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दक्षिण कोरिया भारत को देगा 100 K9 वज्र टी होवित्जर तोप, चीन सीमा पर होंगी तैनात

यह समझौता भारतीय सेना के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। यह न केवल भारतीय सेना की ताकत को बढ़ाएगा, बल्कि 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत स्वदेशी उत्पादन को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा।
01:25 PM Apr 07, 2025 IST | Sunil Sharma

भारत और दक्षिण कोरिया ने एक ऐतिहासिक रक्षा साझेदारी की है, जिसके तहत भारतीय सेना को 100 अत्याधुनिक K9 वज्र-T होवित्जर तोपें मिलेंगी। इस सौदे का उद्देश्य भारतीय सेना की मारक क्षमता को बढ़ाना और स्वदेशी निर्माण को बढ़ावा देना है। अप्रैल 2025 के पहले सप्ताह में हनवा एयरोस्पेस, जो एक दक्षिण कोरियाई कंपनी है, ने भारतीय कंपनी लार्सन एंड टुब्रो (L&T) के साथ 253 मिलियन डॉलर का एक अनुबंध साइन किया है। इस अनुबंध के तहत, K9 वज्र-T तोपों के लिए आवश्यक कंपोनेंट्स की आपूर्ति की जाएगी।

भारतीय सेना के साथ-साथ 'मेक इन इंडिया' को भी मिलेगी ताकत

यह समझौता भारतीय सेना के लिए एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। यह न केवल भारतीय सेना की ताकत को बढ़ाएगा, बल्कि 'मेक इन इंडिया' पहल के तहत स्वदेशी उत्पादन को भी नई ऊंचाइयों पर ले जाएगा। नई दिल्ली में दक्षिण कोरियाई दूतावास में इस अनुबंध पर हस्ताक्षर किए गए। यह समझौता दोनों देशों के बीच पहले से मजबूत हो रहे रक्षा संबंधों को और भी सशक्त करेगा। 2017 में हुए पहले अनुबंध के तहत 100 के9 वज्र-T तोपों का पहला बैच भारतीय सेना को सौंपा गया था, और अब इस सौदे से इसका विस्तार होगा।

50 किलोमीटर की दूरी तक मार कर सकती है K9 वज्र-T होवित्जर तोप

K9 वज्र-T, दक्षिण कोरिया की K9 थंडर तोप का भारतीय संस्करण है, जिसे विशेष रूप से भारतीय सेना की आवश्यकताओं के अनुरूप विकसित किया गया है। यह 155 मिमी/52-कैलिबर की ऑटोमेटिक होवित्जर है, जो 50 किलोमीटर तक की दूरी तक सटीक हमले कर सकती है। इसकी उच्च फायरिंग दर और गतिशीलता इसे युद्धक्षेत्र में अत्यधिक प्रभावी बनाती है। इस तोप में हर 15 सेकंड में तीन राउंड फायरिंग और तीन मिनट में 6 से 8 राउंड प्रति मिनट की अधिकतम फायरिंग क्षमता है।

भारतीय परिस्थितियों के अनुकूल बनाया जा रहा है इन तोपों को

इसके अलावा, 1,000 हॉर्सपावर के इंजन के साथ यह तोप 67 किमी/घंटा की गति प्राप्त कर सकती है और इसकी परिचालन रेंज 360 किमी तक होती है। भारतीय सेना का लक्ष्य है कि कुल 300 के9 वज्र-T तोपों का बेड़ा तैयार किया जाए, जिसमें इस सौदे के बाद और 100 तोपें शामिल की जाएंगी। इस तोप को विशेष रूप से भारत-चीन सीमा पर उच्च ऊंचाई वाले इलाकों में तैनात करने के लिए अनुकूलित किया जा रहा है, जहां तापमान माइनस 30 डिग्री सेल्सियस तक जा सकता है।

हथियारों के मामले में आत्मनिर्भर बनेगा भारत

भारत अपनी सैन्य क्षमताओं को मजबूत करने के लिए लगातार प्रयास कर रहा है। के9 वज्र-T तोपों की खरीदारी भी इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। सरकार ने हाल ही में 307 एडवांस टोएड आर्टिलरी गन सिस्टम (ATAGS) की खरीद को भी मंजूरी दी है, जो पूरी तरह से स्वदेशी रूप से विकसित की गई हैं। इन तोपों का उत्पादन गुजरात के हजीरा में एलएंडटी के आर्मर्ड सिस्टम कॉम्प्लेक्स में किया जाएगा, जिससे स्वदेशी उत्पादन में भी वृद्धि होगी।

दोनों देशों के बीच संबंध होंगे मजबूत

भारत और दक्षिण कोरिया के बीच हुआ यह रक्षा सौदा भारतीय सेना के लिए एक बड़ी ताकत बनकर उभरेगा। K9 वज्र-T तोपें भारतीय सेना की क्षमता को एक नई दिशा देंगी और 'मेक इन इंडिया' के तहत स्वदेशी उत्पादन को भी बढ़ावा मिलेगा। यह साझेदारी न केवल भारत की सैन्य शक्ति को बढ़ाएगी, बल्कि दोनों देशों के बीच रक्षा संबंधों को और भी मजबूत करेगी।

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