बांग्लादेशी घुसपैठ और फेंसिंग रोकने का बड़ा राज संसद में आया सामने, अमित शाह ने किया खुलासा!
Amit Shah : बांग्लादेश में हालिया तख्तापलट के बाद बड़ी संख्या में बांग्लादेशी नागरिक भारत की ओर पलायन करना चाहते हैं, जिससे सीमा पर तनाव बढ़ रहा है। इस स्थिति को देखते हुए भारतीय सरकार ने बांग्लादेश बॉर्डर पर फेंसिंग (बाड़ लगाना) शुरू कर दिया है, लेकिन कई जगहों पर यह काम रुक गया है। इस मुद्दे पर संसद में गृहमंत्री अमित शाह ने अपने बयान में बताया कि किस तरह कुछ ताकतें फेंसिंग का काम रोक रही हैं। (Amit Shah )इसके साथ ही उन्होंने इमिग्रेशन बिल को भी पेश किया और ममता बनर्जी के सांसदों द्वारा उठाए गए सवालों का जवाब दिया। अमित शाह के इस बयान ने न केवल बांग्लादेशी घुसपैठ को लेकर सरकार की स्थिति को स्पष्ट किया, बल्कि राजनीतिक माहौल में एक नई बहस भी छेड़ी है।
'बंगाल सरकार घुसपैठियों को मदद करती है'
अमित शाह ने स्पष्ट रूप से कहा कि अगर पश्चिम बंगाल सरकार जमीन दे दे, तो 450 किलोमीटर का फेंसिंग कार्य जल्द ही पूरा किया जा सकता है। उन्होंने आरोप लगाया कि पश्चिम बंगाल की सरकार की लापरवाही की वजह से बांग्लादेश से घुसपैठ करने वाले नागरिक भारत के अंदर तक पहुंच रहे हैं और आधार कार्ड व वोटर कार्ड प्राप्त कर रहे हैं। उनका कहना था कि यह 450 किलोमीटर का क्षेत्र घुसपैठ का मुख्य मार्ग बन गया है, जहां से बांग्लादेशी नागरिक भारत में प्रवेश करते हैं और अवैध रूप से भारतीय नागरिकता प्राप्त कर लेते हैं।
'किसे मिलता है आधार कार्ड?'
अमित शाह ने गंभीर सवाल उठाए, यह पूछते हुए कि बांग्लादेशी घुसपैठियों को आधार कार्ड और वोटर कार्ड कौन देता है? उन्होंने बताया कि ये लोग पश्चिम बंगाल के 24 परगना जिले से प्रवेश करते हैं, जहां स्थानीय सरकार द्वारा इन घुसपैठियों को पहचान पत्र दिया जाता है। इस पहचान पत्र के जरिए ये लोग दिल्ली तक पहुंचते हैं। गृहमंत्री ने यह भी कहा कि अगर ममता बनर्जी की सरकार घुसपैठियों के खिलाफ सख्त कदम उठाए, तो यह समस्या सुलझ सकती है।
#WATCH | Delhi | Replying in the Lok Sabha on the Immigration and Foreigners Bill, 2025, Union Home Minister Amit Shah says, "...Those who pose a threat to the national security will not be allowed to enter the nation. The nation is not a 'Dharamshala'...If someone comes to the… pic.twitter.com/TBJDwURmN4
— ANI (@ANI) March 27, 2025
घुसपैठियों को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल करती है'
बीजेपी नेता सौमित्र खान ने भी इस मुद्दे पर ममता सरकार को आड़े हाथों लिया। उन्होंने कहा कि अगर पश्चिम बंगाल सरकार 140 किलोमीटर की जमीन दे देती, तो सीमा पर फेंसिंग का काम बहुत पहले पूरा हो चुका होता। उनका आरोप था कि तृणमूल कांग्रेस घुसपैठियों को वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल कर रही है और इसीलिए वह फेंसिंग के काम में अडचन डाल रही है। बीजेपी ने इस मुद्दे पर ममता सरकार की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा कि जब तक बंगाल में तृणमूल कांग्रेस सत्ता में है, यह समस्या बनी रहेगी।
वोट बैंक की राजनीति और ममता सरकार का तर्क
बीजेपी के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए तृणमूल कांग्रेस ने इन आरोपों को खारिज किया और कहा कि सीमा सुरक्षा को लेकर वे पूरी तरह से सहमत हैं, लेकिन इसे चुनावी मुद्दा बनाने की कोशिश गलत है। टीएमसी ने यह भी कहा कि बंगाल में फेंसिंग का काम राजनीतिक कारणों से अटकाया जा रहा है, ताकि इस मुद्दे को चुनावों में भुनाया जा सके। ममता बनर्जी ने कहा कि उनके प्रदेश में विकास के नाम पर केंद्र सरकार ने कुछ नहीं किया, और अब फेंसिंग के नाम पर सारा दोष राज्य पर डाला जा रहा है।
क्या यह केवल चुनावी मुद्दा है?
जबकि बीजेपी और तृणमूल कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है, कांग्रेस और अन्य विपक्षी दल इस मुद्दे पर चुप्पी साधे हुए हैं। उनका कहना है कि यह मामला राज्य सरकारों के बीच समन्वय का है, और इसका हल बातचीत और सहमति से ही निकाला जा सकता है। लेकिन बीजेपी का आरोप है कि तृणमूल कांग्रेस चुनावी फायदे के लिए इस मुद्दे को लटकाए हुए है और राज्य सरकार की नीतियों के चलते सीमा पर सुरक्षा की स्थिति कमजोर हो रही है।
यह देश धर्मशाला नहीं...
भारत में नागरिकता और सुरक्षा को लेकर गृहमंत्री अमित शाह ने एक अहम बयान दिया, जिसमें उन्होंने कहा कि देश अब धर्मशाला नहीं है, जहां कोई भी व्यक्ति बिना रोक-टोक के प्रवेश कर सकता है और रह सकता है। उनके इस बयान का उद्देश्य बांग्लादेशी घुसपैठियों और अन्य विदेशी नागरिकों की बढ़ती संख्या के मुद्दे पर केंद्र सरकार की सख्त नीति को स्पष्ट करना था। अमित शाह ने इस संदर्भ में कहा कि अब भारत सरकार यह तय करेगी कि कौन व्यक्ति देश में प्रवेश करेगा और कौन नहीं, और यह निर्णय सुरक्षा, अर्थव्यवस्था और सामाजिक स्थिति के आधार पर लिया जाएगा।
राजनीतिक संघर्ष और बांग्लादेशी घुसपैठ
यह पूरा मामला बांग्लादेशी घुसपैठ और सीमा सुरक्षा पर उठे विवाद का प्रतीक बन गया है। गृहमंत्री अमित शाह ने अपनी ओर से पूरी स्थिति स्पष्ट कर दी है, लेकिन क्या इस मुद्दे का कोई स्थायी समाधान संभव है? यह सवाल राजनीति से लेकर जनता तक सभी के सामने है। क्या राज्य सरकारें इस समस्या के समाधान में योगदान देंगी, या फिर यह मुद्दा आगे और भी राजनीतिक रंग लेता रहेगा? समय ही बताएगा।
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