नेशनलराजनीतिमनोरंजनखेलहेल्थ & लाइफ स्टाइलधर्म भक्तिटेक्नोलॉजीइंटरनेशनलबिजनेसचुनाव

"हिंदी का नहीं, अनिवार्य बनाने का विरोध किया," भाषा विवाद पर पवन कल्याण की सफाई

आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री पवन कल्याण ने स्पष्ट किया कि वे हिंदी भाषा के नहीं, बल्कि इसे अनिवार्य बनाने के विरोधी हैं। उन्होंने NEP 2020 का समर्थन किया।
07:52 PM Mar 15, 2025 IST | Rohit Agrawal

आंध्र प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और जनसेना पार्टी के प्रमुख पवन कल्याण ने हिंदी भाषा को अनिवार्य बनाने के विरोध में अपने पूर्व रुख को लेकर हो रही आलोचनाओं का खंडन किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि उनका विरोध हिंदी भाषा के खिलाफ नहीं, बल्कि इसे अनिवार्य बनाने के खिलाफ है। कल्याण ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 का समर्थन करते हुए कहा कि यह बहुभाषी शिक्षा को बढ़ावा देती है और किसी भी भाषा को थोपने का समर्थन नहीं करती।

"हिंदी का विरोध नहीं, अनिवार्य बनाने का विरोध"

पवन कल्याण ने कहा कि उन्होंने कभी भी हिंदी भाषा का विरोध नहीं किया, बल्कि उनका विरोध इसे अनिवार्य बनाने के प्रयासों के खिलाफ है। उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा, "किसी भाषा को जबरन थोपना या किसी भाषा का आंख मूंदकर विरोध करना; दोनों ही हमारे भारत के राष्ट्रीय और सांस्कृतिक एकीकरण के उद्देश्य को प्राप्त करने में मदद नहीं करते हैं।"

राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) 2020 का समर्थन

कल्याण ने एनईपी 2020 का समर्थन करते हुए कहा कि यह नीति छात्रों को किसी भी दो भारतीय भाषाओं (अपनी मातृभाषा सहित) को एक विदेशी भाषा के साथ सीखने की सुविधा प्रदान करती है। उन्होंने कहा, "यदि छात्र हिंदी नहीं पढ़ना चाहते हैं, तो वे तेलुगु, तमिल, मलयालम, कन्नड़, मराठी, संस्कृत, गुजराती, असमिया, कश्मीरी, ओडिया, बंगाली, पंजाबी, सिंधी, बोडो, डोगरी, कोंकणी, मैथिली, मैतेई, नेपाली, संथाली, उर्दू या किसी अन्य भारतीय भाषा का विकल्प चुन सकते हैं।"

"NEP 2020 की गलत व्याख्या की जा रही है"

कल्याण ने आरोप लगाया कि एनईपी 2020 की गलत व्याख्या की जा रही है। उन्होंने कहा, "राजनीतिक एजेंडे के लिए इस नीति की गलत व्याख्या करना और यह दावा करना कि पवन कल्याण ने अपना रुख बदल लिया है, यह समझ की कमी को ही दर्शाता है।" उन्होंने जोर देकर कहा कि जनसेना पार्टी हर भारतीय के लिए भाषाई स्वतंत्रता और शैक्षिक विकल्प के सिद्धांत पर दृढ़ता से खड़ी है।

तमिलनाडु में NEP को लेकर विवाद

पवन कल्याण की यह टिप्पणी तमिलनाडु में एनईपी को लेकर चल रहे विवाद के बीच आई है। तमिलनाडु की विरोधी राजनीतिक पार्टियां एनईपी में तीन-भाषा अनिवार्य नीति का विरोध कर रही हैं। कल्याण ने इस मामले में भाजपा का समर्थन करते हुए कहा कि एनईपी किसी भी भाषा को थोपने का समर्थन नहीं करती।

पहले दिया था यह बयान

कल्याण ने कहा कि सभी भाषाएं आवश्यक हैं और उन्होंने अप्रत्यक्ष रूप से तमिलनाडु सरकार की आलोचना करते हुए कहा, "जो लोग हिंदी का विरोध करते हैं, वे अपनी फिल्मों को हिंदी में क्यों डब कर रहे हैं?" उन्होंने जोर देकर कहा कि भाषाई विविधता भारत की ताकत है और इसे संरक्षित किया जाना चाहिए।

यह भी पढ़ें:

"सबका हिसाब जल्द होगा…" गैंगस्टर अमन साहू के एनकाउंटर पर लॉरेंस के भाई अनमोल ने दी धमकी

"बांग्लादेश में मिल जाएगा झारखंड," BJP नेता निशिकांत दूबे ने क्यों दे डाला ऐसा बयान?

Tags :
Hindi LanguageIndia Education PolicyJenaSena PartyLanguage ControversyNEP 2020Pawan kalyan

ट्रेंडिंग खबरें

Next Article