Dungarpur Muskan Mehta: इंटरनेशनल क्रिकेट में झंडे गाड़ रही राजस्थान की बेटी मुस्कान, सही प्लेटफॉर्म मिले तो रच सकती है इतिहास!
Dungarpur Muskan Kalpesh Mehta: राजस्थान के दक्षिणी भाग में पहाड़ों के बीच बसा डूंगरपुर एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार डूंगरपुर की बेटी ने जिले और प्रदेश का नहीं बल्कि देश का भी नाम रौशन किया है। भारत के पड़ोसी देश नेपाल में इंडो नेपाल टी-20 चैंपियनशिप में भारत ने नेपाल को 9 विकेट से हराकर परचम लहरा दिया। इस मैच में डूंगरपुर की बेटी मुस्कान कल्पेश मेहता ने जिले के साथ-साथ प्रदेश और देश का नाम भी रौशन किया है। ऑल राउंडर महिला क्रिकेटर मुस्कान कल्पेश मेहता ने इस मैच में नॉटआउट 25 रन की पारी खेल कर ट्रॉफी भारत की झोली में डाल दी। इंटरनेशनल क्रिकेट में बेहतरीन प्रदर्शन करने वाली इस महिला को अब बस सही प्लेटफॉर्म मिलने की दरकार है। क्या आप जानते हैं ट्रॉफी के साथ मुस्कुराती मुस्कान को अपने जीवन में संघर्ष के कितने थपेड़े झेलने पड़े हैं और आज भी वह कदम-कदम पर संघर्ष ही कर रही हैं।
छोटी से उम्र में सिर से उठा पिता का साया
कहते हैं बेटियां अपने पापा का गुरूर होती हैं, लेकिन छोटी सी उम्र में बड़ी उपलब्धि हासिल करने वाली मुस्कान तो अपने पिता के साथ इन खुशियों को साझा भी नहीं कर सकती। 2 जून 2002 को जन्मी मुस्कान के सिर से पिता का साया उठने के बाद परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट गया। 5 साल पहले पिता की मृत्यु के बाद मां के ऊपर बच्चों के परवरिश के साथ परिवार चलाने की भी जिम्मेदारी आ गई। घर और बच्चों को संभालना मां के लिए चुनौती से कम नहीं था। लेकिन, मुस्कान के ये उपलब्धियां उनके मां के चेहरे पर हल्की मुस्कुराहट का कारण बन जाती हैं।
मुस्कान कल्पेश मेहता की उपलब्धि
छोटी सी उम्र में मुस्कान के नाम कई उपलब्धियां दर्ज हैं। सबसे पहले महज 18 साल की उम्र में साल 2020 में मुस्कान का चयन अंडर -19 टीम राजस्थान (चैलेंजर) में हुआ। इसके बाद साल 2021 में मुस्कान डूंगरपुर महिला क्रिकेट टीम की कप्तान बनीं। यह उपलब्धि मुस्कान के परिवार के लिए किसी सपने से कम नहीं थी। इसके बाद साल 2023 में राजस्थान चैलेंजर ट्रॉफी (महिला रणजी) के लिए मुस्कान का चयन हुआ। साल 2024 में मुस्कान महिला सीनियर टीम राजस्थान (चैलेंजर) में चयनित हुईं। साल 2025 भी मुस्कान की जिंदगी में बड़ा सौगात लेकर आया है। इस साल यानी 2025 में मुस्कान लेदर बॉल क्रिकेट टीम इंडिया के लिए चुनी गई।
नेपाल में मुस्कान के नाम बड़ी उपलब्धि
डूंगरपुर की पहली महिला कप्तान एवं पहली महिला इंटरनेशनल खिलाड़ी मुस्कान कल्पेश मेहता का इंडो नेपाल इंटरनेशनल किक्रेट चैंपियनशिप में चयन होना अपने आप में बड़ी उपलब्धि रही। मुस्कान का चयन इंडिया ब्ल्यू टीम में चयन हुआ। 8 से 13 अप्रैल तक नेपाल के बीरगंज में आयोजित इंटरनेशनल लेदर बॉल क्रिकेट चैंपियनशिप में डूंगरपुर की होनहार महिला क्रिकेटर मुस्कान मेहता ने कमाल कर दिखाया। महिला क्रिकेट टीम कोच हप्पू चौधरी ने बताया कि नेपाल में भारतीय सॉफ्टबॉल क्रिकेट के तत्वाधान में चैंपियनशिप का आयोजन किया गया। राजस्थान के सचिव मदन सिंह राठौड़ के नेतृत्व में टीम नेपाल पहुंची थी। तीन मैचों की प्रतियोगिता में 2 मैच बारिश की भेंट चढ़ गई। फाइनल मैच में ऑलराउंडर मुस्कान कल्पेश मेहता ने नॉट आउट रहते हुए 25 रन बनाए। फाइनल मैच जीतने पर पुरस्कार के रूप में 21,000 रुपए की राशि मिलने वाली है।
मुस्कान को सम्मान
मुस्कान को अब तक कई पुरस्कारों से सम्मानित किया जा चुका है। इनमें से प्रमुख ये हैं...
