कुणाल कामरा के बहाने ओवैसी ने फडणवीस, योगी आदित्यनाथ पर किया बड़ा हमला
हाल ही में महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे पर स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा द्वारा की गई कथित टिप्पणी के बाद उनके दफ्तर में तोड़फोड़ की गई। इस घटना पर अब एआईएमआईएम (ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन) के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने प्रतिक्रिया दी है। ओवैसी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और महाराष्ट्र के सीएम देवेंद्र फडणवीस से सवाल किया कि क्या उन लोगों के घरों पर बुलडोज़र चलेगा जिन्होंने कुणाल कामरा के दफ्तर में तोड़फोड़ की?
कुणाल कामरा के मामले पर देवेंद्र फडणवीस और योगी आदित्यनाथ से पूछा सवाल
एक सभा को संबोधित करते हुए ओवैसी ने कहा कि अगर कॉमेडियन कुणाल कामरा किसी को गद्दार कहते हैं तो एकनाथ शिंदे की पार्टी वाले इस पर इतना भड़क जाते हैं कि उनके दफ्तर पर हमला कर देते हैं। लेकिन अब हम योगी आदित्यनाथ और देवेंद्र फडणवीस से पूछते हैं कि क्या इन तोड़फोड़ करने वालों के घर भी तोड़े जाएंगे? क्या नागपुर में इरफान अंसारी की हत्या करने वालों के घरों पर बुलडोजर चलेगा? ओवैसी ने आरोप लगाया कि सरकार सिर्फ मुसलमानों के खिलाफ कार्रवाई कर रही है और ऐसे मामलों में एकतरफा रुख अपना रही है।
.@kunalkamra88 ने @mieknathshinde का नाम भी नहीं लिया फिर स्टूडियो में तोड़फोड़ क्यों की गई? हम @Dev_Fadnavis से पूछना चाहते हैं की क्या आप इन तोड़फोड़ करने और Kunal को धमकी देने वालों का घर तोड़ेंगे?pic.twitter.com/7LlNNtLard
— Asaduddin Owaisi (@asadowaisi) March 28, 2025
कहा, सत्ता की शह पर हो रही हैं ऐसी घटनाएं
ओवैसी ने यह भी कहा कि तोड़फोड़ करने वाले शिव सैनिकों को जमानत मिल गई और उनके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं की जा रही है। "ऐसा लगता है कि पुलिस इन लोगों के साथ है और उनका समर्थन कर रही है। यह साफ है कि जिनके पास सत्ता और ताकत है, उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है।" ओवैसी ने आगे कहा, "कोई भी सत्ता में ज्यादा दिन रहने वाला नहीं है। भारत में बादशाहों के महल वीरान हैं, तुम्हारे भी महल वीरान होंगे। अगर तुम सोच रहे हो कि हम झुक जाएंगे तो याद रखो कि हम सिर्फ अल्लाह के आगे झुकते हैं वक्त के यज़ीदियों और फिरोन के आगे नहीं।"
तोड़फोड़ के मामले में सरकारी कार्रवाई से असंतुष्ट दिखे औवेसी
कुणाल कामरा के दफ्तर में तोड़फोड़ करने के मामले में पुलिस ने 11 शिव सैनिकों को गिरफ्तार किया था। इन आरोपियों को खार पुलिस ने बांद्रा कोर्ट में पेश किया। पुलिस ने इस मामले में कुल 19 लोगों को नामजद किया था और 15 से 20 अन्य लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया। तोड़फोड़ की घटना के बाद पुलिस ने शिवसेना के कार्यकर्ताओं पर कड़ी कार्रवाई की, लेकिन ओवैसी का कहना है कि इस मामले में और भी कड़े कदम उठाए जाने चाहिए थे।
ओवैसी ने कहा, पुलिस पर है राजनीतिक दबाव
इस घटना से यह सवाल भी उठता है कि क्या यह सिर्फ एक राजनीतिक खेल है, जहां कुछ खास लोगों को सजा से बचने का मौका मिलता है? ओवैसी ने इस घटना के संदर्भ में यह आरोप भी लगाया कि ऐसी घटनाओं के पीछे राजनीतिक हित जुड़े हो सकते हैं और पुलिस प्रशासन भी राजनीतिक दबाव में काम कर रहा है।
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