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सैटेलाइट हैकिंग: क्या दुश्मन देश स्पेस से आपकी जासूसी कर सकता है? जानिए पूरा सच

क्या सैटेलाइट को हैक किया जा सकता है? अगर हां, तो कैसे? जानिए साइबर वॉरफेयर, एंटी-सैटेलाइट वेपन और स्पेस सिक्योरिटी से जुड़ी पूरी जानकारी।
10:27 AM Mar 27, 2025 IST | Girijansh Gopalan

सैटेलाइट किसी भी देश के लिए बहुत अहम होती हैं। ये सिर्फ टीवी सिग्नल देने या जीपीएस नेविगेशन के लिए ही नहीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय संचार और मिलिट्री ऑपरेशन्स में भी बड़ी भूमिका निभाती हैं। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि क्या इन्हें हैक किया जा सकता है? अगर हां, तो इसका मतलब है कि दुश्मन देश स्पेस से आपकी हर हरकत पर नजर रख सकता है। आइए जानते हैं कि सैटेलाइट हैकिंग का खेल कैसे चलता है और क्या इससे बचाव संभव है?

क्या सच में सैटेलाइट को हैक किया जा सकता है?

सैटेलाइट को हैक करने का मतलब है किसी देश की अंतरिक्ष संपत्ति पर कंट्रोल हासिल करना और उसकी जानकारी चुराना। इसे साइबर वॉरफेयर कहा जाता है। लेकिन बड़ा सवाल यही है कि क्या वाकई सैटेलाइट को हैक किया जा सकता है? इसका जवाब है- हां, लेकिन यह आसान काम नहीं है। अगर आप सोच रहे हैं कि कोई घर बैठे लैपटॉप से किसी सैटेलाइट को हैक कर सकता है, तो ऐसा बिल्कुल नहीं है। इसके लिए हाई-लेवल टेक्नोलॉजी और प्रोफेशनल हैकर्स की टीम चाहिए, जो अरबों रुपये के संसाधनों के साथ इस काम को अंजाम दें। अगर कोई सामान्य टेलीविजन या कमर्शियल सैटेलाइट को हैक भी कर ले, तो उसे खास जानकारी नहीं मिलेगी। असली खेल तो मिलिट्री और सरकारी संचार सैटेलाइट्स का होता है, जो किसी भी देश के लिए सबसे महत्वपूर्ण होती हैं।

कैसी सैटेलाइट्स को हैक किया जा सकता है?

हर सैटेलाइट को हैक करना संभव नहीं है, खासकर वे जो किसी देश की सुरक्षा से जुड़ी होती हैं। लेकिन कुछ कम सुरक्षित सैटेलाइट्स को निशाना बनाया जा सकता है। उदाहरण के लिए:

कमर्शियल सैटेलाइट्स: जो सामान्य डेटा ट्रांसफर या संचार के लिए इस्तेमाल होती हैं।
मौसम सैटेलाइट्स: जिनका डेटा कुछ खास मामलों में उपयोगी हो सकता है।
पुरानी मिलिट्री सैटेलाइट्स: जिनकी सुरक्षा प्रणाली अपग्रेड नहीं हुई हो।
अगर किसी देश की मिलिट्री सैटेलाइट को हैक कर लिया जाए, तो दुश्मन को बेहद संवेदनशील जानकारियां मिल सकती हैं। लेकिन ये किसी साधारण हैकर के बस की बात नहीं है, इसके लिए पूरी साइबर वॉरफेयर यूनिट की जरूरत होती है।

कैसे बचाया जाता है सैटेलाइट्स को हैकिंग से?

हर देश अपनी सैटेलाइट्स को साइबर अटैक से बचाने के लिए कई लेयर की सुरक्षा देता है। इनमें कुछ प्रमुख तरीके शामिल हैं:
एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन - डेटा को इस तरह सुरक्षित किया जाता है कि उसे कोई डिकोड न कर सके।
सिक्योर कम्युनिकेशन चैनल - स्पेस और ग्राउंड स्टेशन के बीच कड़ी सुरक्षा वाले संचार चैनल बनाए जाते हैं।
AI और मशीन लर्निंग सिक्योरिटी - सैटेलाइट सिस्टम पर नजर रखने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का उपयोग किया जाता है।
सॉफ्टवेयर अपडेट्स और पैच - सिस्टम को लगातार अपडेट करके साइबर अटैक के खतरे को कम किया जाता है।

क्या है एंटी-सैटेलाइट वेपन और कैसे करता है काम?

सिर्फ साइबर अटैक ही नहीं, बल्कि दुश्मन देशों की सैटेलाइट्स को नष्ट करने के लिए एंटी-सैटेलाइट वेपन (ASAT) का भी इस्तेमाल किया जाता है। अमेरिका, रूस, चीन और भारत के पास ये हथियार हैं। भारत ने 2019 में मिशन शक्ति के तहत ASAT वेपन का सफलतापूर्वक परीक्षण किया था। ASAT मिसाइल किसी दुश्मन देश की सैटेलाइट को ट्रैक करके उसे नष्ट कर देती है। जैसे ही मिसाइल स्पेस में पहुंचती है, उसका हेड अलग होकर टारगेट की ओर तेजी से बढ़ता है और उसे पूरी तरह नष्ट कर देता है।

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