- खेल का सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ी (Women's of the Match)
- सीरीज का खिलाड़ी (Player of the Series)
- डूंगरपुर पर गर्व सम्मान
- सर्वश्रेष्ठ कप्तान
- महाराणा प्रताप पुरस्कार
मुस्कान का सपना
मुस्कान कभी हार नहीं मानतीं। चाहे परिस्थिति जैसी भी रहे मुस्कान (Dungarpur Muskan Kalpesh Mehta) अपने चेहरे पर हमेशा मुस्कान बनाए रखती हैं। हिंद फर्स्ट से बात करते हुए मुस्कान मेहता ने बताया कि आखिर उनका क्या लक्ष्य है। मुस्कान ने बताया, "हर एक खिलाड़ी की तरह मेरा भी सपना है कि मैं नेशनल टीम में खेलूं। देश और प्रदेश का नाम रौशन करूं। इसके लिए लगातार प्रैक्टिस भी कर रही हूं। जब वो दिन आएगा वह सच में मेरे और मेरे परिवार के लिए बहुत ही बड़ा दिन होगा।"
मुस्कान की सरकार से गुजारिश
तमाम सुविधाओं के अभाव के बावजूद डूंगरपुर की बेटी ने इंडो नेपाल टी-20 चैंपियनशिप में परचम लहरा दिया है। आज हर जगह मुस्कान की चर्चा हो रही है। लेकिन, मुस्कान को मलाल है कि जनरल कैटेगरी में होने के चलते आज उन्हें कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। मुस्कान का कहना है कि आज उनके पापा नहीं हैं, परिवार की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं है लेकिन जनरल कैटेगरी में होने के कारण आज उन्हें कई सुविधाओं से वंचित रहना पड़ रहा है। ऐसे में मुस्कान से सरकार से पूछा है, "आखिर हम जैसे जनरल कैटेगरी के बच्चे कहां जाएं। प्राइवेट एकेडमी का खर्च वहन नहीं कर सकते हैं। इसलिए हम जैसों के लिए सरकार को कुछ सोचने की जरूरत है। हम भी देश और प्रदेश का नाम रौशन करना चाहते हैं।"
संघर्ष से जुड़ा जीवन है, लेकिन हौसला बुलंद
वहीं, मुस्कान कल्पेश मेहता को लेकर संपादक एवं हिंद फर्स्ट, गुजरात फर्स्ट चैनल प्रमुख विवेक कुमार भट्ट कहते हैं, "राजस्थान की बेटी अब इंटरनेशनल क्रिकेट में झंडे गाड़ रही है। यदि इसे सही प्लेटफॉर्म मिलेगा तो ये वुमन आईपीएल और टीम इंडिया वुमन टीम में अपना सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन कर सकती है। संघर्ष से जुड़ा जीवन है, लेकिन हौसला बुलंद है। आज गाँव की प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने का अवसर और जरूरत दोनों हैं। सरकार और BCCI की कोशिशों से संभव है।"
तीन भाई बहन में सबसे बड़ी मुस्कान
हिंद फर्स्ट के साथ बातचीत करते हुए मुस्कान ने बताया कि वह तीन भाई बहन में सबसे बड़ी हैं। उनकी छोटी एक बहन और सबसे छोटा भाई है। ऐसे में बड़ा होने के चलते उनके ऊपर जिम्मेदारी भी अधिक है। मुस्कान कहती हैं, "पापा का पांच साल पहले देहांत हो गया। मम्मी हाउस वाइफ हैं। एक तो एकेडमी डूंगरपुर में नहीं है उसके लिए जयपुर और उदयपुर जाना होता है। दूसरी बात, पापा के नहीं होने के चलते आर्थिक परेशानी के कारण कभी एकेडमी नहीं गई। यही वजह है कि खुद प्रैक्टिस करके आज यहां तक पहुंची हूं। "
मुस्कान किसे मानती हैं अपना आदर्श?
मुस्कान ऑलराउंडर महिला क्रिकेट खिलाड़ी (Muskan Mehta in India Blue Team) हैं, वो विदेश में परचम लहरा रही हैं। हिंद फर्स्ट के साथ खास बातचीत उन्होंने बताया कि वे किसे अपना आदर्श मानती हैं। मुस्कान कहती हैं, "मैं महेंद्र सिंह धोनी से काफी प्रभावित हूं। उनके खेलने का तरीका बहुत अच्छा लगता है और उसे ही फॉलो करती हूं। उनसे क्रिकेट में बहुत कुछ सीखने को मिला है।"
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