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PM मोदी आज करेंगे 'Pamban bridge' का उद्घाटन, जानिए क्यों खास है तमिलनाडु का यह अनोखा पुल

रामनवमी पर PM मोदी ने 2.08 किमी लंबे नए पंबन ब्रिज का उद्घाटन किया, जो आस्था और आधुनिक भारत का प्रतीक है।
11:09 AM Apr 06, 2025 IST | Rohit Agrawal

Pamban bridge Photos: आज रामनवमी के पावन अवसर पर PM नरेंद्र मोदी तमिलनाडु के रामेश्वरम में भारत के पहले वर्टिकल लिफ्ट समुद्री रेलवे ब्रिज—नए पंबन ब्रिज—का उद्घाटन करेंगे। बता दें कि यह दिन न सिर्फ धार्मिक रूप से खास है, बल्कि भारतीय इंजीनियरिंग के लिए भी ऐतिहासिक बनने जा रहा है। भारतीय रेलवे ने इस ब्रिज का एक शानदार वीडियो जारी किया है, जिसमें इसे अतीत और भविष्य को जोड़ने वाला प्रतीक बताया गया। 2.08 किलोमीटर लंबा यह ब्रिज न केवल तकनीकी चमत्कार है, बल्कि रामायण से जुड़े सांस्कृतिक महत्व को भी अपने में समेटे हुए है। तो आइए, जानते हैं कि यह ब्रिज क्यों है इतना खास और क्या बनाता है इसे भारत का अनोखा पुल।

पंबन ब्रिज का निर्माण क्यों किया गया?

नए पंबन ब्रिज की नींव पीएम मोदी ने मार्च 2019 में कन्याकुमारी में रखी थी, और नवंबर 2019 से इसका निर्माण शुरू हुआ। मूल योजना के मुताबिक, मार्च 2023 तक यह पूरा होना था, लेकिन कोविड-19 की वजह से इसमें देरी हुई। रेल विकास निगम लिमिटेड (RVNL) ने 700 करोड़ रुपये से ज्यादा की लागत से इसे तैयार किया। दरअसल यह ब्रिज रामेश्वरम द्वीप को मुख्य भूमि से जोड़ता है, जो धार्मिक रूप से अहम है।

रामायण के अनुसार, भगवान राम ने राम सेतु का निर्माण धनुषकोडी से शुरू किया था, जो रामेश्वरम के पास है। इस लिहाज से यह ब्रिज आस्था और आधुनिकता का संगम है। यह पुराने पंबन ब्रिज की जगह लेगा, जो 1914 में बना था और 2022 में जंग की वजह से बंद हो गया था।

Pamban Bridge की इंजीनियरिंग का क्या है कमाल?

पंबन ब्रिज भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट रेलवे समुद्री ब्रिज है, जो अपने आप में अनोखा है। इसकी लंबाई 2.08 किलोमीटर है, जिसमें 99 स्पैन हैं, और इसका 72.5 मीटर लंबा वर्टिकल लिफ्ट हिस्सा 17 मीटर तक ऊपर उठ सकता है। यह पुराने ब्रिज से 3 मीटर ऊंचा है, जिससे बड़े जहाज आसानी से नीचे से गुजर सकते हैं, और ट्रेनों का संचालन भी बिना रुकावट चलता रहेगा। ब्रिज को भविष्य के लिए तैयार किया गया है।

इसमें दो रेलवे ट्रैक की व्यवस्था है, हालांकि अभी एक ही ट्रैक चालू है। इसकी अधिकतम डिजाइन स्पीड 160 किमी प्रति घंटा है, लेकिन सुरक्षा कारणों से अभी 80 किमी प्रति घंटे तय की गई है। तेज हवाओं में भी इसका ट्रैक्शन सिस्टम बखूबी काम करेगा।

बड़े तूफ़ान और भूकंप को भी झेलने में सक्षम है यह ब्रिज

इस ब्रिज को मजबूत बनाने के लिए स्टेनलेस स्टील, वेल्डेड जोड़ और खास पॉलीसिलोक्सेन कोटिंग का इस्तेमाल किया गया है, जो समुद्री हवा से होने वाली जंग से बचाव करेगा। यह तकनीक इसे लंबी उम्र और कम रखरखाव की गारंटी देती है। पाल्क स्ट्रेट की तेज हवाएं, तूफान और भूकंपीय जोखिम चुनौतीपूर्ण परिस्थितियो को ध्यान में रखकर इसे डिजाइन किया गया है। पुराने ब्रिज को बनने में 34 साल से ज्यादा लगे थे, जो 1870 के दशक में शुरू हुआ और 1914 में पूरा हुआ। इसके उलट, नया ब्रिज सिर्फ पांच साल में तैयार हो गया, जो भारत की इंजीनियरिंग क्षमता को दर्शाता है।

क्यों है Pamban Bridge अनोखा?

पंबन ब्रिज सिर्फ एक ढांचा नहीं, बल्कि भारत के विकास और आस्था का प्रतीक है। यह जहाजों और ट्रेनों के लिए एक साथ सुविधा देता है, जो इसे दुनिया के चुनिंदा वर्टिकल लिफ्ट ब्रिजों की कतार में ला खड़ा करता है। बता दें कि पुराने ब्रिज पर ट्रेनें 10 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से 25-30 मिनट में पार करती थीं, जबकि अब 75-80 किमी प्रति घंटे की स्पीड से यह सफर महज 5 मिनट में पूरा होगा। यह रामेश्वरम के पर्यटन और व्यापार को बढ़ावा देगा।

बता दें कि पीएम मोदी आज दोपहर 12 बजे इसका उद्घाटन करेंगे, साथ ही रामेश्वरम-तमबरम ट्रेन सेवा शुरू करेंगे और कोस्ट गार्ड जहाज को हरी झंडी दिखाएंगे। इसके बाद वह रामनाथस्वामी मंदिर में पूजा करेंगे और 8300 करोड़ रुपये की परियोजनाओं का शिलान्यास करेंगे। यह ब्रिज भारत की इंजीनियरिंग का गर्व है, जो आने वाली पीढ़ियों के लिए एक मिसाल बनेगा।

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