Pulwama attack: आतंकियों ने जहां किया हमला, वह पॉइंट अमरनाथ यात्रा के रूट से कितनी दूर? जानें अब यात्रा का क्या होगा
22 अप्रैल 2025 को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों ने ऐसा कायराना हमला किया कि पूरा देश सन्न रह गया। बैसरन इलाके में टूरिस्ट्स को निशाना बनाया गया, जिसमें 25 लोगों की जान चली गई और 17 लोग जख्मी हो गए। इस हमले में 2 विदेशी टूरिस्ट्स भी आतंकियों के शिकार बने। दुनिया भर के बड़े नेताओं ने इस हमले की कड़ी निंदा की है। पीएम नरेंद्र मोदी तो अपना सऊदी दौरा बीच में छोड़कर भारत लौट आए। सवाल ये है कि जिस पहलगाम में ये खौफनाक वारदात हुई, वो अमरनाथ यात्रा के रूट से कितना दूर है? और अब इस पवित्र यात्रा का क्या होगा? आइए, डिटेल में समझते हैं।
बैसरन से नुनवान बेस कैंप की कितनी है दूरी?
आतंकियों ने पहलगाम के बैसरन इलाके में हमला किया, जो अमरनाथ यात्रा के नुनवान बेस कैंप से महज 7 से 8 किलोमीटर दूर है। बता दें, पहलगाम से अमरनाथ गुफा तक का पूरा रास्ता करीब 47.3 से 48 किलोमीटर का है। ये यात्रा पहलगाम के नुनवान बेस कैंप से शुरू होती है और पहला पड़ाव चंदनवाड़ी है, जो 16 किलोमीटर दूर है। चंदनवाड़ी से आगे की चढ़ाई शुरू होती है, जो बड़ी मुश्किल भरी मानी जाती है।
अमरनाथ यात्रा का पूरा रूट
पहलगाम से अमरनाथ गुफा तक का रास्ता बड़ा चुनौतीपूर्ण है। यात्रा नुनवान बेस कैंप से शुरू होकर चंदनवाड़ी पहुंचती है। इसके बाद रास्ता जोजीबल, पिस्सू टॉप, नगा कोटी, वरबल, महागुनस टॉप, पपीबल, पंचतरणी, संगम और फिर अमरनाथ गुफा तक जाता है। ये 48 किलोमीटर का सफर 3 दिन में पूरा होता है। रास्ते में खूबसूरत नजारे तो मिलते हैं, लेकिन ऊंचाई और मुश्किल रास्तों की वजह से यात्रियों को खासी मेहनत करनी पड़ती है। नुनवान से चंदनवाड़ी तक मिनी बसें चलती हैं, लेकिन इसके बाद पैदल या घोड़ों का सहारा लेना पड़ता है।
अब अमरनाथ यात्रा का क्या?
पहलगाम में हुए इस आतंकी हमले ने अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा को लेकर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है। पहले भी इस यात्रा के दौरान आतंकी हमले हो चुके हैं। 2017 में आतंकियों ने अमरनाथ यात्रियों की बस पर हमला किया था, जिसमें 8 लोग मारे गए थे। अब इस ताजा हमले के बाद सरकार कोई रिस्क नहीं लेना चाहती। पहलगाम और पूरे यात्रा रूट पर सुरक्षा को और पुख्ता किया जाएगा। ड्रोन से निगरानी शुरू हो चुकी है, और BSF व CRPF की टीमें पहले से ही तैनात हैं। यात्रियों को सतर्क रहने और सिक्योरिटी गाइडलाइंस फॉलो करने की सलाह दी जा रही है। 3 जुलाई 2025 से शुरू होने वाली इस यात्रा के लिए अब और सख्त इंतजाम किए जाएंगे।
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