ब्रह्मोस अटैक से दहला पाकिस्तान, ऑपरेशन सिंदूर में भारत का करारा जवाब, तबाह हुए कई ठिकाने
Operation Sindoor: शनिवार की शाम भारत पाकिस्तान डीजीएमओ लेवल की बातचीत के बाद दोनों ही सीजफायर के लिए राजी हो गए। इससे पहले सुबह पाकिस्तानी सेना लगातार भारत के सिविलियंस और सैन्य ठिकानों को निशाना बना रही थी। वहीं जवाबी हमले में भारतीय सशस्त्र बलों ने अपने शस्त्रागार में मौजूद नवीनतम मिसाइलों, हथियारों और लोइटरिंग हथियारों का इस्तेमाल किया था। भारतीय सेना के निशाने पर रफीकी, मुरीद, नूर खान, रहीम यार खान, सुक्कुर और चुनियन में पाकिस्तानी एयर बेस थे। (Operation Sindoor) भारत के हमलो में इन सभी एयर बेस को काफी नुकसान पहुंचा थी। इसके अलावा स्कर्दू, भोलारी, जेकोबाबाद और सरगोधा के हवाई अड्डों को भी भारी क्षति हुई थी। इसके अलावा भारतीय सेना पसरूर और सियालकोट में रडार साइटों को सटीक हथियारों का उपयोग करके हुआ था।
ब्रह्मोस मिसाइल का पहला युद्ध उपयोग
ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारत की सशस्त्र सेनाओं ने पाकिस्तान के कई प्रमुख सैन्य अड्डों पर सटीक और योजनाबद्ध तरीके से हमले किए। इन हमलों में अत्याधुनिक मिसाइलों और आधुनिक गाइडेड हथियारों का उपयोग किया गया, जिसमें ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल, SCALP एयर-लॉन्च क्रूज मिसाइल और HAMMER गाइडेड म्यूनिशन जैसे हथियार शामिल हैं। भारत की ओर से ब्रह्मोस मिसाइल के उपयोग की औपचारिक पुष्टि नहीं की गई है, लेकिन जानकार सूत्रों का कहना है कि यह इस क्रूज मिसाइल की पहली युद्ध उपयोगिता हो सकती है। यह मिसाइल भारतीय वायुसेना और नौसेना के सबसे खतरनाक हथियारों में से एक मानी जाती है।
जानिए ब्रह्मोस मिसाइल के बारे में
ब्रह्मोस सुपरसोनिक क्रूज मिसाइल एक अत्याधुनिक, बहु-प्रभावी मिसाइल प्रणाली है जिसे भारत और रूस के संयुक्त उपक्रम “ब्रह्मोस एयरोस्पेस” ने विकसित किया है। यह विश्व की सबसे तेज सुपरसोनिक क्रूज मिसाइलों में से एक है। ब्रह्मोस का नाम नाम भारत की ब्रह्मपुत्र नदी और रूस की मोस्कवा नदी से लिया गया है। यह BrahMos Aerospace Pvt. Ltd. (भारत का DRDO और रूस का NPOM का संयुक्त उद्यम) है।
दुश्मन के रडार को चकमा...
ब्रह्मोस की स्पीड लगभग 2.8 से 3.0 Mach (ध्वनि की गति से लगभग तीन गुना) है। इसकी रेंज करीब 290 KM है। ब्रह्मोस को कई प्लेटफॉर्म से लॉन्च किया जा सकता है। इसे जमीन से, जहाज से, पनडुब्बी से लॉन्च किया जा सकता है। ब्रह्मोस का निर्यात कुछ मित्र देशों को करने की योजना है। फिलीपींस इसका पहला विदेशी ग्राहक बन चुका है। ब्रह्मोस की सुपरसोनिक गति के कारण इंटरसेप्ट करना बेहद मुश्किल होता है। यह दुश्मन के रडार को चकमा देने में सक्षम है और इसकी सटीकता बेहद उच्च है। एक बार लॉन्च करने के बाद यह लक्ष्य को खुद खोज लेता है।
यह भी पढ़ें:
सीजफायर उल्लंघन पर निशिकांत दुबे भड़के, कश्मीर का हर इंच भारत का होगा, जानिए क्या बोले
.