• ftr-facebook
  • ftr-instagram
  • ftr-instagram
search-icon-img

भारतीय इंजीनियरिंग का कमाल! पंबन ब्रिज अब वर्टिकल लिफ्ट टेक्नोलॉजी से लैस, पीएम मोदी करेंगे शुभारंभ

भारत के रेलवे इतिहास में 6 अप्रैल 2025 को एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। राम नवमी के शुभ अवसर..
featured-img

Pamban Rail Bridge: भारत के रेलवे इतिहास में 6 अप्रैल 2025 को एक नया अध्याय जुड़ने जा रहा है। राम नवमी के शुभ अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तमिलनाडु में बने देश के पहले वर्टिकल लिफ्ट पंबन रेल पुल का भव्य उद्घाटन करेंगे। यह ऐतिहासिक पुल सिर्फ तमिलनाडु की मुख्य भूमि को रामेश्वरम से जोड़ने का काम नहीं करेगा, बल्कि भारतीय रेलवे के लिए तकनीकी क्रांति का प्रतीक भी बनेगा। यह पुल 2 किलोमीटर से भी लंबा है और(Pamban Rail Bridge) इसे आधुनिक वर्टिकल लिफ्ट तकनीक से बनाया गया है, जिससे बड़े जहाजों के लिए रास्ता खुल सकेगा। समुद्र के ऊपर खड़ा यह इंजीनियरिंग का चमत्कार भारतीय रेलवे की ताकत को दुनिया के सामने रखेगा। इस ब्रिज से यात्रा और भी आसान और रोमांचक हो जाएगी। तो आइए, जानते हैं कि यह अनोखा पुल कैसे बना, इसकी खासियतें क्या हैं और इससे देश को क्या-क्या फायदे होंगे!

Pamban Railway Bridge:

भारत का पहला वर्टिकल लिफ्ट रेल पुल

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 6 अप्रैल को तमिलनाडु में पंबन वर्टिकल सी ब्रिज का उद्घाटन करेंगे। यह पुल भारतीय रेलवे के लिए तकनीकी प्रगति का प्रतीक होगा, जिससे तमिलनाडु की मुख्य भूमि और रामेश्वरम के बीच रेल कनेक्टिविटी मजबूत होगी। यह भारत का पहला संचालित वर्टिकल सी ब्रिज है, जो जहाजों के आवागमन के लिए आधुनिक तकनीक से लैस है। आइए जानते हैं इसकी खासियतें और फायदे।


पंबन वर्टिकल सी ब्रिज को 100 स्पैन और एक नेविगेशनल स्पैन के साथ डिजाइन किया गया है। हर स्पैन की लंबाई 18.3 मीटर है, जबकि नेविगेशनल स्पैन 63 मीटर लंबा है। यह पुराने पुल की तुलना में 3.0 मीटर ऊंचा है, जिससे इसकी नेविगेशनल एयर क्लीयरेंस 22.0 मीटर हो जाती है। पुल को इलेक्ट्रो-मैकेनिकल कंट्रोल सिस्टम और ट्रेन कंट्रोल सिस्टम से इंटरलॉक किया गया है, जिससे इसकी संचालन क्षमता और सुरक्षा बढ़ जाती है।

वर्टिकल लिफ्ट टेक्नोलॉजी से लैस हाईटेक ब्रिज

पंबन सी ब्रिज को वर्टिकल लिफ्ट टेक्नोलॉजी से बनाया गया है। यह पुल करीब 2.8 किमी लंबा है और इसे बनाने में 535 करोड़ रुपए की लागत आई है। वर्टिकल लिफ्ट सिस्टम की मदद से इसका एक हिस्सा ऊपर उठाया जा सकता है, ताकि बड़े जहाज इसके नीचे से गुजर सकें। यह ठीक उसी तरह काम करता है जैसे लंदन ब्रिज, जो जहाजों को रास्ता देने के लिए दोनों ओर से उठता है। हालांकि, लंदन ब्रिज एक रोड ब्रिज है, जबकि पंबन ब्रिज रेलवे के लिए बनाया गया है।

