कांग्रेस के लिए लोकतंत्र परिवार की जागीर, लेकिन संसद में नियमों का पालन जरूरी', शाह का बड़ा बयान
Amit Shah: भारतीय राजनीति में आरोप-प्रत्यारोप का दौर हमेशा चर्चा में रहता है। सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बयानबाजी लोकतंत्र का अभिन्न हिस्सा है। हाल ही में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर तीखा हमला बोला, जिसमें उन्होंने संसद की कार्यवाही में उनकी गैरमौजूदगी को लेकर सवाल खड़े किए।
अमित शाह ने राहुल गांधी पर तंज कसते हुए कहा कि जब लोकसभा में बोलने का समय था, तब वह वियतनाम में थे, जबकि अब वह संसद की कार्यप्रणाली की आलोचना कर रहे हैं। (Amit Shah)यह बयान राजनीतिक गलियारों में हलचल मचाने वाला रहा। इसके अलावा, शाह ने कर्नाटक में कांग्रेस सरकार द्वारा मुस्लिम समुदाय को 4 प्रतिशत आरक्षण देने की घोषणा को "लॉलीपॉप" करार दिया और इसे तुष्टिकरण की राजनीति बताया। उनका कहना था कि कांग्रेस बार-बार इस तरह के प्रलोभन देकर जनता को गुमराह करने की कोशिश कर रही है।
राहुल गांधी की आलोचना पर शाह की प्रतिक्रिया
गृह मंत्री अमित शाह ने राहुल गांधी के संसद की कार्यप्रणाली की आलोचना पर पलटवार करते हुए कहा कि लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष को यह समझना चाहिए कि सदन के अपने नियम होते हैं, जिन्हें मनमर्जी से नहीं बदला जा सकता। उन्होंने कहा कि बजट पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी को 42% समय दिया गया था, लेकिन अब वह बिना नियमों का पालन किए अपनी मनमर्जी से बोलने की मांग कर रहे हैं। शाह ने कटाक्ष करते हुए कहा..."जब संसद में गंभीर चर्चा हो रही थी, तब राहुल गांधी वियतनाम में थे और जब वह लौटे, तो अपनी शर्तों पर बोलने की जिद करने लगे।" शाह ने आगे कहा कि संसद संविधान और प्रक्रियाओं के तहत चलती है, न कि कांग्रेस पार्टी की तरह, जहां एक परिवार जब चाहे, जैसे चाहे फैसले लेता है।
‘आपातकाल जैसी स्थिति’ वाले कांग्रेस के आरोप पर...
कांग्रेस द्वारा देश में आपातकाल जैसी स्थिति होने के आरोप पर अमित शाह ने करारा जवाब दिया। उन्होंने कहा कि विपक्षी दल सरकार पर झूठे आरोप लगाकर जनता को गुमराह कर रहे हैं। शाह ने कहा कि यदि वास्तव में आपातकाल जैसी स्थिति होती, तो कांग्रेस के नेता आज जेल में होते। उन्होंने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि असल आपातकाल 1975 में कांग्रेस के ही शासनकाल में लगा था, जब संविधान को कुचला गया और लोकतंत्र को खतरे में डाल दिया गया था।
कर्नाटक में मुस्लिम आरक्षण को बताया 'लॉलीपॉप' अमित शाह ने कर्नाटक में कांग्रेस सरकार द्वारा मुसलमानों को 4% आरक्षण देने की घोषणा को "लॉलीपॉप" करार दिया। उन्होंने इसे तुष्टिकरण की राजनीति बताया और कहा कि भाजपा धर्म के आधार पर किसी भी प्रकार के आरक्षण के खिलाफ है। शाह ने कहा... "संविधान धर्म के आधार पर आरक्षण की अनुमति नहीं देता। कांग्रेस सिर्फ वोट बैंक की राजनीति कर रही है और यह आरक्षण अदालत द्वारा रद्द कर दिया जाएगा।" भाजपा ने यह स्पष्ट कर दिया है कि वह इस फैसले के खिलाफ है और इसे कानूनी रूप से चुनौती देने की योजना बना रही है।
जातिगत जनगणना पर कांग्रेस को घेरा
जातिगत जनगणना की मांग पर अमित शाह ने कांग्रेस पर पलटवार किया और कहा कि 2011 में कांग्रेस ने खुद जातीय सर्वे किया था, लेकिन उसके नतीजे अब तक घोषित नहीं किए गए। शाह ने कहा कि भाजपा इस विषय पर आंतरिक विश्लेषण कर रही है और जल्दबाजी में कोई निर्णय नहीं लेगी। उन्होंने कहा कि सरकार इस पर उचित प्रक्रिया अपनाकर ही आगे बढ़ेगी।
राजनीतिक माहौल गरमाया...
अमित शाह के इन बयानों के बाद भारतीय राजनीति में हलचल मच गई है। राहुल गांधी पर उनके हमले से संसद में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच टकराव और बढ़ सकता है। वहीं, कर्नाटक में मुस्लिम आरक्षण के मुद्दे पर भाजपा और कांग्रेस के बीच टकराव तेज हो गया है। भाजपा इसे तुष्टिकरण की राजनीति करार दे रही है, जबकि कांग्रेस इसे सामाजिक न्याय की दिशा में उठाया गया कदम बता रही है।
जातिगत जनगणना को लेकर भी दोनों दलों की विचारधारा में गहरी खाई नजर आ रही है। भाजपा इसे सोच-समझकर लागू करने की बात कह रही है, जबकि कांग्रेस इस मुद्दे को जल्द से जल्द आगे बढ़ाना चाहती है।
यह भी पढ़ें:
‘ईद पर दंगे और विस्फोट की धमकी’: मुंबई पुलिस को सोशल मीडिया पर चेतावनी, सुरक्षाबल हुआ सतर्क
मेट्रो शहर से बाहर घर खरीदना हुआ महंगा! पेरिफेरल इलाकों में क्यों उछल रहीं हैं प्रॉपर्टी की कीमतें?