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राहुल गांधी पर क्यों बढ़ रहे हैं मुकदमे? 2014 से अब तक दर्ज हुए इतने केस

राहुल गांधी पर 2014 से अब तक 20 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। जानिए क्यों बढ़ रहे हैं राहुल गांधी के खिलाफ मुकदमे और इनकी सच्चाई क्या है
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आंबेडकर पर अमित शाह की टिप्पणी को लेकर संसद परिसर में हुए हंगामे के बाद अब राहुल गांधी के खिलाफ एक नया केस दर्ज किया गया है। इस केस में उन पर आरोप है कि उन्होंने बीजेपी के सांसद प्रताप सारंगी और मुकेश राजपूत के साथ धक्का-मुक्की की। जब से यह मामला सामने आया, कांग्रेस पार्टी ने तीखा पलटवार करते हुए इसे बीजेपी का एक राजनीतिक खेल करार दिया है। कांग्रेस के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने इस केस को पूरी तरह से मुद्दे से ध्यान भटकाने की साजिश बताया। वेणुगोपाल का कहना है कि राहुल गांधी पर बीजेपी की तरफ से मुकदमा दर्ज करवाना कोई नई बात नहीं है, यह तो पहले भी होता रहा है।

दरअसल, राहुल गांधी पर केस दर्ज करवाने का यह सिलसिला साल 2014 से ही चल रहा है। उस समय से लेकर अब तक राहुल के खिलाफ 20 से ज्यादा मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। इन मुकदमों में कई अलग-अलग आरोप लगाए गए हैं, जिनमें मानहानि, विवादित बयानों से लेकर बीजेपी के नेताओं और संगठनों पर की गई टिप्पणियां शामिल हैं। खास बात यह है कि 2019 में राहुल गांधी पर एक साथ सबसे ज्यादा 5 मुकदमे दर्ज किए गए थे, जो देश के अलग-अलग हिस्सों में थे। 2024 में भी अब तक राहुल गांधी के खिलाफ 4 केस दर्ज हो चुके हैं। वहीं 2021 में उनके खिलाफ 3 मुकदमे थे।

राहुल गांधी पर दर्ज हैं कई मुकदमे

2014 से लेकर 2024 तक राहुल गांधी पर दर्ज हुए प्रमुख मुकदमों के बारे में, और ये मुकदमे आखिर क्यों दर्ज किए गए।

1. 2014: पहला मुकदमा महाराष्ट्र में

राहुल गांधी के खिलाफ पहला मुकदमा 2014 में महाराष्ट्र के भिवंडी में दर्ज किया गया था। इस केस में राहुल पर आरोप था कि उन्होंने गांधीजी की हत्या के मामले में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की भूमिका को लेकर टिप्पणी की थी। यह केस सिविल और क्रिमिनल मानहानि से जुड़ा हुआ था।

2. 2016: गुवाहाटी में मानहानि का मुकदमा

राहुल गांधी के खिलाफ 2016 में असम के गुवाहाटी में भी मानहानि का मुकदमा दर्ज हुआ था। इसमें राहुल ने RSS पर हत्या के मामले में आरोप लगाया था और इसी के खिलाफ यह केस दर्ज किया गया था। राहुल ने संघ को लेकर अपनी विवादित टिप्पणी की थी, जिसके बाद यह मुकदमा हुआ।

3. 2018: तीन मुकदमे एक साथ

2018 में राहुल गांधी के खिलाफ तीन मुकदमे दर्ज हुए थे। पहला मुकदमा उत्तर प्रदेश के लखनऊ में, दूसरा सुल्तानपुर में और तीसरा झारखंड के रांची में हुआ था। इन मुकदमों का संबंध राहुल गांधी की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी कार्यकर्ताओं के खिलाफ की गई टिप्पणियों से था। इनमें भी मानहानि का आरोप था।

4. 2019: रिकॉर्ड 5 मुकदमे एक साथ

2019 वह साल था जब राहुल गांधी के खिलाफ सबसे ज्यादा मुकदमे दर्ज हुए। साल 2019 में राहुल पर पांच अलग-अलग जगहों से मुकदमे दर्ज हुए। इन सभी मुकदमों का मुख्य कारण था मोदी सरनेम से जुड़ा उनका बयान। राहुल गांधी ने एक रैली में यह सवाल उठाया था कि "सारे मोदी सरनेम वाले लोग ही चोर क्यों होते हैं?" यह बयान देश के अलग-अलग हिस्सों में विवाद का कारण बना, और इसके चलते सूरत, पटना, रांची, अहमदाबाद और दिल्ली में मुकदमे दर्ज हुए। इनमें से सूरत का केस इतना बड़ा हो गया कि राहुल को दोषी ठहरा दिया गया और उनकी संसद सदस्यता तक चली गई।

