नेशनलराजनीतिमनोरंजनखेलहेल्थ & लाइफ स्टाइलधर्म भक्तिटेक्नोलॉजीइंटरनेशनलबिजनेसआईपीएल 2025चुनाव

Waqf Amendment Bill Updates: वक्फ कानून पर सुप्रीम कोर्ट में हुई जोरदार बहस, 72 लोगों ने दायर की हैं याचिका

Waqf Amendment Bill Updates: नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अहम सुनवाई हुई।
05:14 PM Apr 16, 2025 IST | Pushpendra Trivedi

Waqf Amendment Bill Updates: नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को वक्फ (संशोधन) अधिनियम, 2025 की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर अहम सुनवाई हुई। मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस के.वी. विश्वनाथन की पीठ ने इस मामले में दो अहम पहलुओं पर विचार करने की बात कही। साथ ही अदालत ने इस मुद्दे पर केंद्र सरकार से ‘वक्फ बाई यूजर' के मुद्दे पर जवाब मांगा है। अब अगली सुनवाई गुरुवार को होगी। अदालत ने आज की सुनवाई में साफ किया कि कानून पर रोक की मांग पर कोई सुनवाई नहीं होगी।

कोर्ट ने यह कहा

अदालत की तरफ से बुधवार को कोई आदेश जारी नहीं किया गया। CJI ने मौखिक रूप से कहा कि जो भी संपत्ति उपयोगकर्ता द्वारा वक्फ घोषित की गई है, या न्यायालय द्वारा घोषित की गई है, उसे अधिसूचित नहीं किया जाएगा। साथ ही अदालत ने कहा कि पदेन सदस्य नियुक्त किए जा सकते हैं, उन्हें धर्म की परवाह किए बिना नियुक्त किया जा सकता है, लेकिन अन्य मुस्लिम होने चाहिए।

कपिल सिब्बल ने क्या-क्या कहा?

याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता कपिल सिब्बल सहित कई वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने पक्ष रखा। सिब्बल ने कहा कि यह संशोधन संविधान के अनुच्छेद 26 का उल्लंघन करता है, जो धार्मिक समुदायों को अपने धार्मिक मामलों के प्रबंधन की स्वतंत्रता देता है। उन्होंने सवाल उठाया, "कानून के मुताबिक, मुझे अपने धर्म की आवश्यक प्रथाओं का पालन करने का अधिकार है। सरकार कैसे तय कर सकती है कि वक्फ केवल वही लोग बना सकते हैं, जो पिछले पांच साल से इस्लाम का पालन कर रहे हैं?"

कपिल सिब्बल ने यह भी तर्क दिया कि इस्लाम में उत्तराधिकार मृत्यु के बाद मिलता है, लेकिन यह कानून उससे पहले ही हस्तक्षेप करता है। उन्होंने अधिनियम की धारा 3(सी) का हवाला देते हुए कहा कि इसके तहत सरकारी संपत्ति को वक्फ के रूप में मान्यता नहीं दी जाएगी, जो पहले से वक्फ घोषित थी।

सुनवाई की महत्वपूर्ण बातें

सिब्बल ने कहा कि 20 करोड़ लोगों के अधिकारों को इसके आधार पर हड़पा जा सकता है। सिब्बल ने कहा कि पहले कोई लिमिटेशन नहीं थी। इनमें से कई वक्फ संपत्तियों पर अतिक्रमण किया गया था। वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव धवन ने कहा कि यह कानून इस्लाम धर्म की अंदरूनी व्यवस्था के खिलाफ है। अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट में दलील देते हुए कहा कि 8 लाख में से 4 वक्फ हैं, जो उपयोगकर्ता के द्वारा हैं। उन्होंने इस बात को लेकर चिंता जताई कि वक्फ अधिनियम में किए गए संशोधन के बाद इन संपत्तियों पर खतरा उत्पन्न हो गया है।

सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा, 'अदालत इस समय उस कानून पर सुनवाई कर रही है, जिसे व्यापक चर्चा और विचार-विमर्श के बाद लाया गया है। वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी ने भी दलीलें दीं और कहा, "हमने सुना है कि संसद की जमीन भी वक्फ की है। वहीं, CJI खन्ना ने जवाब दिया, "हम यह नहीं कह रहे कि सभी वक्फ गलत तरीके से पंजीकृत हैं, लेकिन कुछ चिंताएं हैं।" उन्होंने सुझाव दिया कि इस मामले की सुनवाई हाई कोर्ट को सौंपी जा सकती है। सिब्बल की दलीलों पर CJI ने कहा, "ऐसे कितने मामले होंगे? मेरी समझ से व्याख्या आपके पक्ष में है। अगर किसी संपत्ति को प्राचीन स्मारक घोषित करने से पहले वक्फ घोषित किया गया था, तो इससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा।"

जारी रहा सवाल-जवाब का सिलसिला

सिंघवी ने कहा कि अनुच्छेद 25 और 26 को पढ़ने से ज्यादा अनुच्छेद 32 क्या है। यह ऐसा मामला नहीं है जहां मीलॉर्ड्स को हमें HC भेजना चाहिए। अभिषेक मनुसिंघवी ने कहा कि वक्फ संसोधित अधिनियम के रूल 3( 3)(डीए) में कलेक्टर को व्यापक रूप से परिभाषित किया गया है। लोगों को अधिकारी के पास जाने के लिए बनाया गया है। वरिष्ठ वकील सीयू सिंह ने कहा कि अनुच्छेद 26 देखें, मैं आवश्यक धार्मिक तर्क से भटक रहा हूं, यह यहां महत्वपूर्ण नहीं है।

