नेशनलराजनीतिमनोरंजनखेलहेल्थ & लाइफ स्टाइलधर्म भक्तिटेक्नोलॉजीइंटरनेशनलबिजनेसचुनाव

Prayagraj Maha Kumbh 2025: महाकुंभ को अब भी 21 दिन बाकी, फिर क्यों लौट रहे नागा साधु?

महाकुंभ 2025 में नागा साधु वापस लौटने लगे हैं, लेकिन क्यों? जानें इस रहस्यमय कारण को और जानें क्यों नागा साधु महाकुंभ के बाद अपने अखाड़ों की ओर लौट रहे हैं।
09:10 AM Feb 06, 2025 IST | Girijansh Gopalan
महाकुंभ खत्म होने से पहले क्यों लौट रहे हैं नागासाधु?

प्रयागराज महाकुंभ 2025 को लेकर अभी 21 दिन बाकी हैं, लेकिन महाकुंभ में स्नान करने आए हजारों नागा साधु अब अपने-अपने अखाड़ों की ओर वापस लौटने लगे हैं। यह देखना वाकई हैरान करने वाला है क्योंकि महाकुंभ का पर्व महाशिवरात्रि तक चलेगा, फिर क्यों ये साधु इस समय वापस लौटने लगे हैं? आइए जानते हैं इसका कारण, जो धार्मिक परंपरा और महाकुंभ के महत्व से जुड़ा हुआ है।

महाकुंभ और नागा साधु: एक अनमोल कड़ी

महाकुंभ का आयोजन हर चार साल में होता है और यह केवल एक धार्मिक मेला नहीं बल्कि एक ऐतिहासिक और सांस्कृतिक अवसर भी है, जिसमें लाखों श्रद्धालु और साधु-संत एक साथ संगम में डुबकी लगाने आते हैं। खासकर नागा साधु, जो अपनी साधना और तपस्या के लिए प्रसिद्ध हैं, हर महाकुंभ में शामिल होते हैं। नागा साधु अपने जीवन की सभी भौतिक सुख-सुविधाओं से दूर रहते हैं। वे अधिकांश समय पहाड़ों, जंगलों या आश्रमों में रहते हैं और कठिन साधना करते हैं। लेकिन जब भी कुंभ मेला लगता है, ये साधु वहां पहुंचकर अमृत स्नान करते हैं और पुण्य प्राप्त करते हैं। इस बार प्रयागराज में महाकुंभ का पहला अमृत स्नान 14 जनवरी को मकर संक्रांति के दिन हुआ था। दूसरा अमृत स्नान मौनी अमावस्या के दिन हुआ और तीसरा बसंत पंचमी के दिन हुआ। हर स्नान के बाद नागा साधु और संत संगम के किनारे ध्यान लगाते हैं और धार्मिक चर्चा करते हैं।

नागा साधुओं की वापसी: क्या है इसका कारण?

प्रयागराज महाकुंभ के दौरान, साधु-संतों के लिए अमृत स्नान का विशेष महत्व होता है। माना जाता है कि अमृत स्नान से एक हजार अश्वमेघ यज्ञ के बराबर पुण्य मिलता है। यह स्नान न केवल शारीरिक शुद्धता का प्रतीक है, बल्कि यह आत्मिक उन्नति का भी एक महत्वपूर्ण अवसर माना जाता है।
अब, बसंत पंचमी के दिन तीसरे और आखिरी अमृत स्नान के बाद, सभी नागा साधु और संत अपने-अपने अखाड़ों की ओर वापस लौटने लगे हैं। यह समय महाकुंभ का मुख्य उत्सव तो होता है, लेकिन साधु और संत अब अपने अखाड़ों में लौटकर अपनी साधना और ध्यान में पुनः लीन हो जाते हैं।

अगले महाकुंभ में कब दिखेंगे नागा साधु?

अगर आप सोच रहे हैं कि अगले महाकुंभ में कब फिर से इन साधुओं को देख सकेंगे, तो इसका जवाब है— साल 2027 में। 2027 में महाकुंभ का आयोजन नासिक में गोदावरी नदी के किनारे होगा। वहां फिर से हजारों नागा साधु एक साथ एकत्रित होंगे, और वहां भी भक्तों को पुण्य कमाने का अवसर मिलेगा। कुल मिलाकर, महाकुंभ का महोत्सव, विशेष रूप से नागा साधुओं का स्नान और उनकी परंपराएं, हिंदू धर्म के आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्व को उजागर करते हैं। ये साधु ना सिर्फ अपने तपोबल से प्रेरणा देते हैं, बल्कि वे धर्म और साधना की आस्था को भी जीवित रखते हैं।

ये भी पढ़ें:पीएम नरेंद्र मोदी ने महाकुंभ में डुबकी लगाई, राहुल गांधी का बिहार दौरा... जानिए क्या है ये सियासी रणनीति?

Tags :
Amrit Snanbasant panchamiKumbh MelaMaha KumbhMaha ShivaratriMakar SankrantiMuni AmavasyaNagasadhusNagasadhus ReturnNashik Kumbh 2027Prayagraj Kumbh 2025अमृत स्नानकुंभ मेलानागा साधुनागा साधु वापसीनासिक कुंभ 2027प्रयागराज कुंभ 2025बसंत पंचमीमकर संक्रांतिमहा शिवरात्रिमहाकुंभमुनि अमावस्या

ट्रेंडिंग खबरें

Next Article