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राफेल-M फाइटर जेट का समुद्री जहाज पर लैंडिंग का कमाल, ऐसे कंट्रोल होती है स्पीड!

राफेल-M फाइटर जेट समुद्री जहाज पर कैसे लैंड करता है? जानिए अरेस्टिंग हुक, लैंडिंग गियर और स्पीड कंट्रोल की तकनीक। भारत-फ्रांस राफेल डील की पूरी कहानी।
05:55 PM Apr 28, 2025 IST | Girijansh Gopalan

पहलगाम हमले के बाद भारत-पाकिस्तान के रिश्ते और खराब हो गए हैं। ऐसे में भारत अपनी रक्षा को और पक्का करने में जुटा है। इसी कड़ी में 28 अप्रैल 2025 को भारत और फ्रांस के बीच एक धमाकेदार डील फाइनल हुई। भारत फ्रांस से 26 राफेल-M फाइटर जेट खरीदेगा, जिसमें 22 सिंगल-सीटर और 4 डबल-सीटर जेट शामिल हैं। इस डील की कीमत करीब 63,000 करोड़ रुपये है। लेकिन आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि ये राफेल-M फाइटर जेट समुद्री जहाज पर कैसे लैंड करता है और इसकी स्पीड को कैसे कंट्रोल किया जाता है। तो चलिए, इस कमाल की टेक्नोलॉजी को आसान भाषा में समझते हैं!

राफेल-M को क्यों बनाया गया इतना खास?

राफेल-M को खास तौर पर समुद्री विमानवाहक पोत (एयरक्राफ्ट कैरियर) के लिए डिजाइन किया गया है। ये जेट आसानी से जहाज पर लैंड कर सकता है और वहां से उड़ान भी भर सकता है। इसके लिए इसमें कई खास फीचर्स हैं, जैसे मजबूत लैंडिंग गियर, जंप स्ट्रट नोज व्हील, और अरेस्टिंग हुक। ये सारी चीजें इसे शॉर्ट टेक-ऑफ और लैंडिंग के लिए परफेक्ट बनाती हैं। साथ ही, इसमें माइक्रोवेव लैंडिंग सिस्टम (MLS) भी है, जो इसे जहाज की छोटी-सी डेक पर सटीक लैंडिंग करने में मदद करता है।

समुद्री जहाज पर लैंडिंग का पूरा खेल

राफेल-M का समुद्री जहाज पर लैंड करना कोई आसान काम नहीं है। इसके लिए पायलट और क्रू को पहले से जबरदस्त प्लानिंग करनी पड़ती है। आइए, स्टेप-बाय-स्टेप समझते हैं:

1. प्लानिंग और पोजिशनिंग

लैंडिंग से पहले फ्लाइट क्रू जहाज की पोजिशन, मौसम, और बाकी जरूरी चीजों को ध्यान में रखकर एक डिटेल्ड प्लान बनाता है। राफेल-M को एक खास ऊंचाई और स्पीड पर जहाज की तरफ लाया जाता है, ताकि लैंडिंग स्मूथ हो।

2. अरेस्टिंग हुक का कमाल

राफेल-M में एक अरेस्टिंग हुक होता है, जो लैंडिंग का सबसे बड़ा हीरो है। ये हुक जहाज की डेक पर लगे तार (अरेस्टिंग वायर) को पकड़ लेता है। जैसे ही जेट डेक पर टच करता है, ये हुक तार से जुड़ जाता है और जेट को चंद सेकंड में रोक देता है। इससे जेट छोटी-सी डेक पर भी सुरक्षित रुक जाता है।

3. मजबूत लैंडिंग गियर

राफेल-M के लैंडिंग गियर को खास तौर पर मजबूत बनाया गया है, ताकि ये जहाज की डेक पर भारी दबाव और झटके सह सके। ये गियर जेट को स्थिर रखता है और लैंडिंग को सुरक्षित बनाता है। साथ ही, ये गियर 6.5 मीटर प्रति सेकंड की रफ्तार से लैंडिंग एनर्जी को झेल सकता है।

4. जंप स्ट्रट नोज व्हील का जादू

राफेल-M में जंप स्ट्रट नोज व्हील होता है, जो टेक-ऑफ और लैंडिंग को आसान बनाता है। ये खास तकनीक कैटापल्ट लॉन्च के दौरान जेट को सही एंगल देती है, जिससे वो कम दूरी में ही उड़ान भर लेता है। लैंडिंग में भी ये स्थिरता देता है।

5. सटीक नेविगेशन के लिए टेक्नोलॉजी

राफेल-M में फिन-टिप टेलीमेट्री सिस्टम और इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम होता है। ये सिस्टम जेट को सही दिशा में लैंड कराने के लिए बाहरी उपकरणों के साथ तालमेल बिठाता है। माइक्रोवेव लैंडिंग सिस्टम और थालेस TLS 2000 नेविगेशन रिसीवर भी लैंडिंग को सटीक बनाते हैं, खासकर तब जब डेक पर जगह बेहद कम होती है।

स्पीड कंट्रोल का राज

राफेल-M की लैंडिंग के दौरान स्पीड कंट्रोल बेहद जरूरी है, क्योंकि डेक की लंबाई बहुत कम होती है। राफेल का डिजाइन ऐसा है कि ये 115 नॉट्स (213 किमी/घंटा) की कम स्पीड पर भी लैंड कर सकता है। इसके लिए कई सिस्टम मिलकर काम करते हैं:

अरेस्टिंग हुक और वायर: ये जेट को तेजी से रोकते हैं, जिससे स्पीड कंट्रोल होती है।
लैंडिंग गियर: झटके सोखकर जेट को स्थिर रखता है।
थ्रॉटल कंट्रोल: पायलट थ्रॉटल को मैनेज करता है ताकि जेट सही स्पीड पर डेक पर उतरे।
माइक्रोवेव लैंडिंग सिस्टम: ये सिस्टम पायलट को सही ग्लाइड स्लोप और स्पीड की जानकारी देता है।
HOTAS (हैंड्स ऑन थ्रॉटल एंड स्टिक): कॉकपिट में ये सिस्टम पायलट को तेजी से स्पीड और दिशा कंट्रोल करने की सुविधा देता है।

राफेल-M की लैंडिंग स्पीड को कंट्रोल करने में पायलट की स्किल और जहाज के लैंडिंग सिग्नल ऑफिसर (LSO) का रोल भी अहम है। LSO रेडियो और विजुअल सिग्नल्स के जरिए पायलट को गाइड करता है।

भारत के लिए क्यों खास है ये डील?

26 राफेल-M जेट्स की डील भारत की नौसेना को और ताकतवर बनाएगी। ये जेट INS विक्रांत और INS विक्रमादित्य जैसे विमानवाहक पोतों पर तैनात होंगे। इनकी खासियत है कि ये एक ही मिशन में हवा से हवा और हवा से जमीन पर हमले कर सकते हैं। साथ ही, इनमें मेटियोर और स्काल्प जैसे घातक हथियार लगे होंगे, जो भारत की मारक क्षमता को कई गुना बढ़ा देंगे। तो ये था राफेल-M का समुद्री जहाज पर लैंडिंग का कमाल। इसकी हाई-टेक फीचर्स और पायलट की जबरदस्त स्किल्स इसे दुनिया के सबसे खतरनाक फाइटर जेट्स में से एक बनाती हैं। आप क्या सोचते हैं, कमेंट में बताइए!

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