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महाशिवरात्रि पर सिर्फ 12 घंटे के लिए खुलता है ये रहस्यमयी मंदिर, जानिए क्या है इसकी मान्यता?

सोमेश्वर महादेव मंदिर साल में सिर्फ महाशिवरात्रि के दिन 12 घंटे के लिए खुलता है। जानिए इस रहस्यमयी मंदिर का इतिहास और महत्व।
04:19 AM Feb 26, 2025 IST | Girijansh Gopalan

भारत में शिव मंदिरों की कोई कमी नहीं है, लेकिन कुछ मंदिर ऐसे भी हैं जिनसे कई रहस्य जुड़े हुए हैं. ऐसा ही एक अनोखा मंदिर है मध्य प्रदेश के रायसेन जिले में स्थित सोमेश्वर महादेव मंदिर. इस मंदिर की खासियत यह है कि इसके कपाट साल में सिर्फ एक बार, महाशिवरात्रि के दिन, 12 घंटे के लिए खोले जाते हैं. बाकी पूरे साल यह मंदिर बंद रहता है. आइए जानते हैं कि आखिर इस मंदिर का क्या रहस्य है और यहां पूजा करने का क्या महत्व है.

कहां है यह रहस्यमयी मंदिर?

सोमेश्वर महादेव मंदिर मध्य प्रदेश के रायसेन जिले के रायसेन किले में स्थित है. यह एक प्राचीन शिव मंदिर है, जिसकी धार्मिक और ऐतिहासिक मान्यता बेहद खास है. कहा जाता है कि यह मंदिर 12वीं शताब्दी में बनाया गया था, लेकिन समय के साथ यह बंद हो गया. मुगल शासन के दौरान इस मंदिर को बंद कर दिया गया और यह कई सालों तक वीरान पड़ा रहा. 1974 में इस मंदिर के कपाट सिर्फ महाशिवरात्रि के दिन खोलने की परंपरा शुरू की गई, जो आज भी जारी है.

सिर्फ 12 घंटे के लिए ही क्यों खुलते हैं कपाट?

यह सवाल हर किसी के मन में आता है कि इस मंदिर के द्वार सिर्फ महाशिवरात्रि के दिन ही क्यों खोले जाते हैं और बाकी पूरे साल बंद क्यों रहते हैं? दरअसल, इसको लेकर कई मान्यताएं प्रचलित हैं:

रहस्यमयी ऊर्जा का केंद्र – लोगों का मानना है कि यह मंदिर एक सिद्धपीठ है और यहां ऐसी रहस्यमयी ऊर्जा है, जो आम दिनों में मंदिर के अंदर जाने वालों के लिए नुकसानदायक हो सकती है.स्वयंभू शिवलिंग – कहा जाता है कि मंदिर में स्थापित शिवलिंग स्वयं प्रकट हुआ था और इसमें दिव्य शक्ति है.
मुगल आक्रमण और सुरक्षा कारण – इतिहासकारों के मुताबिक, मुगल आक्रमण के दौरान इस मंदिर को क्षतिग्रस्त किया गया था. बाद में इसे सुरक्षित रखने के लिए बंद कर दिया गया और सिर्फ महाशिवरात्रि पर खोलने की परंपरा शुरू हुई.

महाशिवरात्रि पर उमड़ता है जनसैलाब

हर साल महाशिवरात्रि के दिन सुबह 6 बजे इस मंदिर के कपाट खोले जाते हैं और रात 12 बजे फिर से बंद कर दिए जाते हैं. इस दौरान हजारों श्रद्धालु यहां पहुंचते हैं और भगवान शिव का जलाभिषेक करते हैं. मान्यता है कि इस दिन यहां दर्शन करने से हर मनोकामना पूरी होती है. मंदिर के अंदर जाने के लिए श्रद्धालुओं की लंबी कतार लगती है और पूरे रायसेन जिले में मेले जैसा माहौल बन जाता है. भक्तजन दूध, दही, शहद और गंगाजल से रुद्राभिषेक करते हैं और भोलेनाथ से आशीर्वाद मांगते हैं.

क्या है मंदिर की मान्यता?

इस मंदिर को लेकर कई कहानियां प्रचलित हैं:
भगवान शिव ने किया था विश्राम – कहा जाता है कि इस जगह पर भगवान शिव स्वयं कुछ समय के लिए ठहरे थे, इसलिए इसे बेहद पावन और शक्तिशाली स्थान माना जाता है.
सिद्धपीठ माना जाता है – यहां जो भी सच्चे मन से पूजा करता है, उसकी हर इच्छा पूरी होती है.
मंदिर का दरवाजा क्यों रहता है बंद? – कुछ लोगों का मानना है कि मंदिर के अंदर ऐसी रहस्यमयी शक्ति है, जिससे आम दिनों में यहां प्रवेश करना संभव नहीं है.

श्रद्धालुओं के लिए खास निर्देश

अगर आप भी इस मंदिर के दर्शन करना चाहते हैं, तो आपको महाशिवरात्रि के दिन सुबह जल्दी पहुंचना होगा. क्योंकि दिनभर भक्तों की भारी भीड़ उमड़ती है और सिर्फ 12 घंटे के लिए ही मंदिर के दर्शन संभव होते हैं.

महाशिवरात्रि के दिन सुबह 6 बजे से मंदिर के कपाट खुलते हैं.
रात 12 बजे मंदिर के दरवाजे फिर से बंद कर दिए जाते हैं.
यहां आने वाले भक्तों को खास सतर्कता बरतनी होती है क्योंकि मंदिर एक पहाड़ी पर स्थित है.

सोमेश्वर महादेव मंदिर सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि रहस्यों और मान्यताओं से भरा एक अद्भुत स्थान है. हर साल हजारों श्रद्धालु महाशिवरात्रि के दिन यहां पहुंचकर भगवान शिव का आशीर्वाद लेते हैं. अगर आप भी भगवान शिव के भक्त हैं और इस अनोखे मंदिर के दर्शन करना चाहते हैं, तो महाशिवरात्रि के दिन इस पावन धाम में जरूर जाएं.

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