Pamban Bridge: PM मोदी ने तमिलनाडु के ‘पंबन ब्रिज’ का किया उद्घाटन, नई रेल सेवा को दिखाई हरी झंडी
आज रामनवमी का दिन भारत के लिए दोहरी खुशी लेकर आया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने तमिलनाडु के रामेश्वरम में देश के पहले वर्टिकल लिफ्ट समुद्री रेल पुल pamban bridge का उद्घाटन किया। बता दें कि यह सिर्फ एक पुल नहीं, बल्कि भारतीय इंजीनियरिंग का एक चमकता सितारा है, जो आधुनिकता और आस्था को जोड़ता है। पीएम ने सड़क पुल से रामेश्वरम-तमबरम ट्रेन और एक कोस्ट गार्ड जहाज को हरी झंडी दिखाई, जिसके साथ ही इस हाईटेक ब्रिज पर रेल सेवा शुरू हो गई। 535 करोड़ रुपये की लागत से बना यह ब्रिज मंडपम से रामेश्वरम को जोड़ता है और इसके उद्घाटन ने भारत के बुनियादी ढांचे में एक नया अध्याय जोड़ा।
ब्रिज की इंजीनियरिंग जान गर्व से फूल उठेंगे आप
सुबह करीब 12 बजे पीएम मोदी ने मंडपम पहुंचकर इस ऐतिहासिक पल को अंजाम दिया। 2.08 किलोमीटर लंबे इस ब्रिज में 72.5 मीटर का वर्टिकल लिफ्ट हिस्सा है, जो 17 मीटर ऊंचाई तक उठ सकता है। यह खासियत बड़े जहाजों को नीचे से गुजरने की सहूलियत देती है, साथ ही ट्रेनों का संचालन भी निर्बाध रखती है। 2019 में पीएम ने इसकी आधारशिला रखी थी, और कोविड की चुनौतियों के बावजूद यह प्रोजेक्ट आज पूरा हुआ। स्टेनलेस स्टील और खास कोटिंग से बना यह ब्रिज न सिर्फ मजबूत है, बल्कि भविष्य के लिए तैयार भी—दो रेल ट्रैक की व्यवस्था के साथ। अब ट्रेनें पुराने 25-30 मिनट के बजाय 5 मिनट में समुद्र पार करेंगी।
रामनवमी पर उद्घाटन बना बेहद ख़ास संयोग
रामनवमी का दिन इस उद्घाटन के लिए खास इसलिए भी है, क्योंकि रामेश्वरम का रामायण से गहरा नाता है। यह वही जगह है, जहां से भगवान राम ने रामसेतु बनाया था। उद्घाटन के बाद पीएम मोदी रामनाथस्वामी मंदिर पहुंचे, जहां उन्होंने दर्शन और पूजा की। श्रीलंका से लौटते वक्त हेलिकॉप्टर से उन्हें रामसेतु के दर्शन का सौभाग्य मिला। पीएम ने सोशल मीडिया पर लिखा, “ईश्वरीय संयोग से जिस समय मैं रामसेतु देख रहा था, उसी वक्त अयोध्या में रामलला के सूर्य तिलक के दर्शन भी हुए। प्रभु श्रीराम की कृपा हम पर बनी रहे।” यह संयोग इस दिन को और यादगार बना गया।
8300 करोड़ की परियोजनाओ का किया शिलान्यास
पंबन ब्रिज के अलावा पीएम ने तमिलनाडु में 8300 करोड़ रुपये से ज्यादा की रेल और सड़क परियोजनाओं की आधारशिला रखी और कुछ को राष्ट्र को समर्पित किया। इसमें नई ट्रेन सेवाएं और सड़क प्रोजेक्ट शामिल हैं, जो इस क्षेत्र के विकास को गति देंगे। उद्घाटन के बाद रामेश्वरम में एक जनसभा को संबोधित करते हुए पीएम ने कहा कि यह ब्रिज सिर्फ कनेक्टिविटी नहीं, बल्कि देश की प्रगति का प्रतीक है। तमिलनाडु के गवर्नर आरएन रवि, बीजेपी नेता के. अन्नामलाई और कई मंत्री इस मौके पर मौजूद थे।
क्यों खास है यह ब्रिज?
पंबन ब्रिज सिर्फ इंजीनियरिंग का अजूबा ही नहीं, बल्कि रामेश्वरम जैसे धार्मिक और पर्यटन स्थल के लिए वरदान भी है। पुराना ब्रिज, जो 1914 में ब्रिटिश काल में बना था, 2022 में जंग की वजह से बंद हो गया था। नया ब्रिज 80 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से ट्रेनों को चलाने में सक्षम है और समुद्री परिस्थितियों को झेलने के लिए तैयार किया गया है। यह भारत की आस्था, तकनीक और विकास की एक मिसाल है, जो आने वाली पीढ़ियों को जोड़ेगा। आज का दिन न सिर्फ तकनीकी जीत का, बल्कि सांस्कृतिक गर्व का भी दिन है।
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