पहलगाम पर पीएम मोदी ने दुनिया को दिया अंग्रेजी में संदेश, कहा- ‘I say to the whole world...’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब भी किसी मंच से बोलते हैं, तो उनकी हिंदी की गूंज दूर-दूर तक सुनाई देती है। लेकिन इस बार, पहलगाम आतंकी हमले पर जब उन्होंने बिहार के मधुबनी से संबोधन किया, तो एक पल के लिए उन्होंने भाषा की सीमाएं तोड़ दीं—और सीधे अंग्रेज़ी में दुनिया को अलर्ट कर दिया।
अंग्रेजी भाषा में दिया पूरी दुनिया को संदेश
बिहार की रैली को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने साफ शब्दों में कहा, “I say to the whole world from the land of Bihar — India will find the terrorists, punish them, and won’t spare those who support them.” इस एक लाइन से उन्होंने न सिर्फ आतंकियों को चेतावनी दी, बल्कि भारत का स्टैंड वैश्विक मंच पर मजबूती से पेश किया। अब सवाल ये है—आखिर इस बार पीएम मोदी ने अंग्रेजी में क्यों बात की? क्या ये सिर्फ एक भाषाई चयन था या इसके पीछे कोई रणनीतिक सोच थी?
1. अंतरराष्ट्रीय नेताओं तक सीधा और स्पष्ट संदेश
पहलगाम हमले के बाद अमेरिका, फ्रांस, जापान जैसे कई देशों ने भारत के साथ खड़े होने का ऐलान किया। ऐसे में प्रधानमंत्री मोदी ने एक ऐसी भाषा चुनी, जो उन देशों के नेताओं और मीडिया के लिए सीधी, समझने योग्य और प्रभावी हो। अंग्रेजी में दिया गया संदेश सिर्फ भारत के लिए नहीं था, यह पूरी दुनिया के लिए था—एक कड़ा और स्पष्ट स्टैंड।
2. वर्ल्ड मीडिया के नेरेटिव को मोड़ने की कोशिश
भारत हमेशा यह शिकायत करता रहा है कि पश्चिमी मीडिया भारतीय मुद्दों को विकृत करके दिखाता है, खासकर जब बात कश्मीर या आतंकी घटनाओं की हो। लेकिन इस बार प्रधानमंत्री ने खुद पहल की और अंग्रेजी में बयान देकर यह सुनिश्चित किया कि भारत का पक्ष भी अंतरराष्ट्रीय मीडिया में पूरी स्पष्टता से दिखे। "India is not just defending, it is declaring" — यह संदेश अब हेडलाइंस में छप चुका है।
3. कूटनीतिक तौर पर दो निशाने एक तीर से
पीएम मोदी का यह अंग्रेजी में बयान एक राजनीतिक संदेश से कहीं बढ़कर है। इससे एक तरफ भारत का आक्रामक और स्पष्ट स्टैंड सामने आया, वहीं दूसरी तरफ उन्होंने यह भी जता दिया कि "जो भी देश इंसानियत में विश्वास रखता है, वह आज भारत के साथ खड़ा है।" यह एक तरह से आतंकवाद को ग्लोबल इश्यू बना देने की कोशिश है, न कि केवल भारत-पाकिस्तान का मामला।
4. घरेलू राजनीति के लिहाज से भी मास्टरस्ट्रोक
पीएम मोदी को लेकर यह छवि हमेशा रही है कि वह हिंदी और भारतीय भाषाओं को बढ़ावा देने वाले नेता हैं। लेकिन ऐसे संवेदनशील मौके पर उन्होंने दिखाया कि वह जहां जरूरत हो, वहां वैश्विक भाषा का भी इस्तेमाल कर सकते हैं—देशहित के लिए। यह संदेश साफ है कि “भारत अब चुप नहीं बैठेगा, और दुनिया को यह समझाने के लिए हम हर मंच, हर भाषा और हर तरीके का इस्तेमाल करेंगे।”
वैश्विक चेतावनी के रूप में था मोदी का भाषण
कुल मिलाकर हम कह सकते हैं कि पहलगाम आतंकी हमला सिर्फ एक घटना नहीं, बल्कि भारत की सुरक्षा और संप्रभुता पर हमला था। और जब जवाब देना हो, तो केवल बंदूकें नहीं, शब्दों की धार भी जरूरी होती है। पीएम मोदी का अंग्रेजी बयान इसी धार का हिस्सा था—एक वैश्विक चेतावनी, एक राष्ट्रीय इरादा और एक कूटनीतिक संदेश।
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