Sambhal Violence: पीस कमेटी की बैठक में संभल CO अनुज चौधरी बोले, ‘ईद की सेवइयां खिलाने के लिए, होली की गुजिया भी खानी होगी!’
Sambhal Violence News: उत्तर प्रदेश के संभल जिले में इन दिनों सांप्रदायिक तनाव की स्थिति बनी हुई है। इसी बीच, बुधवार को कोतवाली थाने में आयोजित पीस कमेटी की बैठक ने एक नया मोड़ लिया, जब सर्किल ऑफिसर (CO) अनुज चौधरी ने अपने बयानों पर बेबाकी से सफाई दी। इस बैठक में, उन्होंने सांप्रदायिक सौहार्द्र और शांति बनाए रखने के लिए पुलिस द्वारा किए गए प्रयासों का बचाव किया और साथ ही कुछ दिलचस्प बयानों से लोगों का ध्यान आकर्षित किया। सीओ ने कहा, "हमने दोनों पक्षों को ध्यान में रखते हुए बयान दिया है। यदि आप ईद की सेवइयां खिलाना चाहते हैं, तो होली की गुजिया भी खानी होगी।"
यह कहा था सीओ अनुज चौधरी ने, वीडियो हुआ वायरल
संभल (Sambhal Violence News) के सीओ अनुज चौधरी का यह बयान न सिर्फ एक मजेदार टिप्पणी थी, बल्कि इसके पीछे गहरा संदेश छिपा था कि अगर हम किसी एक पक्ष के त्योहारों का सम्मान करते हैं, तो दूसरे पक्ष के उत्सवों को भी समान रूप से मनाना चाहिए। सीओ अनुज चौधरी ने अपनी बात स्पष्ट करते हुए कहा, "मेरा उद्देश्य कभी भी किसी की भावनाओं को आहत करना नहीं था। मेरा उद्देश्य हमेशा से शांति, भाईचारे और सह-अस्तित्व को बढ़ावा देना है।" उन्होंने दोनों समुदायों के बीच तालमेल बनाए रखने की आवश्यकता पर जोर दिया और कहा कि जब एक पक्ष उत्सव मनाता है और दूसरा उसे नजरअंदाज करता है, तो भाईचारे का माहौल खत्म हो जाता है।
Uttar Pradesh: On his statement regarding Holi and Jumma, Sambhal CO Anuj Chaudhary says, "If even one person believed my statement was so wrong, why didn’t they challenge it in the High Court or Supreme Court? Why didn’t they ensure I was punished if my statement was truly… pic.twitter.com/ZY7WGqjeXj
— IANS (@ians_india) March 26, 2025
सीओ बोले, "मेरा बयान गलत था तो हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट क्यों नहीं गए"
उन्होंने अपने बयान के बारे में कहा, "अगर मेरा बयान इतना गलत था तो क्यों न हाईकोर्ट या सुप्रीम कोर्ट से इसका फैसला लिया जाता?" सीओ ने यह भी कहा कि उनके बयान का मकसद किसी एक समुदाय को नहीं, बल्कि दोनों समुदायों के बीच समन्वय और सम्मान बढ़ाना था। इससे पहले, होली के त्योहार के दौरान दिए गए उनके एक बयान पर विवाद उठ चुका था, जिसमें उन्होंने कहा था कि होली एक ऐसा त्योहार है जो साल में केवल एक बार आता है, जबकि जुमे की नमाज हर हफ्ते होती है। इस पर कुछ लोगों ने आपत्ति जताई थी, लेकिन सीओ ने यह स्पष्ट किया कि उनका मकसद किसी को अपमानित करना नहीं था, बल्कि त्योहारों का सम्मान करने और शांति बनाए रखने का था।
संभल हिंसा के राजनीतिकरण से बचने की दी सलाह
इसके बाद, उन्होंने संभल (Sambhal Violence News) में पिछले साल हुए हिंसक संघर्ष का भी जिक्र किया और कहा कि इस हिंसा के बाद पुलिस कार्रवाई पूरी तरह से सबूतों पर आधारित थी। उन्होंने बताया कि सबूतों के आधार पर गिरफ्तारियां की जा रही हैं और इस मुद्दे का राजनीतिकरण न करने की सलाह दी।
मस्जिद सर्वे के दौरान संभल हिंसा में हुई थी 4 लोगों की मृत्यु
संभल में 24 नवंबर को हुई हिंसा के बाद तनाव का माहौल था, जिसमें चार लोगों की मौत हो गई थी और कई पुलिसकर्मी जख्मी हुए थे। यह हिंसा जामा मस्जिद के सर्वे के दौरान हुई थी, जिसके बाद इलाके में कर्फ्यू लगाना पड़ा था। अब तक करीब सात दर्जन लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है।
नेजा मेले पर भी रखी अपनी बात
हाल ही में, 25 मार्च को आयोजित होने वाले 'नेजा मेले' पर भी प्रशासन ने रोक लगा दी थी, क्योंकि यह मेला आक्रमणकारी महमूद गजनवी के भतीजे सैयद सालार मसूद गाजी की याद में आयोजित होता था, जिसे अधिकारियों ने अनुचित माना। इससे स्पष्ट है कि सीओ अनुज चौधरी का उद्देश्य सिर्फ शांति और सामूहिक सौहार्द्र बढ़ाना है, और वह हर किसी को अपनी परंपराओं और त्योहारों के साथ सम्मान और सहनशीलता से जीने की सलाह देते हैं।
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