कृपया धार्मिक और धर्मार्थ उद्देश्यों के बीच अंतर देखें, इसमें धार्मिक आवश्यक अभ्यास के प्रश्न का उत्तर देने की आवश्यकता नहीं है। अधिवक्ता हुजेफा अहमदी ने भी कहा कि अधिनियम की धारा 3(आर) के तीन पहलुओं पर ध्यान देना जरूरी है। खासकर इस बात पर कि 'इस्लाम का पालन करना' यदि आवश्यक धार्मिक अभ्यास माना जाता है, तो इसका प्रभाव नागरिकों के मौलिक अधिकारों पर भी पड़ सकता है। अहमदी ने कहा कि यह अस्पष्टता पैदा करता है।

सीजेआई ने सरकार से पूछा, वक्‍फ बाई यूजर क्‍यों हटाया?

सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से भी तीखे सवाल पूछे। सीजेआई ने एसजी तुषार मेहता से कहा, वक्‍फ बाई यूजर क्‍यों हटाया गया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 14,15वीं सदी की अधिकांश मस्जिदों में बिक्री विलेख नहीं होगा। अधिकांश मस्जिदें वक्‍फ बाई यूजर होंगी। इस पर एसजी ने कहा कि उन्हें इसे पंजीकृत करवाने से किसने रोका? सुप्रीम कोर्ट ने सवाल किया कि अगर सरकार कहने लगी कि ये जमीनें सरकारी हैं तो क्या होगा?

सिब्बल के राम जन्मभूमि वाली दलील पर CJI ने क्या कहा?

याचिकाकर्ता की तरफ से सिब्बल ने राम जन्मभूमि के फैसले का भी जिक्र किया। उन्होंने कहा कि धारा 36, आप उपयोगकर्ता द्वारा बना सकते हैं, संपत्ति की कोई आवश्यकता नहीं है। मान लीजिए कि यह मेरी अपनी संपत्ति है और मैं इसका उपयोग करना चाहता हूं, मैं पंजीकरण नहीं करना चाहता। सुप्रीम कोर्ट ने सिब्बल से पूछा कि पंजीकरण में क्या समस्या है? सिब्बल ने कहा कि मैं कह रहा हूं कि उपयोगकर्ता द्वारा वक्फ को समाप्त कर दिया गया है। यह मेरे धर्म का अभिन्न अंग है। इसे राम जन्मभूमि फैसले में मान्यता दी गई है। सिब्बल ने कहा कि समस्या यह है कि वे कहेंगे कि यदि वक्फ 3000 साल पहले बनाया गया है तो वे डीड मांगेंगे।

एसजी तुषार मेहता ने क्या कहा?

एसजी तुषार मेहता ने कहा कि अदालत इस समय उस कानून पर सुनवाई कर रही है, जिसे व्यापक चर्चा और विचार-विमर्श के बाद लाया गया है। अब मैं वह सच्चाई सामने रख रहा हूं, जिसे याचिकाकर्ता नजरअंदाज कर रहे हैं। इस कानून को बनाने के लिए एक संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) का गठन किया गया था। इस समिति ने कई बैठकें कीं, देश के प्रमुख शहरों का दौरा किया, विभिन्न पक्षों से परामर्श किया और प्राप्त हुए 29 लाख सुझावों पर गंभीरता से विचार किया उसके बाद इसे सदन में पास करवाया गया।

ओवैसी, इमरान प्रतापगढ़ी सहित 72 लोगों ने दायर की है याचिका

इस मामले में AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी, ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB), जमीयत उलमा-ए-हिंद, DMK, और कांग्रेस सांसद इमरान प्रतापगढ़ी व मोहम्मद जावेद सहित 72 याचिकाएं दायर की गई हैं। केंद्र सरकार ने 8 अप्रैल को एक कैविएट दायर कर कोर्ट से अपील की थी कि कोई भी आदेश पारित करने से पहले उनकी बात सुनी जाए। सुनवाई अभी जारी है और इस मामले पर अगली सुनवाई की तारीख जल्द तय की जाएगी।

यह भी पढ़ें:

'हमारी जमीन से जन्मी भाषा, इसे धर्मों में न बाँटो': SC ने उर्दू को लेकर कह दी ये बड़ी बात! जानिए

टैरिफ बम के बाद अब US यूनिवर्सिटीयों पर गिरी गाज, हार्वर्ड की 2.2 बिलियन की क्यों रोकी ग्रांट?

Tags :
2025abhishek siddhvikapil sibbalSupreme CourtSupreme Court to hear challenges to Waqf Amendment Actsupreme court waqf billWaqf Act Legal ChallengeWaqf Amendment ActWaqf Amendment BillWaqf Amendment Bill 2025waqf amendment bill sc hearingwaqf amendment bill sc newsWaqf Amendment Bill UpdatesWaqf BillWaqf bill hearingwaqf bill sc newswaqf bill supreme courtwaqf bill supreme court hearingwaqf bill supreme court hearing newswaqf bill supreme court judgementwaqf lawsWaqf SC testअभिषेक सिंधवीकपिल सिब्बलवक्फ कानूनवक्फ संशोधन अधिनियमसुप्रीम कोर्ट

ट्रेंडिंग खबरें

Next Article