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PMJDY: नरेंद्र मोदी को 20 साल तक क्यों खोजते रहे बैंक वाले? PM ने सुनाई पूरी कहानी

PMJDY: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पुराना वीडियो साझा किया है, जिसमें वह अपने स्कूल के दिनों का एक मजेदार किस्सा सुनाते हुए नजर आ रहे हैं। यह वीडियो 2014 का है...
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PMJDY: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर एक पुराना वीडियो साझा किया है, जिसमें वह अपने स्कूल के दिनों का एक मजेदार किस्सा सुनाते हुए नजर आ रहे हैं। यह वीडियो 2014 का है और इसमें पीएम मोदी 'प्रधानमंत्री जनधन योजना' के शुभारंभ के मौके पर अपने बचपन की यादों को साझा कर रहे हैं।

बचपन में खोला था बैंक खाता

वीडियो में पीएम मोदी बताते हैं कि जब वह अपने गांव के एक स्कूल में पढ़ाई कर रहे थे, तब 'देना बैंक' के प्रतिनिधि उनके स्कूल आए थे। वे बच्चों को पैसे बचाने के महत्व को समझाने के लिए गुल्लक बांटते थे। इसी प्रक्रिया के तहत, पीएम मोदी ने भी बैंक में खाता खुलवाया और उन्हें एक गुल्लक भी दिया गया। हालांकि, पीएम मोदी ने खुलासा किया कि उनके परिवार की आर्थिक स्थिति ऐसी थी कि वह कभी भी गुल्लक में पैसे नहीं डाल पाए।

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बैंक ने 20 साल तक खोजा

पीएम मोदी ने आगे कहा कि उनके द्वारा खोला गया खाता लंबे समय तक बिना उपयोग के पड़ा रहा। उन्होंने बताया कि बैंक के लोग उन्हें खोजते रहे क्योंकि वे चाहते थे कि वह खाता बंद किया जाए। “बैंक वालों ने मुझे लगभग 20 साल तक खोजा, क्योंकि उस समय खाता बंद करवाने की कोशिश की जाती थी। तब जाकर मुझे समझ में आया कि उस समय खाता बंद करवाने के लिए भी प्रयास किए जाते थे। अब जबकि खाता खोलने के लिए प्रयास किए जाते हैं, मैं इसे गरीबों की जिंदगी का सूर्योदय मानता हूं।”

मोदी आर्काइव नाम के 'एक्स' यूजर ने साझा किया है वीडियो

मोदी आर्काइव ने इस वीडियो को 'एक्स' पर शेयर करते हुए एक कैप्शन भी लिखा। कैप्शन में लिखा गया है,

“पांच दशक से भी अधिक समय पहले एक युवा स्कूली छात्र ने बचत का महत्व समझाकर बैंक खाता खोला था। उस समय उसे इस बात का अंदाजा नहीं था कि यह उसे एक बहुत ही महत्वपूर्ण सबक सिखाएगा। एक सबक जो बचत के महत्व को दर्शाता है।”

कैप्शन में आगे लिखा गया है,

“उस समय परिवार की आर्थिक स्थिति ऐसी थी कि छात्र के पास बड़े होने के बाद भी बैंक खाते में पैसे जमा करने के लिए साधन नहीं थे। दशकों तक बिना इस्तेमाल के पड़ा खाता सिस्टम के लिए एक बोझ बन गया और इसे बंद करने के लिए लगातार प्रयास किए गए। आखिरकार 20 साल बाद छात्र ने खुद ही इसे बंद करने का फैसला किया। यह युवा लड़का कोई और नहीं, बल्कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी थे।”

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