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सैनिक ट्रेनिंग में पीते थे सांप का खून, इन जानवरों को खा लेते थे कच्चा मांस!

क्या आप जानते हैं कि जंगल में ट्रेनिंग के दौरान सैनिकों को सांप का खून पिलाना और छिपकली का मांस खिलाना सिखाया जाता है।
04:22 PM Dec 03, 2024 IST | Girijansh Gopalan
अमेरिकी सैनिक

दुनियाभर के अधिकांश देशों के पास उनकी खुद की सेना है। लेकिन कुछ देशों की सेना को सबसे अधिक ताकतवर माना जाता है। इनमें से एक अमेरिका की भी सेना है। लेकिन आज हम आपको अमेरिका के बारे में कुछ ऐसा तथ्य बताने वाले हैं, जिसको सुनकर आप चौंक सकते हैं। जी हां, क्या आप जानते हैं कि एक समय पर अमेरिकी सैनिकों को थाइलैंड ट्रेनिंग के लिए भेजा जाता था। जहां ट्रेनिंग के दौरान उन्हें जिंदा रहने के लिए सांप का खून पीना होता था और कई जानवरों को जिंदा खाना होता था।

अमेरिकी मैरिन सैनिक

बता दें कि अमेरिकी मैरीन सैनिक जब थाईलैंड में हर साल कोबरा गोल्ड सैन्य अभ्यास में जाते हैं, तो उन्हें वहां जंगल में जिंदा रहने के लिए कोबरा का खून पीना भी सिखाया जाता था। इतना ही नहीं जंगल में जिंदा रहने के कौशन में उन्हें बिच्छू, छिपकली, मुर्गी और कई तरह के जानवर भी जिंदा खाना पड़ता था।

हर साल जाते हैं थाइलैंड

अमेरिकी मैरीन सैनिक हर साल खास अभ्यास के लिए थाईलैंड जाते हैं। ये सैनिक थाइलैंड में होने वाले सालाना कोबरा गोल्ड सैन्य अभ्यास का हिस्सा बनते हैं। बता दें कि ये सैन्य रिहर्सल यू.एस.-थाई सैन्य संबंधों को मजबूत करने के लिए 1982 में शुरू हुआ था। इस दौरान सैनिकों को जंगल में जिंदा रहने के लिए एक ऐसा अभ्यास करना पड़ता है, जो बहुत ही खतरनाक और चुनौतीपूर्ण होता है। दरअसल इस दौरान उनके पास खाने को कुछ नहीं होता है। उन्हें जिंदा रहने के लिए जंगल में जो कीटे, सरीसृप और सांप मिलते हैं, उन्हें खाकर ही जिंदा रहना होता है। इसमें सैनिकों को सांप और बिच्छू समेत खाद्य पौधों और जानवरों की पहचान करना सिखाया जाता है।

कई देशों के सैनिक होते हैं शामिल

बता दें कि इस कोबरा गोल्ड अभ्यास में अमेरिकी मैरीन के अलावा थाईलैंड, सिंगापुर, मलेशिया और अन्य सहित कई देशों के सैनिक शामिल होते हैं। इस दौरान उन्हें ट्रेनिंग दिया जाता है कि अगर वो जंगल में फंसते हैं, तो वो कैसे जिंदा रहेंगे।

सांप का खून पीना बंद

बता दें कि PETA जैसे पशु अधिकार संगठनों ने इसे रोकने के लिए अभियान चलाया था। जिसके बाद सांप का खून पीने की प्रथा बंद कर दी गई है। हालांकि कोबरा गोल्ड प्रशिक्षण के दौरान खाए जाने वाले जानवरों और सरीसृपों में बिच्छू, टारेंटुला, छिपकली, चिकन आदि शामिल रहती है। वहीं जब से सैनिकों के सांप का खून पीने पर रोक लग गई है, तब से उनकी ट्रेनिंग में कुछ बदलाव हुआ है। अब उन्हें प्रशिक्षण में जानवरों के स्रोतों पर निर्भरता के बिना जंगल में पानी इकट्ठा करने के तरीकों पर जोर दिया जाता है। इसमें प्राकृतिक जल स्रोतों की पहचान करना और पानी को शुद्ध करने की तकनीकें शामिल हैं। इस दौरान सैनिक विभिन्न खाद्य पौधों और कीटों को पहचान करना सिखते हैं।

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