बिहार की सत्ता में NDA की एंट्री फिर से तय? चिराग पासवान ने फॉर्मूला बताया, राजनीति गरमाई!
Bihar Assembly Elections 2025: बिहार की सियासत में हलचल तेज हो गई है। चुनावी साल में हर दल अपनी रणनीति को धार देने में जुटा है। इस बीच केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के दो दिवसीय बिहार दौरे ने राजनीतिक सरगर्मियां और बढ़ा दी हैं। एनडीए के घटक दलों के बीच बैठकों का दौर जारी है, जिससे 2025 विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी समीकरण और भी रोचक होते जा रहे हैं।
लोजपा (रामविलास) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने एनडीए गठबंधन को लेकर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि एनडीए में विनिंग कॉम्बिनेशन मौजूद है, जो आगामी चुनाव में ऐतिहासिक जीत दर्ज करेगा।(Bihar Assembly Elections 2025) उन्होंने यह भी कहा कि एनडीए के सहयोगी दल लगातार बैठकें कर रहे हैं, एक-दूसरे को समझ रहे हैं, जिससे चुनाव की रणनीति को और मजबूत किया जा सके।
चिराग पासवान ने इस बात पर जोर दिया कि एनडीए पूरी मजबूती से चुनावी मैदान में उतरेगा और बिहार में सत्ता बरकरार रखेगा। उन्होंने हाल ही में दिल्ली में हुई बैठक का जिक्र करते हुए कहा कि गठबंधन के सभी दल समय-समय पर मिलकर रणनीति तैयार कर रहे हैं। ऐसे में बिहार की सियासत में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या एनडीए 2025 में एक बार फिर सत्ता पर काबिज होगा या विपक्ष कोई नया समीकरण तैयार करेगा?
एनडीए मजबूत, विपक्ष में वर्चस्व की लड़ाई
बिहार की राजनीति में एनडीए और महागठबंधन के बीच सियासी लड़ाई तेज़ हो गई है। केंद्रीय मंत्री चिराग पासवान ने दावा किया कि एनडीए पूरी तरह से संगठित है और मजबूती से आगे बढ़ रहा है, जबकि महागठबंधन में आपसी कलह और वर्चस्व की लड़ाई जारी है।
पटना में पत्रकारों से बातचीत के दौरान चिराग पासवान ने कहा कि राजद और कांग्रेस में गहरी दरारें साफ देखी जा सकती हैं। विपक्ष न तो मुख्यमंत्री पद का चेहरा तय कर पा रहा है और न ही गठबंधन की रूपरेखा। उन्होंने कहा कि जब विपक्ष पूरी तरह बिखरा हुआ है, तो दूसरी ओर एनडीए गठबंधन पहले से अधिक मजबूत स्थिति में है और बिहार की जनता एनडीए पर ही भरोसा जता रही है।
अमित शाह के दौरे पर चिराग पासवान का बयान
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के बिहार दौरे को लेकर चिराग पासवान ने कहा कि..."अमित शाह बिहार की जनता की उम्मीदों को समझने के लिए आए हैं। उनकी मौजूदगी से गठबंधन और अधिक मजबूत होगा।"उन्होंने यह भी कहा कि अमित शाह एनडीए के नेताओं के साथ मिलकर इस पर मंथन करेंगे कि आने वाले चुनाव में गठबंधन की रणनीति और किस तरह से बेहतर की जा सकती है। बिहार सरकार द्वारा चारा घोटाले में गबन की गई राशि को वापस लेने के प्रयास को लेकर चिराग पासवान ने स्पष्ट रूप से कहा कि..."यह जनता का पैसा है और इसे हर हाल में वापस आना चाहिए। उन्होंने कहा कि जनता के पैसे का दुरुपयोग करने वालों को सजा मिलनी चाहिए और यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि भविष्य में ऐसी गड़बड़ियां न हों।
NDA में मुख्यमंत्री पद का चेहरा कौन?
बिहार में एनडीए गठबंधन के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार को लेकर चिराग पासवान ने कहा कि..."हमारा नेता कौन होगा और किस चेहरे पर चुनाव लड़ा जाएगा, यह हमारे लिए कोई मुद्दा ही नहीं है। एनडीए इस बात को लेकर बिल्कुल स्पष्ट है कि चुनावी रणनीति विकास और सुशासन पर केंद्रित रहेगी।" उन्होंने यह भी कहा कि एनडीए के सभी घटक दल जिलों में कार्यकर्ता सम्मेलन कर रहे हैं, जिससे यह संदेश जा रहा है कि गठबंधन पूरी तरह से एकजुट है।
महागठबंधन में सीट बंटवारे पर घमासान
चिराग पासवान ने कहा कि महागठबंधन में असली लड़ाई सीट शेयरिंग को लेकर होगी। उन्होंने कहा..."पिछली बार कांग्रेस को 70 सीटें मिली थीं, तो इस बार भी वह कम से कम उतनी सीटें तो मांगेगी ही। महागठबंधन में सीटों के बंटवारे को लेकर संघर्ष होगा, क्योंकि हर पार्टी अपने लिए अधिक से अधिक सीटें चाहती है।"उन्होंने यह भी कहा कि एनडीए में यह प्रक्रिया बहुत ही सहज तरीके से पूरी होगी और सभी घटक दल मिलकर सामंजस्य के साथ सीटों का बंटवारा करेंगे।
वक्फ संशोधन बिल पर चिराग पासवान...
वक्फ संशोधन बिल पर चिराग पासवान ने कहा कि..."हमने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि सबकी राय ली जानी चाहिए। इसलिए यह बिल जेपीसी (संयुक्त संसदीय समिति) के पास भेजा गया।" उन्होंने कहा कि कई मुस्लिम संगठन इस संशोधन का समर्थन कर रहे हैं और इसे धार्मिक दृष्टिकोण से न देखकर कानूनी प्रक्रिया के तहत देखा जाना चाहिए।
नमाज के लिए सड़कों के इस्तेमाल और नवरात्रि के दौरान मीट की दुकानों को बंद करने की मांग पर चिराग पासवान ने इसे अनावश्यक बहस करार दिया। उन्होंने कहा..."शुरू से ही सभी धर्मों के लोग अपने-अपने त्योहारों को शांति से मनाते आए हैं। यह विवाद का विषय नहीं है और इस पर बहस करने की कोई जरूरत नहीं है।" बिहार में राजनीतिक तापमान लगातार बढ़ रहा है और आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए और महागठबंधन के बीच सियासी लड़ाई और तेज़ होती दिख रही है। अब देखने वाली बात होगी कि कौन-सा गठबंधन जनता का भरोसा जीतने में कामयाब रहता है।
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