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SIM Card: पुराने सिम कार्ड्स की छुट्टी, सरकार की बड़ी तैयारी—क्या है पूरा मामला?

भारत सरकार पुराने सिम कार्ड्स को बदलने की तैयारी में जुट गई है, और यह खबर आपके लिए भी अहम हो सकती है। अगर आपके पास पुराना सिम कार्ड है, तो जल्द ही आपको इसे नए से रिप्लेस करना पड़...
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भारत सरकार पुराने सिम कार्ड्स को बदलने की तैयारी में जुट गई है, और यह खबर आपके लिए भी अहम हो सकती है। अगर आपके पास पुराना सिम कार्ड है, तो जल्द ही आपको इसे नए से रिप्लेस करना पड़ सकता है। नेशनल साइबर सिक्योरिटी कोऑर्डिनेटर (NCSC) और गृह मंत्रालय की जांच में खुलासा हुआ है कि कई सिम कार्ड्स में चीनी चिप्स का इस्तेमाल हुआ है, जिसने राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर सवाल खड़े कर दिए हैं। आइए, इस सनसनीखेज मामले को आसान भाषा में समझते हैं।

क्या है पूरा मामला?

दरअसल, NCSC और गृह मंत्रालय की जॉइंट जांच में पता चला कि कुछ सिम कार्ड्स में लगे चिप्स चीन से आए थे। भारत के 1.15 अरब मोबाइल यूजर्स में से अगर छोटा सा हिस्सा भी प्रभावित हुआ, तो डेटा सिक्योरिटी का खतरा बड़ा हो सकता है। इसीलिए सरकार पुराने सिम कार्ड्स को बदलने पर विचार कर रही है।

NCSC ने रिलायंस जियो, एयरटेल और वोडाफोन आइडिया (Vi) के टॉप अधिकारियों के साथ बैठक की, जिसमें सिम कार्ड सप्लाई की खामियों को ठीक करने और रिप्लेसमेंट का प्लान बनाने पर चर्चा हुई। यानी, जल्द ही सिम कार्ड की दुकानों पर लंबी लाइनें लगने वाली हैं!

चीनी चिप्स कैसे पहुंचे?

टेलीकॉम कंपनियाँ आमतौर पर सर्टिफाइड वेंडर्स से सिम कार्ड्स लेती हैं। ये वेंडर्स चिप्स को ताइवान या वियतनाम जैसे "ट्रस्टेड" सोर्स से मंगवाते हैं और भारत में असेंबल करते हैं। लेकिन जांच में खुलासा हुआ कि कुछ वेंडर्स ने सिस्टम को चकमा दिया। पहले उन्होंने दिखाया कि चिप्स भरोसेमंद स्रोतों से हैं, पर असल में इन्हें चीन से मंगवाया गया। यह खेल इतना चालाकी से खेला गया कि टेलीकॉम कंपनियों को भी भनक नहीं लगी। अब सरकार इन चीनी चिप्स को सिम कार्ड्स से बाहर निकालने के लिए कमर कस रही है।

किन सिम कार्ड्स पर पड़ेगा असर?

मार्च 2021 में दूरसंचार विभाग (DoT) ने नियम बदले थे कि टेलीकॉम कंपनियाँ अविश्वसनीय वेंडर्स से कुछ भी न खरीदें। NCSC को ट्रस्टेड सप्लायर्स को मंजूरी देने का जिम्मा मिला। लेकिन कुछ वेंडर्स ने इस नियम को ठेंगा दिखाया। इसका मतलब है कि 2021 से पहले और बाद के सिम कार्ड्स—दोनों प्रभावित हो सकते हैं। जिन सिम कार्ड्स में चीनी चिप्स मिले, उन्हें बदलने की योजना है। अभी यह साफ नहीं कि कितने सिम कार्ड्स बदले जाएंगे, लेकिन यह संख्या करोड़ों में हो सकती है।

क्यों उठी एकाएक Sim Card की चिंता?

बता दें कि भारत ने पहले ही हुआवेई और ZTE जैसे चीनी टेलीकॉम दिग्गजों पर बैन लगाया हुआ है। चीनी चिप्स का सिम कार्ड्स में मिलना डेटा चोरी और जासूसी का खतरा पैदा कर सकता है। ये चिप्स यूजर्स की कॉल, मैसेज और लोकेशन डेटा तक पहुँच सकते हैं। ऐसे में सरकार कोई जोखिम नहीं लेना चाहती। अब हर टेलीकॉम उपकरण की सख्त टेस्टिंग और सर्टिफिकेशन होगा, ताकि भविष्य में ऐसी गड़बड़ न हो।

आपके लिए क्या मतलब?

अगर आपका सिम पुराना है—खासकर 2021 से पहले का—तो तैयार रहें। सरकार और टेलीकॉम कंपनियाँ जल्द ही रिप्लेसमेंट का ढांचा तैयार करेंगी। इसमें तकनीकी और कानूनी चुनौतियाँ हैं, क्योंकि 1.15 अरब सिम कार्ड्स में से प्रभावित वाले चुनना आसान नहीं। लेकिन सुरक्षा पहले है, तो हो सकता है कि आपको नया सिम लेने के लिए लाइन में लगना पड़े। टेलीकॉम कंपनियाँ शायद मुफ्त रिप्लेसमेंट दें, पर अभी यह इंतजार का खेल है।

सरकार क्या कदम और उठा सकती है?

सरकार ट्रस्टेड सोर्स की मंजूरी को सख्त करेगी और आने वाले टेलीकॉम उपकरणों की लगातार टेस्टिंग करेगी। यह कदम न सिर्फ सिम कार्ड्स को सुरक्षित करेगा, बल्कि भारत के साइबर सिक्योरिटी ढांचे को भी मजबूत करेगा। तो, अपने सिम की उम्र चेक करें और अपडेट का इंतजार करें—क्योंकि सुरक्षा के इस खेल में आप भी खिलाड़ी हैं!

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