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PM के वादे पर एक्शन में दिल्ली LG, सरकार गठन से पहले ही शुरू हुआ यमुना सफाई अभियान

दिल्ली में नई सरकार के गठन से पहले ही उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने यमुना सफाई अभियान की कमान संभाल ली है। जानें तीन साल में होगी यमुना साफ?
12:58 PM Feb 17, 2025 IST | Rohit Agrawal

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा चुनाव के दौरान यमुना नदी की सफाई बड़ा चुनावी मुद्दा बना था। भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने चुनाव में जीत हासिल कर ली है, लेकिन नई सरकार के गठन से पहले ही दिल्ली के LG वी.के. सक्सेना ने यमुना सफाई अभियान शुरू कर दिया है। यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस वादे के अनुरूप उठाया गया है, जिसमें उन्होंने यमुना को साफ करने का संकल्प लिया था।

प्रधानमंत्री के वादे पर एक्शन में दिखे दिल्ली LG

एलजी वीके सक्सेना ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली में यमुना नदी की सफाई का जो वादा किया था, उस पर अब अमल शुरू हो गया है। बीते दिनों उन्होंने इस मुद्दे पर दिल्ली के मुख्य सचिव से चर्चा की थी और सफाई अभियान को तेजी से आगे बढ़ाने के निर्देश दिए थे।

हर हफ्ते होगी उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक

यमुना सफाई अभियान को सफलतापूर्वक लागू करने के लिए कई सरकारी एजेंसियों के बीच समन्वय बनाया गया है। दिल्ली जल बोर्ड (DJB), सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग (I&FC), नगर निगम (MCD), पर्यावरण विभाग, लोक निर्माण विभाग (PWD) और दिल्ली विकास प्राधिकरण (DDA) मिलकर इस अभियान को अंजाम देंगे।

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वहीं दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) को भी निर्देश दिया गया है कि वह औद्योगिक इकाइयों पर सख्त निगरानी रखे और यह सुनिश्चित करे कि बिना ट्रीटमेंट किए गंदा पानी यमुना में न गिराया जाए। इस अभियान की प्रगति की समीक्षा हर हफ्ते उच्च स्तर पर की जाएगी।

पहले खटाई में पड़ गया था यमुना सफ़ाई मिशन

बता दें कि जनवरी 2023 में राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण (NGT) ने उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय समिति (HLC) बनाई थी, जिसने मिशन मोड में यमुना की सफाई का काम शुरू किया था। इस समिति की पांच बैठकें भी हुईं और सफाई कार्य की प्रगति की बारीकी से समीक्षा की गई। हालांकि, जुलाई 2023 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व वाली आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर दी थी। इसके बाद सुप्रीम कोर्ट के तत्कालीन मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ ने 10 जुलाई 2023 को NGT के आदेश पर रोक लगा दी। इस फैसले के बाद यमुना की सफाई से जुड़े सभी कार्य ठप हो गए थे।

इस बार 3 साल का रखा लक्ष्य

यमुना की सफाई अभियान दोबारा शुरू होने से पहले नदी की स्थिति और खराब हो चुकी थी। केमिकल ऑक्सीजन डिमांड (CoD) और बायोलॉजिकल ऑक्सीजन डिमांड (BoD) जैसे प्रदूषण के मानक रिकॉर्ड स्तर तक बिगड़ गए थे, जिससे नदी का पानी और ज्यादा जहरीला हो गया। अब सरकार ने फिर से सफाई अभियान को तेज करने का फैसला किया है और अगले तीन साल में यमुना को साफ करने का लक्ष्य रखा गया है।

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