Tahawwur Rana extradition: वो समझौता हुआ, जिसने तहव्वुर राणा को भारत भेजने को राजी हुआ अमेरिका
Tahawwur Rana extradition: मुंबई में आतंकी हमले का गुनहगार तहव्वुर राणा आखिरकार भारत पहुंच रहा है। सवाल है कि आखिर किस समझौते के तहत ऐसा हुआ। असल में भारत और अमेरिका के बीच 2023 में हुआ एक अहम समझौता 26/11 मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड तहव्वुर राणा के भारत प्रत्यर्पण की बड़ी वजह बना। इस समझौते के तहत दोनों देशों ने अपनी जमीन पर सक्रिय अपराधियों की जानकारी साझा करने की सहमति जताई थी। इसी के चलते पिछले डेढ़ साल में भारत ने अमेरिका के साथ राणा से जुड़ी कई जरूरी जानकारियां शेयर कीं थीं।
अहम डॉक्यूमेंट मुहैया कराए
फिर इसके बाद अमेरिकी एजेंसियों ने भी भारत को महत्वपूर्ण दस्तावेज उपलब्ध कराए। इन दस्तावेजों ने राणा के प्रत्यर्पण का रास्ता साफ करने में अहम भूमिका निभाई। तहव्वुर राणा मुंबई हमले की साजिश में शामिल था। वह लंबे समय से अमेरिका में रह रहा था। भारत उसकी वापसी के लिए सालों से कोशिश कर रहा था लेकिन 2023 के समझौते ने इस प्रक्रिया को तेज कर दिया।
कोर्ट में केस हुआ मजबूत
इस समझौते में दोनों देशों ने अपराधियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने और एक-दूसरे की मदद करने का वादा किया था। भारत ने राणा के खिलाफ सबूत जुटाकर अमेरिका को सौंपे जिसके आधार पर अमेरिकी अदालत में मामला मजबूत हुआ और अंततः प्रत्यर्पण को मंजूरी मिल गई। एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस मामले में तेजी दिखाते हुए तहव्वुर राणा को भारत भेजने का फैसला तुरंत लागू कर दिया।
ट्रंप ने इसकी घोषणा की थी
फरवरी 2025 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान ट्रंप ने इसकी घोषणा की थी। इसके बाद अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने भी राणा की अपील खारिज कर दी जिसमें उसने भारत में यातना का डर जताया था। राणा अपने दोस्त डेविड हेडली के साथ मिलकर मुंबई हमले की योजना में शामिल था। 2009 से वह अमेरिका की जेल में था और भारत लगातार उसके प्रत्यर्पण की मांग करता रहा।
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