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अरविंद केजरीवाल ने मोहन भागवत से पूछे 5 सवाल, बताई CM की कुर्सी छोड़ने की असली वजह

केजरीवाल ने आरोप लगाया कि मोदी ने कई भ्रष्ट नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल किया है, जिनके बारे में पहले खुद बीजेपी ने आरोप लगाए थे। क्या उन्होंने ऐसी बीजेपी की उम्मीद की थी?
03:36 PM Sep 22, 2024 IST | Vibhav Shukla

दिल्ली के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद, अरविंद केजरीवाल रविवार (22 सितंबर) को जंतर-मंतर पर आयोजित 'जनता की अदालत' कार्यक्रम में पहुंचे। इस दौरान उन्होंने बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) पर जमकर निशाना साधा। केजरीवाल ने अपने भाषण में केंद्र की राजनीति को चुनौती दी और अपनी सरकार की उपलब्धियों को भी साझा किया।

मोहन भागवत को पांच सवाल

लोकतंत्र के लिए खतरा?

उन्होंने कहा कि मोदी जी जो देशभर में नेताओं को तोड़ रहे हैं, क्या यह भारतीय लोकतंत्र के लिए सही है? क्या यह जनतंत्र के लिए हानिकारक नहीं है?

भ्रष्ट नेताओं को शामिल करना

केजरीवाल ने आरोप लगाया कि मोदी ने कई भ्रष्ट नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल किया है, जिनके बारे में पहले खुद बीजेपी ने आरोप लगाए थे। क्या उन्होंने ऐसी बीजेपी की उम्मीद की थी?

RSS की जिम्मेदारी

केजरीवाल ने पूछा कि क्या RSS को बीजेपी के कदमों पर नजर रखनी चाहिए? क्या भागवत ने मोदी जी को गलत करने से रोका है?

बीजेपी और RSS का रिश्ता

उन्होंने यह सवाल उठाया कि क्या बीजेपी इतनी बड़ी हो गई है कि उसने अपनी मातातुल्य संस्था RSS को नजरअंदाज कर दिया है? क्या इस पर किसी को दुख नहीं हुआ?

रिटायरमेंट का कानून

केजरीवाल ने बताया कि बीजेपी ने 75 वर्ष की उम्र में रिटायरमेंट का कानून बनाया, लेकिन अब यह कानून मोदी पर लागू नहीं हो रहा। क्या यह सही है?

सीएम कुर्सी छोड़ने की वजह

केजरीवाल ने यह भी स्पष्ट किया कि उन्होंने सीएम की कुर्सी क्यों छोड़ी। उन्होंने कहा, "मुझे कुर्सी की भूख नहीं है। मुझे पैसे कमाने की इच्छा नहीं है। मैं देश की राजनीति को बदलने आया हूं। जब मुझे बीजेपी वाले चोर कहते हैं, तो मुझे दुख होता है। मैं आज यहां इसलिए हूं क्योंकि मैं अंदर से पीड़ित और दुखी हूं।"

उन्होंने यह भी कहा कि वह जल्द ही मुख्यमंत्री आवास छोड़ देंगे, लेकिन उन्हें लोगों का प्यार मिला है। कई दिल्लीवासी उन्हें अपने घर में रहने के लिए आमंत्रित कर चुके हैं।

चुनाव जीतने की सफलता पर गर्व

आप के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अन्ना आंदोलन 4 अप्रैल 2011 को जंतर मंतर से शुरू हुआ था। उन्होंने बताया कि तब सरकार ने उन्हें चुनौती दी थी कि चुनाव लड़कर दिखाओ। केजरीवाल ने इस चुनौती को स्वीकार किया और चुनाव में भाग लिया, जिससे यह साबित हुआ कि ईमानदारी से चुनाव लड़ा और जीता जा सकता है।

केजरीवाल ने कहा, "हमने सरकार चलाई और कई बड़े काम किए। हमने बिजली और पानी मुफ्त कर दिया, महिलाओं के लिए बसों में सफर मुफ्त कर दिया, और शानदार अस्पताल और स्कूल बनवाए।" उनकी यह बातें प्रधानमंत्री मोदी के लिए एक सीधी चुनौती थीं, जिन्होंने केजरीवाल पर झूठे आरोप लगाकर उन्हें जेल भेजने की कोशिश की।

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केजरीवाल ने दिल्ली शराब नीति घोटाले का भी जिक्र किया। उन्होंने बताया कि वकीलों का कहना है कि यह मामला दस साल तक चल सकता है। इस मामले के दाग के साथ जीना उनके लिए संभव नहीं था, इसलिए उन्होंने जनता की अदालत में जाने का फैसला किया।

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