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"तमिलनाडु दिल्ली के कंट्रोल से बाहर": स्टालिन की शाह को चुनौती, 2026 में द्रविड़ मॉडल की वापसी का दावा

CM स्टालिन ने अमित शाह को चुनौती दी, कहा- तमिलनाडु दिल्ली के अधीन नहीं होगा, 2026 में द्रविड़ मॉडल के साथ DMK फिर जीतेगी।
04:08 PM Apr 18, 2025 IST | Rohit Agrawal

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने केंद्र सरकार और गृह मंत्री अमित शाह पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु "हमेशा दिल्ली के नियंत्रण से बाहर" रहा है और 2026 के विधानसभा चुनाव में भी दिल्ली का "पार्टी तोड़ने और छापेमारी" वाला फॉर्मूला यहाँ नहीं चलेगा। स्टालिन ने शाह को चुनौती दी कि तमिलनाडु कभी दिल्ली के आगे नहीं झुकेगा। यह बयान तब आया, जब शाह ने हाल ही में BJP-AIADMK गठबंधन के साथ 2026 में तमिलनाडु में सरकार बनाने का दावा किया। स्टालिन ने NEET, हिंदी थोपने, और परिसीमन जैसे मुद्दों पर भी केंद्र को घेरा।

स्टालिन का शाह को चैलेंज: "तमिलनाडु दिल्ली के आगे नहीं झुकेगा"

दरअसल 17 अप्रैल 2025 को तिरुवल्लूर में एक जनसभा में स्टालिन ने कह डाला है कि अमित शाह कहते हैं कि 2026 में वे तमिलनाडु में सरकार बनाएँगे। मैं उन्हें चुनौती देता हूँ कि तमिलनाडु कभी दिल्ली के प्रशासन के सामने नहीं झुकेगा। दूसरी जगहों पर आप पार्टियाँ तोड़कर, छापे मारकर सरकार बनाते हैं, लेकिन तमिलनाडु में यह नहीं चलेगा। हमारा राज्य हमेशा दिल्ली के कंट्रोल से बाहर रहा है।

स्टालिन ने दावा किया कि 2026 में उनकी DMK फिर द्रविड़ मॉडल के साथ सत्ता में आएगी। उन्होंने शाह से पूछा कि क्या वे NEET से छूट, हिंदी न थोपने, तमिलनाडु को विशेष फंड, और परिसीमन में सीटें न घटने का वादा दे सकते हैं। स्टालिन ने कहा कि केंद्र तमिलनाडु के सवालों का जवाब देने की बजाय "ध्यान भटकाने" की कोशिश कर रहा है।

केंद्र पर बोला हमला: "तमिलों को अपमानित कर रही BJP"

स्टालिन ने केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान की उस टिप्पणी पर निशाना साधा, जिसमें उन्होंने तमिलनाडु सरकार को "बेईमान" और यहाँ के लोगों को "असभ्य" कहा था। स्टालिन ने कहा, "केंद्र के मंत्रियों ने तमिलों का अपमान किया। यहाँ तक कि PM ने ओडिशा में कहा कि क्या तमिल ओडिशा पर राज कर सकते हैं? BJP ने राजनीति से हमें बाँटने की कोशिश की, लेकिन तमिलनाडु में यह नहीं चलेगा।" उन्होंने BJP पर तमिल संस्कृति और भाषा के खिलाफ काम करने का आरोप लगाया, खासकर हिंदी थोपने और NEET जैसे मुद्दों पर। स्टालिन ने कहा कि उनकी सरकार इन मुद्दों पर जनता के साथ खड़ी है।

स्वायत्तता की लड़ाई: समिति का गठन

15 अप्रैल 2025 को स्टालिन ने तमिलनाडु विधानसभा में एक प्रस्ताव पास करवाया, जिसके तहत राज्य की स्वायत्तता बढ़ाने और अधिकारों को वापस लेने के लिए एक समिति बनाई गई। इसकी अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज कुरियन जोसेफ करेंगे, और इसमें रिटायर्ड IAS अशोक वर्धन शेट्टी व अर्थशास्त्री एमयू नागराजन शामिल हैं। यह समिति जनवरी 2026 तक अंतरिम रिपोर्ट और दो साल में पूरी रिपोर्ट देगी। इसका मकसद केंद्र-राज्य संबंधों को मजबूत करना और तमिलनाडु के हितों की रक्षा करना है। यह कदम राज्यपाल आरएन रवि के साथ टकराव के बाद आया, जो विधानसभा के कई बिलों को मंजूरी नहीं दे रहे थे। स्टालिन ने कहा, "तमिलनाडु हमेशा राज्य स्वायत्तता की आवाज उठाता रहा है। हम दिल्ली से दिशा-निर्देश नहीं लेते, बल्कि देश को रास्ता दिखाते हैं।

BJP-AIADMK गठबंधन पर कसे तंज

स्टालिन की यह टिप्पणी BJP और AIADMK के हालिया गठबंधन के जवाब में आई। 11 अप्रैल 2025 को अमित शाह ने चेन्नई में ऐलान किया कि 2026 के चुनाव में BJP-AIADMK गठबंधन मिलकर लड़ेगा, जिसका नेतृत्व राज्य में AIADMK के एडप्पादी के पलानीस्वामी (EPS) और राष्ट्रीय स्तर पर PM मोदी करेंगे। स्टालिन ने इसे "हार का भ्रष्ट गठबंधन" बताया और कहा कि AIADMK ने तमिलनाडु की स्वायत्तता को "गुलामी" में बदल दिया। उन्होंने दावा किया कि जनता इस गठबंधन को पहले भी नकार चुकी है और 2026 में फिर नकारेगी। X पर लोग स्टालिन के बयान को "द्रविड़ गौरव" बता रहे हैं, तो BJP समर्थक इसे "विपक्ष की बौखलाहट" कह रहे हैं।

क्यों अहम है यह टकराव?

तमिलनाडु की राजनीति में केंद्र और राज्य की यह जंग नई नहीं है। DMK हमेशा से द्रविड़ पहचान, तमिल भाषा, और राज्य स्वायत्तता की वकालत करती रही है। स्टालिन का यह बयान 2026 के चुनाव से पहले माहौल गरमाने की कोशिश है, खासकर जब BJP-AIADMK गठबंधन DMK को चुनौती देने की तैयारी में है। स्टालिन ने NEET, हिंदी थोपने, और परिसीमन जैसे भावनात्मक मुद्दों को उठाकर जनता को एकजुट करने की रणनीति अपनाई है। दूसरी तरफ, शाह का दावा है कि उनका गठबंधन DMK की "भ्रष्टाचार और कुशासन" की राजनीति को खत्म करेगा। यह सियासी जंग तमिलनाडु की 2026 की लड़ाई को और रोमांचक बना रही है।

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