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11 जनवरी को मनाई जाएगी राम मंदिर की पहली वर्षगांठ, जानिए 22 जनवरी की जगह क्यों चुनी गई नई तारीख

इस साल 11 जनवरी को राम मंदिर की पहली वर्षगांठ मनाई जाएगी। जानिए 22 जनवरी की जगह क्यों चुना गया है 11 जनवरी की तारीख।
01:14 AM Jan 03, 2025 IST | Girijansh Gopalan
11 जनवरी को मनाई जाएगी राम मंदिर की पहली वर्षगांठ

अयोध्या में अराध्य भगवान श्रीराम के भव्य और दिव्य मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा पिछले साल 22 जनवरी 2024 को हुई थी। लेकिन इस साल मंदिर की वर्षगांठ 11 जनवरी को मनाई जाएगी। अब आपके मन में सवाल उठ रहा होगा कि जब प्राण प्रतिष्ठा पिछले साल 22 जनवरी को हुई थी, तो वर्षगांठ 11 जनवरी को क्यों मनाया जा रहा है। आज हम आपको इसके पीछे की वजह बताएंगे।

11 जनवरी को मनाई जाएगी राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा

बता दें कि राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा की वर्षगांठ हिंदू कैलेंडर के पौष शुक्ल द्वादशी के दिन मनाई जाएगी। इस साल हिंदू कैलेंडर के मुताबिक पौष शुक्ल द्वादशी 11 जनवरी को पड़ रहा है। वहीं पिछले साल भी पौष शुक्ल द्वादशी की तिथि संयोग से अंग्रेजी कैलेंडर के मुताबिक 22 जनवरी को पड़ी थी। लेकिन अब हिन्दू कैलेंडर के मुताबिक मंदिर के एक साल 11 जनवरी को पूरे हो रहे हैं।

पिछले साल भव्य तरीके से हुआ था प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम

गौरतलब है कि पिछले साल अयोध्याधाम में इस पवित्र मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम पूरा हुआ था। बता दें कि साढ़े पांच सौ वर्षों के संघर्ष के बाद भगवान राम के मंदिर का सपना पूरा होने पर पूरे देश में हर्ष उल्लास और त्योहार जैसा माहौल था। अंग्रेजी कलेंडर के मुताबिक सबको लगता है कि प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम 22 जनवरी को हुआ था। लेकिन असल में भगवान राम के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा पौष शुक्ल पक्ष द्वादशी यानी कूर्म द्वादशी की तिथि को हुई थी।

सनातन धर्म में हिंदू कैलेंडर से होता है काल गणना

बता दें कि सनातन धर्म में काल गणना अर्थात दिन तरीखों का निर्धारण हिन्दू कैलेंडर से होता है। इसी कैलेंडर के आधार पर पिछले साल भगवान राम के मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के लिए पौष शुक्ल द्वादशी की तिथि निर्धारित हुई थी।

प्राण प्रतिष्ठा में आरएसएस प्रमुख और पीएम मोदी बने थे मुख्य यजमान

बता दें कि पिछले साल 22 जनवरी को पौष शुक्ल द्वादशी की तिथि पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य यजमान बने थे। इस दौरान उनके साथ आरएसएस के प्रमुख मोहन भागवत भी यजमान बने थे और पूजा को विधि द्वारा पूर्ण किया था। जानकारी के मुताबिक इस पूजा की पात्रता हासिल करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11 दिनों का विशेष अनुष्ठान भी किया था, इसमें उन्होंने अन्न का त्याग करने के साथ विभिन्न तीर्थों में लगातार भ्रमण किया था।

तीन दिनों तक होगा वर्षगांठ का आयोजन

श्रीराम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने बताया कि वर्षगांठ का जश्न 3 दिनों तक देशभर में चलेगा। उन्होंने कहा कि इस दौरान पांच स्थानों को आयोजन स्थल बनाया गया है। चंपत राय ने जानकारी देते हुए बताया कि इस दौरान यज्ञ मंडप में अग्नि देवता को 1975 मंत्रों से आहुति दी जाएगी। वहीं इस दौरान छह लाख बार श्रीराम मंत्र का जाप होगा और इसी प्रकार प्रार्थना मंडप में भगवान की राग सेवा होगी। उन्होंने आगे कहा कि वहीं मंदिर प्रांगण में लगातार बधाई गाई और बजाई जाएगी। वहीं सुविधा केंद्र पर संगीतमय मानस पाठ का आयोजन होगा। इसके अलावा अंगद टीला पर रामकथा, प्रवचन और सांस्कृतिक कार्यक्रम होंगे।

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