रिया का अहम हिस्सा है। अगस्त 2024 में राजनाथ सिंह के आवास पर हुई 5 घंटे की बैठक में RSS ने अपनी प्राथमिकताएँ साफ की थीं कि संगठन में मजबूत और स्वतंत्र नेतृत्व, जो मोदी-शाह के इशारों पर न चले।
बता दें कि यह बैठक सिर्फ एक औपचारिकता नहीं थी। यह BJP और RSS के बीच सत्ता और विचारधारा के संतुलन का मंच भी थी, जहाँ 2029 के चुनाव की नींव रखी जा रही है।
आठ दावेदार: कौन बनेगा BJP का नया चेहरा?
BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष की रेस में आठ बड़े नाम सामने हैं, जिनमें अनुभव, RSS की पसंद, और सामाजिक समीकरणों का मिश्रण है। आइए, इन दावेदारों को जानें:
शिवराज सिंह चौहान: मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और 6 बार के सांसद। लाडली बहना योजना से महिलाओं में लोकप्रिय। OBC समुदाय से, RSS की पहली पसंद। 13 साल की उम्र से संघ से जुड़े, इमरजेंसी में जेल भी गए।
सुनील बंसल: यूपी में BJP के 'चाणक्य'। 2014 और 2017 में यूपी में जीत के सूत्रधार। ओडिशा, बंगाल, और तेलंगाना में भी दिला चुके हैं सफलता। RSS के करीबी और संगठन में गहरी पैठ।
धर्मेंद्र प्रधान: केंद्रीय शिक्षा मंत्री, ओडिशा से OBC नेता। 40 साल का संगठनात्मक अनुभव। ABVP से शुरूआत, 2 बार लोकसभा और 2 बार राज्यसभा सांसद। मोदी-शाह के सबसे भरोसेमंद।
रघुवर दास: झारखंड के पहले गैर-आदिवासी सीएम। 5 साल स्थिर शासन। OBC समुदाय से, पूर्वोत्तर में BJP के विस्तार में मददगार। जमीनी कार्यकर्ताओं में पकड़।
स्मृति ईरानी: मजबूत महिला चेहरा, कई मंत्रालयों का अनुभव। RSS से अच्छे रिश्ते। हिंदी बेल्ट और दक्षिण भारत में प्रभाव। अमेठी में राहुल गांधी को हराने की उपलब्धि।
वानति श्रीनिवासन: BJP महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष। तमिलनाडु में कोयंबटूर से कमल हासन को हराया। RSS और विश्व हिंदू परिषद से पारिवारिक रिश्ते। दक्षिण में BJP को मजबूत करने में योगदान।
तमिलिसाई सौंदर्यराजन: तमिलनाडु BJP की पूर्व अध्यक्ष। 1999 से पार्टी से जुड़ीं। मोदी-शाह की करीबी। दक्षिण में पार्टी विस्तार में अहम भूमिका।
डी. पुरंदेश्वरी: आंध्र प्रदेश BJP अध्यक्ष, NTR की बेटी। कांग्रेस से BJP में आईं। तेलुगु राज्यों में जनाधार बढ़ाने की क्षमता।
बता दें कि इनमें से शिवराज सिंह चौहान RSS की लिस्ट में टॉप पर हैं, जबकि सुनील बंसल और धर्मेंद्र प्रधान संगठन और सरकार के बीच संतुलन के लिए मजबूत दावेदार हैं।
नए अध्यक्ष के सामने 12 चुनावों की रहेगी अहम चुनौती
BJP के संविधान के मुताबिक, राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यकाल 3 साल का होता है, और कोई व्यक्ति लगातार दो बार से ज्यादा अध्यक्ष नहीं बन सकता। नड्डा का कार्यकाल बढ़ने के बाद अब नए अध्यक्ष को 2025 से 2028 तक 12 बड़े चुनावों का नेतृत्व करना होगा, जिनमें शामिल हैं:
- 2025: बिहार के असेम्बली इलेक्शन समेत कुछ उपचुनाव।
- 2026: पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, असम, केरल, पुडुचेरी के एसेंबली इलेक्शन
- 2027: उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, गोवा, मणिपुर, गुजरात के विधानसभा चुनाव।
- 2028: मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, त्रिपुरा, मेघालय, नगालैंड।
इन चुनावों में नए अध्यक्ष को विपक्ष के जातिगत और क्षेत्रीय समीकरणों को तोड़ना होगा, साथ ही दक्षिण और पूर्वोत्तर में BJP का विस्तार करना होगा।
क्या RSS और मोदी-शाह के बीच टकराव?
BJP और RSS के बीच राष्ट्रीय अध्यक्ष के चयन को लेकर तनाव की खबरें सामने आती रही हैं। RSS एक ऐसे नेता को चाहता है, जो स्वतंत्र हो और संगठन को विचारधारा के रास्ते पर ले जाए। अगस्त 2024 में राजनाथ सिंह के आवास पर हुई बैठक में RSS ने साफ किया था कि वह 'मोदी-शाह के येस मैन' को नहीं चाहता। वहीं कुछ X पोस्ट में दावा किया गया है कि RSS ने संजय जोशी का नाम सुझाया, जिसे मोदी-शाह ने खारिज कर शिवराज को आगे बढ़ाया।
हालाँकि, यह दावा पुष्ट नहीं है। बीएल संतोष का नाम भी चर्चा में था, लेकिन उनकी कर्नाटक सीएम बनने की महत्वाकांक्षा को RSS ने ठंडा कर दिया। यह टकराव दिखाता है कि नया अध्यक्ष सिर्फ BJP का नहीं, बल्कि संघ के साथ तालमेल का भी प्रतीक होगा।
BJP के लिए लिखा जाएगा नया अध्याय
BJP के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव सिर्फ एक औपचारिक प्रक्रिया नहीं, बल्कि 2029 के लोकसभा चुनाव की नींव है। पीएम आवास पर हुई बैठक ने साफ कर दिया कि पार्टी और RSS एक ऐसे चेहरे की तलाश में हैं, जो संगठन को एकजुट रखे, दक्षिण-पूरब में विस्तार करे, और विपक्ष के नैरेटिव को ध्वस्त करे। शिवराज सिंह चौहान, सुनील बंसल, और धर्मेंद्र प्रधान जैसे दिग्गजों के बीच स्मृति ईरानी, वानति श्रीनिवासन और तमिलिसाई सौंदर्य राजन जैसी महिला नेताओं की मौजूदगी इस रेस को और रोचक बनाती है। एक हफ्ते में फैसला होने की उम्मीद के बीच सवाल यह है कि क्या BJP का नया अध्यक्ष मोदी-शाह की छाया में रहेगा, या RSS की विचारधारा का नया सिपाही बनेगा? जवाब जल्द सामने होगा, लेकिन तब तक यह सियासी थ्रिलर हर कार्यकर्ता और सियासत के दीवाने को बाँधे रखेगा।
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