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रेखा गुप्ता बनीं सीएम, अब मंत्रालयों की बारी, कैसे होगा बटवारा?

दिल्ली में नई सरकार बनने के बाद अब मंत्री कौन-कौन से विभाग संभालेंगे, इस पर सबकी नजर है। रेखा शासन चलाने के लिए किसका रास्ता अपनाएंगी यह देखना होगा।
04:13 PM Feb 20, 2025 IST | Vyom Tiwari

27 साल बाद बीजेपी ने प्रचंड बहुमत के साथ दिल्ली की सत्ता में वापसी की है। पार्टी ने रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री बनाया है। उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना ने उन्हें सीएम पद की शपथ दिलाई।

रेखा गुप्ता के साथ उनकी कैबिनेट के छह मंत्री भी शपथ ले चुके हैं। इनमें परवेश वर्मा, मनजिंदर सिंह सिरसा, आशीष सूद, पंकज सिंह, कपिल मिश्रा और रविंदर इंद्रराज सिंह शामिल हैं। अब सबकी नजरें मंत्रालयों के विभागों के बंटवारे पर टिकी हैं, जो जल्द ही तय किया जाएगा।

दिल्ली की नई मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता अब सत्ता संभाल चुकी हैं, लेकिन सवाल यह है कि उनका तरीका कैसा होगा? क्या वे शीला दीक्षित की तरह काम करेंगी, जिन्होंने अपने 15 साल के कार्यकाल में वित्त समेत कई अहम मंत्रालय खुद संभाले थे? या फिर अरविंद केजरीवाल की तरह, जिन्होंने 10 साल से ज्यादा मुख्यमंत्री रहते हुए किसी भी विभाग की सीधी जिम्मेदारी नहीं ली? अब देखने वाली बात होगी कि रेखा गुप्ता इनमें से कौन सा रास्ता चुनती हैं, या फिर अपना एक अलग अंदाज लेकर आती हैं।

रेखा गुप्ता बनी दिल्ली की नौवीं CM 

दिल्ली के राजनीतिक इतिहास में रेखा गुप्ता 9वीं मुख्यमंत्री बनी हैं। आज़ादी के बाद 1952 में पहली बार दिल्ली में विधानसभा चुनाव हुए थे, जिसमें कांग्रेस के चौधरी ब्रह्म प्रकाश यादव को पहला मुख्यमंत्री बनाया गया। लेकिन बाद में कांग्रेस ने उन्हें हटाकर गुरमुख निहाल सिंह को मुख्यमंत्री बना दिया। इसके बाद दिल्ली में विधानसभा को भंग कर दिया गया, जिसे 1991 में फिर से बहाल किया गया।

1993 में दोबारा विधानसभा चुनाव हुए, जिसमें बीजेपी सत्ता में आई और मदनलाल खुराना मुख्यमंत्री बने। लेकिन उनके कार्यकाल के बीच में ही उनसे इस्तीफा ले लिया गया और उनकी जगह साहिब सिंह वर्मा को मुख्यमंत्री बनाया गया।

1998 के चुनाव से ठीक पहले बीजेपी ने साहिब सिंह वर्मा की जगह सुषमा स्वराज को दिल्ली का मुख्यमंत्री बनाया। लेकिन चुनाव में कांग्रेस ने बीजेपी को हराकर सत्ता हासिल की और शीला दीक्षित मुख्यमंत्री बनीं। शीला दीक्षित लगातार 15 साल तक सीएम रहीं, लेकिन 2013 में अरविंद केजरीवाल के राजनीति में आने के बाद कांग्रेस सत्ता से बाहर हो गई और फिर वापसी नहीं कर सकी। इसके बाद अरविंद केजरीवाल तीन बार दिल्ली के मुख्यमंत्री बने। लेकिन सितंबर 2024 में उन्होंने सीएम पद से इस्तीफा देकर आतिशी को सत्ता की जिम्मेदारी सौंप दी।

शीला दीक्षित ने संभाले थे जरुरी मंत्रालय 

दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने अपने कार्यकाल (1998-2013) के दौरान कई अहम मंत्रालयों की जिम्मेदारी संभाली। वे सिर्फ मुख्यमंत्री ही नहीं, बल्कि गृह, वित्त, कला-संस्कृति, पर्यटन, योजना, पर्यावरण और सामान्य प्रशासन जैसे महत्वपूर्ण विभागों की भी प्रभारी रहीं। इसके अलावा, जो भी विभाग किसी विशेष मंत्री को नहीं दिए गए थे, वे भी उन्हीं के अधीन थे। अपने 15 साल के नेतृत्व में उन्होंने दिल्ली के विकास में बड़ी भूमिका निभाई।

आतिशी के पास भी रहा इन मंत्रालयों का जिम्मा

दिल्ली की राजनीति में बड़ा बदलाव आया है। मुख्यमंत्री बनने के बाद आतिशी ने ज्यादातर अहम मंत्रालय खुद संभाल लिए हैं। इनमें पब्लिक वर्क्स डिपार्टमेंट (PWD), बिजली, शिक्षा, उच्च शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, जनसंपर्क, राजस्व, वित्त, योजना, सर्विसेज, विजिलेंस, जल और कानून-विधायी मामले शामिल हैं। इसके अलावा, बाकी मंत्रालय उनके कैबिनेट सहयोगियों को सौंपे गए हैं।

दिल्ली में इससे पहले ज्यादातर मुख्यमंत्री सत्ता संभालने के बाद महत्वपूर्ण विभाग अपने पास रखते थे। मदनलाल खुराना, साहिब सिंह वर्मा और सुषमा स्वराज जैसे नेताओं ने भी यही किया था। लेकिन अरविंद केजरीवाल इस मामले में अलग रहे। उन्होंने कभी भी कोई मंत्रालय खुद नहीं रखा। अपने कार्यकाल में उन्होंने महत्वपूर्ण मंत्रालयों की जिम्मेदारी पहले मनीष सिसोदिया और फिर अन्य नेताओं को दी। इस तरह काम करने वाले वह अकेले मुख्यमंत्री रहे हैं।

क्या होगी रेखा गुप्ता की रणनीति?

27 साल बाद दिल्ली की सत्ता में वापसी करने वाली बीजेपी ने रेखा गुप्ता को मुख्यमंत्री बनाया है। अब सबकी नजर इस बात पर है कि वह अपने पूर्ववर्ती नेताओं की तरह मंत्रालयों की जिम्मेदारी लेंगी या अरविंद केजरीवाल की तरह बिना किसी विभाग के काम करेंगी। इससे पहले बीजेपी के तीनों मुख्यमंत्रियों के पास मंत्रालय थे, इसलिए माना जा रहा है कि रेखा गुप्ता भी अपने पास कुछ विभागों की जिम्मेदारी रखेंगी।

 

 

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