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International Women's Day: 35 प्लस सिंगल महिलाओं को क्या-क्या झेलना पड़ता है सामाजिक दबाव?

समाज और सेहत से जुड़ी कई चुनौतियां महिलाओं के सामने आती हैं, लेकिन अब सोच बदल रही है। महिलाएं आत्मनिर्भर हो रही हैं और अपनी शर्तों पर जिंदगी जी रही हैं।
09:40 AM Mar 08, 2025 IST | Vyom Tiwari

women's day 2025: आजकल महिलाओं को लेकर समाज में काफी बदलाव आ रहा है। पहले उनकी पसंद-नापसंद पर ज्यादा ध्यान नहीं दिया जाता था, लेकिन अब महिलाएं खुद अपने बड़े फैसले लेने लगी हैं। हर साल 8 मार्च को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। ऐसे में आज हम उन भारतीय महिलाओं की बात करेंगे, जो 35 साल की उम्र तक सिंगल हैं और शादी करने का कोई इरादा नहीं रखतीं। क्या उन्हें अपनी जिंदगी में किसी तरह की परेशानियों या चुनौतियों का सामना करना पड़ता है? आइए जानते हैं।

भारत में ज्यादातर लोगों की सोच यही है कि महिलाओं की शादी 30 साल से पहले हो जानी चाहिए। लेकिन कई महिलाएं अलग-अलग वजहों से 35 साल के बाद भी सिंगल रहती हैं। ऐसी महिलाओं को समाज में कई तरह की चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। इस आर्टिकल में हम समझेंगे कि 35 साल से ज्यादा उम्र की सिंगल महिलाओं को किन मुश्किलों का सामना करना पड़ता है और समाज उन्हें कैसे देखता है।

शादी को लेकर सामाजिक दबाव

भारत में 35 साल से ज्यादा उम्र की अविवाहित महिलाओं को अक्सर परिवार और समाज से शादी करने का दबाव झेलना पड़ता है। रिश्तेदार और पड़ोसी बार-बार सवाल करते हैं, जिससे उन्हें मानसिक तनाव महसूस हो सकता है। समाज में अब भी यह सोच बनी हुई है कि शादी हर महिला के जीवन का जरूरी हिस्सा है। अगर कोई महिला अविवाहित रहती है, तो लोग उसे अलग नजरों से देखते हैं, जिससे वह असहज महसूस कर सकती है।

मानसिक रूप से दबाव और तनाव झेलना 

कई महिलाएं अपने करियर में एक अच्छी मुकाम तक पहुंच जाती हैं, लेकिन समाज में अक्सर यह धारणा बना दी जाती है कि उन्होंने करियर पर ज्यादा ध्यान देने के कारण शादी नहीं की। परिवार और समाज के लोग कई बार ताने मारते हैं, जैसे – "अब तुम्हारी शादी कौन करेगा?" इससे महिलाओं को मानसिक रूप से दबाव और तनाव झेलना पड़ता है।

फर्टिलिटी होने लगती है कम 

35 की उम्र के बाद महिलाओं की प्रजनन क्षमता धीरे-धीरे कम होने लगती है। अगर वे भविष्य में मां बनना चाहें, तो उन्हें कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। इस उम्र के बाद अंडाणुओं की गुणवत्ता प्रभावित होने लगती है, जिससे गर्भधारण में दिक्कत आ सकती है। हालांकि, मेडिकल साइंस में अब कई नए विकल्प मौजूद हैं, जैसे एग फ्रीजिंग, जिससे महिलाएं भविष्य में मां बनने का सपना पूरा कर सकती हैं। लेकिन भारत में इस विषय पर अभी भी खुलकर बातचीत नहीं होती।

मेंटल हेल्थ होता है नेगेटिव असर

जब समाज बार-बार शादी को लेकर सवाल करता है, तो यह अकेलेपन और असुरक्षा की भावना बढ़ा सकता है। इससे मानसिक तनाव बढ़ता है, और कुछ महिलाओं को एंग्जायटी या डिप्रेशन जैसी परेशानियों का सामना करना पड़ता है। खासतौर पर तब, जब परिवार और दोस्त भी शादी को ही जिंदगी का सबसे अहम हिस्सा मानते हैं।

हॉर्मोनल और मेटाबॉलिज्म से जुड़ी समस्याएं

35 की उम्र के बाद महिलाओं के शरीर में कई बदलाव आने लगते हैं। हॉर्मोन का संतुलन बिगड़ सकता है, वजन बढ़ सकता है, और पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं। थायरॉइड की समस्या भी आम हो जाती है। अगर जीवनशैली सही न हो, तो डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर का खतरा बढ़ सकता है। इसलिए इस उम्र में सही खान-पान और रोज़ाना एक्सरसाइज करना बहुत ज़रूरी है, ताकि शरीर स्वस्थ और फिट बना रहे।

 

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