Bihar Chunav: एनडीए ने तय किया 'मिशन 225' टारगेट, महागठबंधन को मिलेगी कड़ी चुनौती
Bihar Chunav 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की घड़ी करीब आ चुकी है और राजनीतिक हलचल तेज हो चुकी है। इस बार के चुनाव में मुख्य मुकाबला दो धड़ों के बीच है: एक तरफ सत्ता में काबिज एनडीए (NDA) और दूसरी तरफ महागठबंधन। भाजपा के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बिहार की यात्रा कर इस चुनावी दंगल की तैयारी को और तेज कर दिया है।
एनडीए जुटा मिशन 225 की तैयारी में
अमित शाह ने गोपालगंज में एक जनसभा को संबोधित करने के बाद पटना में एनडीए के घटक दलों के प्रमुख नेताओं के साथ चुनावी रणनीति पर एक महत्वपूर्ण बैठक की। इस बैठक में चर्चा का मुख्य मुद्दा था "मिशन 225", जो एनडीए का चुनावी लक्ष्य है। बिहार में कुल 243 विधानसभा सीटें हैं, और एनडीए ने इस बार 225 सीटें जीतने का लक्ष्य निर्धारित किया है। अगर एनडीए इस लक्ष्य को हासिल करने में सफल होता है, तो गठबंधन को दो-तिहाई बहुमत मिल सकता है, जो राज्य में स्थिर सरकार बनाने के लिए जरूरी है।
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की अगुआई में होगा चुनावी रणनीति पर मंथन
अमित शाह की बैठक में बिहार एनडीए के शीर्ष नेता शामिल हुए, जिनमें मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, केंद्रीय मंत्री जीतन राम मांझी, ललन सिंह और चिराग पासवान जैसे नेताओं का नाम प्रमुख था। इस बैठक में लगभग 20 मिनट तक चुनावी रणनीति पर गहन चर्चा की गई। खास बात यह है कि सभी नेताओं ने एनडीए के अंदर एकजुटता और समर्पण का संकल्प लिया और चुनावी प्रचार के दौरान एकजुट होकर काम करने पर सहमति जताई।
महागठबंधन को लेकर तय होगी रणनीति
विधानसभा चुनाव (Bihar Chunav 2025) में बिहार की राजनीति का भविष्य तय होने वाला है, लेकिन एनडीए की सबसे बड़ी चुनौती होगी महागठबंधन को मात देना। गठबंधन की ताकत को देखते हुए यह मुकाबला काफी दिलचस्प होने वाला है। एनडीए का लक्ष्य है कि वह चुनावी प्रचार में अपने सभी घटक दलों के शीर्ष नेताओं को एक मंच पर लाकर जनता को अपने पक्ष में आकर्षित करें।
नीतीश कुमार, चिराग पासवान और ललन सिंह के साथ अमित शाह की जुगलबंदी करेगी कमाल
राजनीति में कभी-कभी तस्वीरें भी बहुत कुछ कह जाती हैं। हाल ही में एनडीए के नेताओं ने बैठक के बाद एक फोटो सेशन किया, जिसमें अमित शाह के बाएं ओर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खड़े थे, और दाएं ओर चिराग पासवान और ललन सिंह थे। यह तस्वीर राजनीति में समीकरणों और समीपता को दर्शाती है, और इससे यह सवाल उठता है कि क्या नीतीश कुमार और अमित शाह के बीच गठबंधन (Bihar Chunav 2025) की मजबूती कायम रहेगी या फिर उसमें कोई बदलाव होगा।
अमित शाह ने लिया संकल्प 'मिशन 225' को पूरा करने का
अमित शाह की बैठक में मिशन 225 पर विशेष जोर दिया गया। यह स्पष्ट किया गया कि एनडीए के घटक दल एकजुट होकर 225 सीटों की ओर कदम बढ़ाएंगे। चुनाव प्रचार में यह बात प्रमुखता से रखी जाएगी कि बिहार में पिछले पांच सालों में एनडीए ने कई महत्वपूर्ण योजनाओं और विकास कार्यों को पूरा किया है, और अब वह जनता के बीच अपनी सरकार के कामों को और मजबूती से पेश करेंगे। एनडीए का मानना है कि यदि वे 225 सीटों तक पहुंचने में सफल रहते हैं, तो यह राज्य में उनकी सियासी ताकत को और भी मजबूत करेगा। हालांकि, यह चुनौतीपूर्ण होगा क्योंकि महागठबंधन भी बिहार के विकास और स्थानीय मुद्दों को लेकर जनता को आकर्षित करने की पूरी कोशिश करेगा।
विधानसभा चुनावों में कड़ा होगा मुकाबला
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में सियासी दांव-पेच को देखते हुए यह स्पष्ट है कि मुकाबला बेहद कड़ा होने वाला है। एनडीए ने इस बार मिशन 225 के साथ राज्य की राजनीति में एक बड़ा कदम उठाया है, लेकिन महागठबंधन भी आसानी से हाथ नहीं खींचने वाला। यह देखना दिलचस्प होगा कि नीतीश कुमार और उनके सहयोगी दल इस चुनावी रण में किस तरह अपनी रणनीतियों को अंजाम देते हैं। बिहार की जनता को यह चुनाव (Bihar Chunav 2025) अपने भविष्य का फैसला करने का मौका देगा, और इस बार की लड़ाई न सिर्फ चुनावी बल्कि सियासी प्रतिष्ठा की भी होगी।
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