5. 2021: तीन मुकदमे और एक विवादित टिप्पणी

2021 में राहुल गांधी के खिलाफ तीन मुकदमे दर्ज हुए थे। पहला मुकदमा झारखंड के चाईबासा, दूसरा दिल्ली और तीसरा मुंबई में हुआ था। दिल्ली वाले केस में राहुल गांधी पर आरोप था कि उन्होंने रेप विक्टिम के बारे में जो बयान दिया था, वह कानून के खिलाफ था और इसमें पोक्सो एक्ट भी लगा। यदि राहुल इस केस में दोषी ठहराए जाते हैं, तो उन्हें दो साल या उससे ज्यादा की सजा हो सकती है। बाकी दो मुकदमे मानहानि से जुड़े हुए थे, जिनमें राहुल ने मोदी और बीजेपी कार्यकर्ताओं पर विवादित टिप्पणी की थी।

6. 2022: बेंगलुरु और लखनऊ में मामले

2022 में राहुल गांधी के खिलाफ दो मुकदमे दर्ज हुए। एक मामला बेंगलुरु में हुआ, जिसमें राहुल पर आरोप था कि उन्होंने बिना अनुमति के अपनी यात्रा का थीम सॉन्ग तैयार करने के लिए कॉपीराइट का उल्लंघन किया। दूसरा मामला लखनऊ में हुआ, जिसमें राहुल गांधी पर वीर सावरकर पर की गई विवादित टिप्पणी का आरोप था।

7. 2023: सूरत में फिर से मुकदमा

2023 में राहुल गांधी पर सूरत में एक और मुकदमा दर्ज हुआ था। इस केस में राहुल पर आरोप था कि उन्होंने मोदी समाज को अपमानित किया था। यह मामला सूरत की अदालत में दर्ज हुआ था।

8. 2024: अब तक के चार मुकदमे

2024 की शुरुआत में राहुल गांधी के खिलाफ अब तक चार मुकदमे दर्ज हो चुके हैं। पहला मुकदमा असम में हुआ, जिसमें राहुल पर आरोप था कि उन्होंने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान हिंसा भड़काई थी। दूसरा मुकदमा कर्नाटक के बेंगलुरु में हुआ, जिसमें राहुल पर बीजेपी कार्यकर्ताओं के खिलाफ विवादित टिप्पणी करने का आरोप था। तीसरा केस सितंबर में दिल्ली में दर्ज हुआ, जब राहुल गांधी ने अमेरिका में सिख समुदाय और आरक्षण पर विवादित बयान दिया था। इसके बाद अब चौथा मुकदमा संसद परिसर में हुए हंगामे के कारण दर्ज किया गया है, जिसमें राहुल पर मारपीट का आरोप है।

राहुल पर क्या पड़ा इन मुकदमों का असर?

राहुल गांधी पर दर्ज इन मुकदमों का राजनीतिक असर भी पड़ा है। इन मुकदमों का मुख्य उद्देश्य उनके बयानों को लेकर उन्हें कोर्ट में घसीटना और उनके खिलाफ एक नकारात्मक माहौल बनाना है। हालांकि, राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी इसे पूरी तरह से राजनीति से प्रेरित मानते हैं। उनका कहना है कि विपक्षी दलों का यह प्रयास है कि राहुल को उनके बयानों से कमजोर किया जाए और कांग्रेस को दबाव में लाया जाए।

इन मुकदमों में से कुछ का फैसला आ चुका है, जबकि कुछ मुकदमे अभी भी कोर्ट में चल रहे हैं। इन मुकदमों से राहुल गांधी की छवि पर असर पड़ा है, लेकिन यह भी सच है कि कांग्रेस पार्टी ने इन मामलों को मुद्दा बनाने का तरीका अपनाया है, ताकि वे इसे लोकतांत्रिक मूल्यों पर हमला मान सकें।

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