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प्रधानमंत्री मोदी ने AI समिट में कहा, “AI मानवता के लिए मददगार, इसे वैश्विक दिशा में लागू करना जरूरी”

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पेरिस में AI समिट में कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस इस सदी में मानवता के लिए कोड लिख रहा है।
04:22 PM Feb 11, 2025 IST | Girijansh Gopalan
एआई से दुनिया को मिलेगी नई दिशा।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस वक्त फ्रांस के दौरे पर हैं, जहां उन्होंने पेरिस स्थित ग्रैंड पैलेस में आयोजित AI (आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस) समिट में शिरकत की। समिट को संबोधित करते हुए, प्रधानमंत्री ने AI की सकारात्मक क्षमता की सराहना की और कहा कि एआई इस सदी में मानवता के लिए एक नई दिशा तय कर रहा है।
उन्होंने यह भी बताया कि AI अब सिर्फ तकनीकी विकास का हिस्सा नहीं, बल्कि यह पूरी मानवता के लिए एक अहम टूल बन चुका है, जो समाज, अर्थव्यवस्था और सुरक्षा को नया आकार दे रहा है।

AI के माध्यम से बेहतर हुईं स्वास्थ्य सेवाएं

प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में AI के प्रभाव को एक सरल उदाहरण के जरिए समझाया। उन्होंने कहा, “अगर आप अपनी मेडिकल रिपोर्ट को किसी AI ऐप पर अपलोड करते हैं, तो वह सरल भाषा में आपके स्वास्थ्य से जुड़ी जानकारी समझा सकता है, बिना किसी जटिल शब्दजाल के। लेकिन अगर आप उसी ऐप से किसी व्यक्ति का चित्र बनाने के लिए कहें, जो बाएं हाथ से लिख रहा हो, तो ऐप शायद उस व्यक्ति को दाएं हाथ से लिखते हुए दिखाएगा।” यह उदाहरण इस बात को दर्शाता है कि AI भले ही इंसान की मदद कर रहा है, लेकिन इसके भीतर अभी भी कुछ सीमाएं और पूर्वाग्रह मौजूद हैं। इस पर ध्यान देना और उसे ठीक करना जरूरी है, ताकि AI का इस्तेमाल अधिक प्रभावी और निष्पक्ष हो सके।

AI की तेज़ी से हो रही प्रगति

प्रधानमंत्री मोदी ने आगे कहा कि AI अभूतपूर्व गति और पैमाने पर विकसित हो रहा है। यह सिर्फ एक तकनीक नहीं बल्कि एक वैश्विक प्रक्रिया बन चुकी है, जिसमें सभी देशों को सहयोग की जरूरत है। उन्होंने कहा, “AI को जितना तेजी से अपनाया जा रहा है, उससे यह दिखता है कि यह पूरी दुनिया पर गहरा प्रभाव डाल रहा है, और इसलिए हमें इसके बारे में सामूहिक वैश्विक प्रयास करने होंगे।" उनका मानना है कि यह जरूरी है कि AI के लिए ऐसे शासन और मानक स्थापित किए जाएं, जो साझा वैश्विक मूल्यों को बनाए रखें, जोखिमों को समाधान करें और विश्वास का निर्माण करें।

नवाचार और शासन में सामंजस्य जरूरी

प्रधानमंत्री मोदी ने Governance (शासन) के संदर्भ में भी कुछ महत्वपूर्ण बातें साझा की। उन्होंने कहा कि शासन का काम सिर्फ दरारों और प्रतिद्वंद्विता को नियंत्रित करना नहीं है, बल्कि यह नवाचार को बढ़ावा देना और वैश्विक भलाई के लिए प्रौद्योगिकी का सही तरीके से इस्तेमाल करना है। इसके लिए गहरे विचार और खुली चर्चा की आवश्यकता है।

AI हमारी अर्थव्यवस्था, सुरक्षा, और समाज को दे चुका है नया रूप

प्रधानमंत्री ने जोर देते हुए कहा कि AI पहले ही हमारी अर्थव्यवस्था, सुरक्षा, और समाज को नया रूप दे चुका है। यह न केवल तकनीकी बदलाव लाने के साथ-साथ जीवन के विभिन्न पहलुओं में सुधार कर रहा है, बल्कि यह आने वाले समय में मानवता के लिए एक नई उम्मीद भी पैदा कर रहा है। उन्होंने कहा, “AI इस सदी में मानवता के लिए कोड लिख रहा है। इसलिए हमें ऐसे ओपन सोर्स सिस्टम्स बनाने चाहिए जो पारदर्शिता और विश्वास को बढ़ावा दें। हमें गुणवत्तापूर्ण डेटा सेंटर बनाने चाहिए और साथ ही साथ प्रौद्योगिकी का लोकतंत्रीकरण करना चाहिए।”

AI के पूर्वाग्रहों पर ध्यान देने की जरूरत

प्रधानमंत्री मोदी ने एआई के फायदे तो गिनाए, लेकिन इसके साथ ही इसके कुछ खतरों और पूर्वाग्रहों का भी उल्लेख किया। उनका कहना था कि हालांकि एआई की क्षमता शानदार है, लेकिन इसमें कई पूर्वाग्रह भी हो सकते हैं, जिन्हें हमें ठीक से समझने और सावधानी से लागू करने की आवश्यकता है।

AI के लिए वैश्विक सहयोग की आवश्यकता

समिट में प्रधानमंत्री ने फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने इस शिखर सम्मेलन का आयोजन किया और उन्हें इसमें शामिल होने का अवसर दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस तरह के आयोजनों से AI के बारे में खुलकर चर्चा करने और वैश्विक दिशा तय करने में मदद मिलती है।

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