NIA को मिली 26/11 आतंकी हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा पर मुकदमा चलाने की मंजूरी
मुंबई आतंकी हमले के बड़े आरोपियों में शामिल तहव्वुर हुसैन राणा को उसके असली अंजाम तक पहुंचाने की राह में आने वाली सारी बाधाएं एक-एक करके खत्म हो रही है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) को आखिरकार कानूनी मंजूरी मिल गई है कि वह राणा पर मुकदमा चला सके। कानून मंत्रालय से मिली इस हरी झंडी के साथ ही अब राणा के खिलाफ भारत में कानूनी कार्रवाई का रास्ता पूरी तरह साफ हो गया है।
राणा की सुरक्षा के किए पुख्ता इंतज़ाम, SWAT और स्पेशल सेल अलर्ट पर
मामले की गंभीरता को देखते हुए तहव्वुर राणा जैसे हाई-प्रोफाइल आरोपी को लेकर सुरक्षा में कोई कोताही न हो, इसके लिए दिल्ली पुलिस की SWAT टीम NIA अधिकारियों की सुरक्षा संभालेगी। इसके अलावा, स्पेशल सेल को हाई अलर्ट पर रखा गया है और दिल्ली एयरपोर्ट की सुरक्षा बढ़ा दी गई है। एयरपोर्ट के भीतर और बाहर CAPF (Central Armed Police Forces) और स्थानीय पुलिस के जवानों की तैनाती कर दी गई है।
अदालत में NIA का पक्ष रखेंगे स्पेशल प्रॉसिक्यूटर नरेंद्र मान
NIA की ओर से कोर्ट में वरिष्ठ अधिवक्ता नरेंद्र मान पैरवी करेंगे, उन्हें इस मामले में विशेष सरकारी वकील के रूप में नियुक्त किया गया है। इस केस की सुनवाई दिल्ली स्थित NIA की विशेष एवं अपीलीय अदालत में की जाएगी। बताया जा रहा है कि जांच एजेंसी की सहायता के लिए IG, DIG और SP स्तर के वरिष्ठ अधिकारी लगातार जुड़े रहेंगे।
अमेरिकी जेल में बंद था, भारत आने से बचने के लिए आजमाए थे कई दांव-पेच
64 वर्षीय तहव्वुर राणा मूलतः पाकिस्तान का नागरिक है, लेकिन वर्तमान में उसके पास कनाडा की नागरिकता है। वह अमेरिका के लॉस एंजिलिस स्थित मेट्रोपॉलिटन डिटेंशन सेंटर में बंद था। उसने अमेरिका से भारत प्रत्यर्पित होने से बचने के लिए कई कानूनी दांव-पेंच अपनाए, लेकिन अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने उसकी अपील को खारिज कर दिया। अब उसे भारत लाया जा रहा है।
26/11 आतंकी हमले का मास्टरमाइंड हेडली का साथी है राणा
तहव्वुर राणा को पाकिस्तानी-अमेरिकी आतंकवादी डेविड कोलमैन हेडली का करीबी सहयोगी माना जाता है। हेडली वही आतंकी है जिसने 2008 के मुंबई आतंकी हमलों की प्लानिंग में बड़ी भूमिका निभाई थी। बताया गया है कि राणा ने हेडली को भारत के लिए वीज़ा दिलवाने में मदद की थी, जिससे वो देश में दाखिल होकर हमले की ज़मीन तैयार कर सका।
को भारत पर हुआ था भयावह आतंकी हमला
26 नवंबर 2008 को दस पाकिस्तानी आतंकियों का एक ग्रुप समुद्री रास्ते से भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई में घुसा और ताज होटल, ओबेरॉय, छत्रपति शिवाजी टर्मिनस (CST), और नरीमन हाउस जैसे प्रमुख ठिकानों पर हमला बोला। इस भीषण हमले में 166 निर्दोष लोगों की जान गई, जिनमें 6 अमेरिकी नागरिक भी शामिल थे। हमले के दौरान एकमात्र जिंदा पकड़े गए आतंकी अजमल आमिर कसाब को 2012 में पुणे की यरवदा जेल में फांसी दे दी गई थी।
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