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योग ट्रेनिंग की आड़ में आतंक की फैक्ट्री: 2047 तक इस्लामिक भारत का सपना, NIA के खुलासे ने उड़ाए होश

PFI पर NIA का बड़ा खुलासा—जयपुर में योग ट्रेनिंग के नाम पर नौजवानों को आतंकी बनाया जा रहा था। लक्ष्य: 2047 तक इस्लामिक भारत।
04:44 PM Apr 08, 2025 IST | Rohit Agrawal

नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) ने प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (PFI) के खिलाफ एक चार्जशीट दाखिल की है, जिसमें सनसनीखेज खुलासे सामने आए हैं। बता दें कि योग सेंटर और फिटनेस प्रोग्राम की आड़ में PFI नौजवानों को आतंकी ट्रेनिंग दे रहा था, ताकि 2047 तक भारत को इस्लामिक देश बनाया जा सके। यह साजिश राजस्थान के जयपुर में चल रही थी, जहां गुजरात दंगों और मॉब लिंचिंग के वीडियो दिखाकर युवाओं का ब्रेनवॉश किया जा रहा था। आइए, इस चौंकाने वाली कहानी को आसान और रोचक अंदाज में समझते हैं।

योगशाला या आतंक का अड्डा?

NIA की चार्जशीट के मुताबिक, जयपुर में PFI ने योगशाला और अखाड़ों की आड़ में आतंकी ट्रेनिंग कैंप चलाए। बाहर से यह "फिजिकल फिटनेस प्रोग्राम" लगता था—योग, मार्शल आर्ट, और खेलकूद का ढोंग। लेकिन अंदर की कहानी कुछ और थी। यहाँ नौजवानों को एयरगन से शूटिंग समेत चाकू-तलवार जैसे हथियार चलाना सिखाया जाता था। PFI का मकसद था शारीरिक रूप से फिट युवाओं को चुनना, उन्हें ब्रेनवॉश करना, और फिर उन्नत आतंकी ट्रेनिंग देना। वहीं चार्जशीट में फोटो और वीडियो के सबूत भी हैं जिसमें लड़के-लड़कियाँ एयरगन थामे हुए दिख रहे है, जिनके पीछे PFI का झंडा लहराता हुआ।

दो चरणों की खतरनाक ट्रेनिंग

PFI की ट्रेनिंग दो हिस्सों में बँटी थी:

बेसिक ट्रेनिंग: इसमें मार्शल आर्ट, बॉक्सिंग, और एयरगन की प्रैक्टिस होती थी। मकसद था फिट लोगों को छाँटना, जो आगे की ट्रेनिंग झेल सकें।

कुल्हाड़ी-2: यहाँ तलवार, चाकू और हथियारों से हमले की तकनीक सिखाई जाती थी—सिर, छाती, कंधे जैसे कमजोर हिस्सों पर वार करना। लक्ष्य? भारत सरकार और हिंदू संगठनों के खिलाफ जिहाद छेड़ना।

चार्जशीट कहती है कि PFI का प्लान था—2047 तक भारत में इस्लामिक शासन लाना। इसके लिए युवाओं को भड़काऊ वीडियो दिखाए जाते थे, जैसे गुजरात दंगे और मॉब लिंचिंग, ताकि उनमें नफरत भरी जाए और वे "जान देने" को तैयार हों।

पैसा कहाँ से आया?

PFI के इन कैंपों को चलाने के लिए करोड़ों रुपये चाहिए थे। NIA ने खुलासा किया कि जकात (दान) के नाम पर मासूम मुसलमानों से पैसा इकट्ठा किया गया। जयपुर के पंजाब नेशनल बैंक खाते में 2011 से 2022 तक 2.98 करोड़ रुपये जमा हुए, जिसमें से 2.96 करोड़ निकाले गए। यह पैसा हथियार खरीदने, ट्रेनिंग कैंप चलाने, और टारगेटेड हमलों के लिए इस्तेमाल हुआ। NIA ने जयपुर, कोटा, सवाई माधोपुर, भीलवाड़ा जैसे शहरों में छापे मारे, जहाँ चाकू, एयरगन, कुल्हाड़ी और आपत्तिजनक डिजिटल सामग्री जब्त की गई।

2047 तक इस्लामिक भारत बनाने का सपना

चार्जशीट में PFI के मॉड्यूल का खुलासा हुआ है। संगठन अपने कैडर को शहरों में कैंप चलाने की हिदायत देता था। मोहम्मद आसिफ जैसे सदस्यों के फोन से फाइलें मिलीं, जिनमें लिखा था कि "नौजवानों को सेहतमंद रखने" के लिए प्रोग्राम चल रहे हैं। लेकिन असल में यह आतंक की फैक्ट्री थी। PFI का टारगेट था कि भारत को 2047 तक इस्लामिक स्टेट बनाना। इसके लिए युवाओं को सरकार और दूसरे धार्मिक संगठनों के खिलाफ लड़ने के लिए तैयार किया जा रहा था।

NIA ने ऐसे की कार्रवाई

NIA ने 2023 में जयपुर मॉड्यूल के 5 आरोपियों—मोहम्मद आसिफ, सादिक, सोहेल, वाजिद अली, और मुबारिक अली—को पकड़ा था। 2024 में इनके खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी, और अब ताजा चार्जशीट में और खुलासे हुए हैं। जब्त सामानों को CFSL (नई दिल्ली) भेजा गया, जहाँ इनके आतंकी मंसूबों की पुष्टि हुई। PFI पर पहले ही 2022 में बैन लग चुका है, लेकिन इसके नेटवर्क को तोड़ने की कोशिशें जारी हैं।

सांस अटकाने वाला खुलासा

यह सिर्फ योग सेंटर नहीं, बल्कि आतंक का पूरा ढांचा था। PFI की यह साजिश न सिर्फ चौंकाती है, बल्कि सोचने पर मजबूर करती है कि कैसे मासूमियत की आड़ में खतरनाक खेल चल रहा था। NIA का कहना है कि यह संगठन देश की एकता और शांति के लिए बड़ा खतरा था। अब सवाल यह है—क्या यह साजिश सिर्फ राजस्थान तक थी, या देश के और हिस्सों में भी ऐसी "योगशालाएँ" चल रही थीं? यह खुलासा निश्चित रूप से सांस अटकाने वाला है।

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