मंडपम् से रामेश्वरम् तक आसान होगी यात्रा

पंबन सी ब्रिज तमिलनाडु के मंडपम् से रामेश्वरम् तक बनाया गया है। मंडपम्, भारतीय प्रायद्वीप में रेलवे का अंतिम स्टेशन है, जबकि रामेश्वरम मन्नार की खाड़ी में स्थित है। इस पुल के चालू होने से ट्रेनों की गति बढ़ेगी, जिससे यात्रा का समय कम होगा। इसके अलावा, मालगाड़ियों की क्षमता भी बढ़ेगी, जिससे व्यापार को बढ़ावा मिलेगा। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इससे श्रद्धालुओं के लिए रामेश्वरम तक पहुंचना आसान हो जाएगा।

पुराने पुल से ज्यादा भार उठाने की क्षमता

नया पंबन सी ब्रिज पुराने पुल की जगह लेगा, जो अब तक मुख्य भूमि और रामेश्वरम के बीच रेल संपर्क का एकमात्र साधन था। पुराने कैंटिलीवर पुल का निर्माण 1870 में शुरू हुआ था और यह 1914 में बनकर तैयार हुआ था। लेकिन 110 सालों तक सेवा देने के बाद, यह 2022 में बंद कर दिया गया था। नया ब्रिज पुराने पुल की तुलना में अधिक वजन सहन करने में सक्षम होगा और इससे रेल यातायात और भी सुरक्षित होगा।

भारतीय रेलवे नया पम्बन ब्रिज-

यात्रा का समय होगा कम

रेल विकास निगम लिमिटेड द्वारा बनाए गए इस पंबन वर्टिकल सी ब्रिज का ट्रायल नवंबर 2024 में पूरा हो गया था। इस पुल पर ट्रेनें 80 से 90 किमी प्रति घंटे की गति से चल सकती हैं। पहले मंडपम् से रामेश्वरम पहुंचने में 25 मिनट लगते थे, लेकिन अब यह दूरी सिर्फ 5 मिनट में तय की जा सकेगी।

दुनिया के सबसे लंबे सी ब्रिज की तुलना

चीन में बना डेनयांग-कुशान ग्रैंड ब्रिज दुनिया का सबसे लंबा सी ब्रिज है। यह शंघाई और नानजिंग के बीच रेलवे लाइन पर स्थित है। भारत का पंबन वर्टिकल सी ब्रिज भले ही लंबाई में इससे छोटा हो, लेकिन इसकी तकनीकी विशेषताएं इसे अनोखा बनाती हैं।

रामनवमी पर होगा ऐतिहासिक उद्घाटन

पुराने पंबन पुल ने 110 सालों तक यात्रियों, श्रद्धालुओं और व्यापारियों के लिए जीवनरेखा का काम किया। लेकिन समुद्र के खारे पानी और पुरानी संरचना के कारण इसे 2022 में बंद करना पड़ा। रामेश्वरम हिंदू श्रद्धालुओं के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है, जहां हर साल 25 लाख से अधिक श्रद्धालु रामनाथस्वामी मंदिर के दर्शन करने आते हैं। नया पुल न केवल यात्रा को आसान बनाएगा, बल्कि पर्यटन और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा देगा।

रामायण में वर्णित कथा के अनुसार, भगवान श्रीराम ने लंका जाने के लिए रामेश्वरम से एक पुल का निर्माण किया था। इसी पौराणिक संदर्भ को ध्यान में रखते हुए, श्रीराम नवमी के अवसर पर नए पंबन सी ब्रिज के उद्घाटन की तैयारी की गई है।

यह भी पढ़ें:

Noida Liquor News: एक के साथ एक फ्री.. नोएडा में शराब के ठेकों पर लंबी–लंबी लाइनें, बड़ी दिलचस्प है वज़ह

सरकार की ‘सहकारी टैक्सी’ सर्विस: Ola-Uber को मिलेगी सरकार से तगड़ी टक्कर, कैसे होगी ड्राइवरों की चाँदी?

.

tlbr_img1 होम tlbr_img2 शॉर्ट्स tlbr_img3 वेब स्टोरीज tlbr_img4 वीडियो tlbr_img5 वेब सीरीज