Yogi On Namaz Ban: सीएम योगी का स्पष्ट रुख, बोले- 'सड़क चलने के लिए होती है, नमाज के लिए..'
Yogi On Namaz Ban: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सड़कों पर नमाज पढ़ने पर प्रतिबंध लगाने के राज्य प्रशासन के फैसले को पूरी तरह उचित बताया है। उन्होंने स्पष्ट कहा कि सड़कें यातायात के लिए होती हैं और इन्हें धार्मिक आयोजनों के लिए अवरुद्ध नहीं किया जाना चाहिए। यह बयान उन्होंने हाल ही में पीटीआई को दिए एक एक्सक्लूसिव इंटरव्यू में दिया।
अनुशासन का महत्व
सीएम योगी ने महाकुंभ का उदाहरण देते हुए कहा कि प्रयागराज में आयोजित महाकुंभ में 66 करोड़ श्रद्धालु आए, लेकिन वहां किसी भी प्रकार की अव्यवस्था, हिंसा, आगजनी, छेड़छाड़ या अपहरण जैसी घटनाएं नहीं हुईं। उन्होंने कहा कि लोगों को इस अनुशासन से सीख लेनी चाहिए और सार्वजनिक स्थलों पर शांति और नियमों का पालन करना चाहिए।
त्योहार और उत्सव में अनुशासन आवश्यक
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि त्योहार और उत्सव किसी भी प्रकार की बदतमीजी का माध्यम नहीं बनने चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर किसी को सुविधा चाहिए तो उसे अनुशासन का पालन करना भी सीखना होगा। उनका यह बयान सड़कों पर नमाज पढ़ने पर रोक लगाने के यूपी प्रशासन के फैसले के विरोध में उठ रहे सवालों के जवाब के रूप में आया है।
भाषा विवाद पर क्या बोले सीएम योगी?
नई शिक्षा नीति में भाषा को लेकर तमिलनाडु और अन्य राज्यों में उठे विवाद पर सीएम योगी ने कहा कि हिंदी के विरोध के पीछे कुछ नेताओं के संकीर्ण राजनीतिक हित हैं। उन्होंने कहा कि यूपी में तमिल, तेलुगु, मलयालम, कन्नड़, बंगाली और मराठी जैसी भाषाएं पढ़ाई जा रही हैं, लेकिन इससे राज्य की पहचान पर कोई असर नहीं पड़ा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि इस तरह के विवाद पैदा करके कुछ राजनीतिक दल युवाओं के रोजगार के अवसरों को नुकसान पहुंचा रहे हैं।
मांस बिक्री पर रोक
योगी सरकार ने धार्मिक स्थलों के 500 मीटर के दायरे में मांस बिक्री पर प्रतिबंध लगाने का भी फैसला लिया है। इसके साथ ही, अवैध बूचड़खानों को बंद करने की प्रक्रिया जारी है। सरकार का मानना है कि यह कदम धार्मिक स्थलों की पवित्रता बनाए रखने और स्थानीय जनता की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए उठाया गया है।
पिछली सरकारों पर हमला
सीएम योगी ने पिछली सरकारों की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि उनके कुशासन ने उत्तर प्रदेश को पीछे धकेल दिया। उन्होंने कहा कि पहले की सरकारों ने विकास की जगह अपने राजनीतिक स्वार्थ को प्राथमिकता दी, जिससे राज्य हर क्षेत्र में पिछड़ गया था।
यूपी में बदलाव की तस्वीर
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि उनकी सरकार आने के बाद राज्य में बुनियादी ढांचे, प्रशासन, कल्याणकारी योजनाओं और रोजगार के क्षेत्र में व्यापक सुधार हुए हैं। उन्होंने कहा कि 2016-17 तक यूपी पहचान के संकट से जूझ रहा था, लेकिन अब यह देश के अग्रणी राज्यों में शामिल हो चुका है। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि समाजवादी पार्टी की सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू की गई कई कल्याणकारी योजनाओं को लागू नहीं किया था, जिससे जनता को भारी नुकसान हुआ।
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