Waqf Law: 'मीलॉर्ड मैं बताऊंगा वक्फ कानून क्यों बनाया गया', SG तुषार मेहता की इन दलीलों के बाद मिली 7 दिन की मोहलत
Waqf Law: नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने वक्फ कानून (Waqf Law) पर फिलहाल अंतरिम रोक लगाने से इनकार कर दिया है। गुरुवार को हुई सुनवाई के दौरान अदालत ने सरकार को जवाब दाखिल करने के लिए सात दिनों की मोहलत दी। माननीय मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना, जस्टिस पीवी संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने इस केस पर सुनवाई की। सुनवाई करते हुए कोर्ट ने कहा कि कानून में कुछ सकारात्मक बातें हैं और इस पर पूरी तरह रोक नहीं लगाई जा सकती।
रोक लगाना बहुत सख्त कदम: तुषार मेहता
सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अपनी बात रखी। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा "हमने इस कानून को बनाने से पहले लाखों लोगों से बात की है। हम जनता के प्रति जवाबदेह हैं। कई गांवों की जमीन पर वक्फ बोर्ड ने दावा किया है। ऐसे में आम लोगों के हितों का भी ध्यान रखना जरूरी है।" एसजी ने आगे कहा, "कोर्ट का इस कानून पर तुरंत रोक लगाना बहुत सख्त कदम होगा।"
इसके बाद मेहता ने निवेदन करते हुए कहा कि मुझे एक हफ्ते का वक्त दीजिए, जिससे कि मैं विस्तार से यह बता सकूं कि यह कानून क्यों बनाया गया है?" तुषार मेहता ने जवाब देते हुए कहा कि एक हफ्ते में कोई बड़ा बदलाव नहीं होगा। तुषार मेहता के आग्रह पर सीजेआई संजीव खन्ना ने कहा,"हम आपकी बात जरूर सुनेंगे, लेकिन हम यह भी नहीं चाहते कि इस दौरान जमीनी हालात में कोई बड़ा बदलाव हो।
वक्फ बोर्ड में नियुक्ति पर आदेश
माननीय सीजेआई ने तुषार मेहता से सवाल पूछा कि क्या 1995 के कानून के तहत जो संपत्तियां वक्फ में रजिस्टर्ड हैं, उन पर अभी कोई कार्रवाई नहीं होगी? इस पर उन्होंने जवाब दिया,"यह बात खुद कानून में शामिल है।" इस पर सीजेआई ने कहा, ठीक है। लेकिन, फिलहाल वक्फ बोर्ड या वक्फ काउंसिल में कोई नई नियुक्ति न की जाए। सीजेआई ने आगे कहा कि केंद्र सरकार, राज्य सरकार और वक्फ बोर्ड एक हफ्ते के अंदर अपना जवाब दाखिल करें।
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