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BJP का बवंडर! किरोड़ी...विज के बाद BJP ने 5 और नेताओं को दिखाया नोटिस का आईना

भारतीय जनता पार्टी (BJP) में संगठनात्मक अनुशासन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाती रही है। हाल के घटनाक्रमों..
03:15 PM Mar 26, 2025 IST | Rajesh Singhal

BJP disciplinary action: भारतीय जनता पार्टी (BJP) में संगठनात्मक अनुशासन को सर्वोच्च प्राथमिकता दी जाती रही है। हाल के घटनाक्रमों से यह स्पष्ट होता जा रहा है कि पार्टी नेतृत्व अब किसी भी प्रकार की अनुशासनहीनता और गुटबाजी को बर्दाश्त करने के मूड में नहीं है। राजस्थान और हरियाणा में (BJP disciplinary action) वरिष्ठ नेताओं को नोटिस देने के बाद अब कर्नाटक में पांच प्रमुख नेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। यह सख्त कार्रवाई भाजपा के भीतर चल रही अंतर्कलह और बढ़ती गुटबाजी पर लगाम लगाने के प्रयास के रूप में देखी जा रही है।

अनुचित बयानबाजी पर पांच नेताओं को नोटिस

भाजपा की केंद्रीय अनुशासन समिति के सदस्य सचिव ओम पाठक ने मंगलवार को कर्नाटक के पांच नेताओं को कारण बताओ नोटिस जारी किया। ये नेता हैं...पूर्व मंत्री कट्टा सुब्रमण्यम नायडू, एम.पी. रेणुकाचार्य, शिवराम हेब्बार, एस.टी. सोमशेखर और विधायक बी.पी. हरीश। इन नेताओं पर आरोप है कि उन्होंने पार्टी के आंतरिक मामलों को सार्वजनिक रूप से उजागर करते हुए अनुचित बयान दिए और संगठन के अनुशासन का उल्लंघन किया।

कर्नाटक में भाजपा के भीतर गुटबाजी लंबे समय से चल रही है। विजयपुर के विधायक बसनगौड़ा पाटिल यत्नाल के नेतृत्व में एक गुट प्रदेश अध्यक्ष बी.वाई. विजयेंद्र के खिलाफ मुखर है। यह गुट विजयेंद्र को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने की मांग कर रहा है। यत्नाल को गोकाक के विधायक रमेश जारकीहोली समेत अन्य नेताओं का समर्थन प्राप्त है। यत्नाल इससे पहले भी पार्टी नेतृत्व के खिलाफ कई विवादित बयान दे चुके हैं, जिसके चलते उन्हें दो बार कारण बताओ नोटिस मिल चुका है।

सोमशेखर...हेब्बार पर कड़ी कार्रवाई की संभावना

सूत्रों के मुताबिक, भाजपा नेतृत्व शिवराम हेब्बार और एस.टी. सोमशेखर के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने पर गंभीरता से विचार कर रहा है। इन दोनों नेताओं को कांग्रेस के शीर्ष नेताओं का करीबी माना जाता है। सोमशेखर कई बार कांग्रेस के कार्यक्रमों में देखे गए हैं, जिससे भाजपा नेतृत्व नाराज बताया जा रहा है।

इसके अलावा, राज्यसभा चुनाव के दौरान भी इन नेताओं पर पार्टी व्हीप के उल्लंघन के आरोप लगे थे। भाजपा नेतृत्व का मानना है कि यदि समय रहते इन नेताओं पर कार्रवाई नहीं की गई, तो इससे पार्टी के अनुशासन पर गलत प्रभाव पड़ेगा। प्रदेश अध्यक्ष विजयेंद्र ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि अनुशासनहीनता करने वाले नेताओं को बख्शा नहीं जाएगा।

किरोड़ी लाल मीणा और अनिल विज को भी मिला था नोटिस

भाजपा के इस सख्त रुख का संकेत पहले ही मिल चुका था जब पार्टी ने राजस्थान और हरियाणा के दो कद्दावर नेताओं...किरोड़ी लाल मीणा और अनिल विज....को अनुशासनहीनता के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया था।

राजस्थान में मंत्री किरोड़ी लाल मीणा ने हाल ही में दावा किया था कि उनकी फोन टैपिंग करवाई जा रही है। यह बयान उन्होंने अपनी ही पार्टी की सरकार के खिलाफ दिया था। इस बयान के बाद भाजपा ने उन पर अनुशासनहीनता का आरोप लगाते हुए नोटिस थमा दिया। हरियाणा में वरिष्ठ मंत्री और सात बार के विधायक अनिल विज को भी अनुशासनहीनता के कारण पार्टी की ओर से नोटिस मिला था। विज ने मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी और प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बडोली के खिलाफ सार्वजनिक रूप से तीखी टिप्पणियां की थीं, जिससे पार्टी नेतृत्व असहज महसूस कर रहा था।

अनुशासनहीनता बर्दाश्त नहीं...

भाजपा नेतृत्व का यह रुख स्पष्ट संकेत देता है कि पार्टी अब आंतरिक कलह और गुटबाजी को किसी भी कीमत पर बढ़ावा नहीं देगी। राजस्थान, हरियाणा और अब कर्नाटक में सख्त अनुशासनात्मक कार्रवाई यह दर्शाती है कि भाजपा नेतृत्व अपनी पकड़ को और मजबूत करने के मूड में है।

भाजपा की यह कार्रवाई उन नेताओं के लिए कड़ा संदेश है जो संगठन के विरुद्ध बयानबाजी कर रहे हैं या पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल हैं। भविष्य में भी भाजपा अपने अनुशासन के नियमों को कड़ाई से लागू करेगी और जो नेता पार्टी लाइन से अलग जाने की कोशिश करेंगे, उनके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।

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