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भारत में सरकारी टीचर बनी पाकिस्तानी महिला, खुलासे ने शिक्षा विभाग में मचाई हलचल

बरेली जिले में एक महिला पर आरोप है कि वह पाकिस्तान से आई हैं और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सरकारी नौकरी हासिल की है।
01:57 PM Jan 17, 2025 IST | Vyom Tiwari

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में शिक्षा विभाग से जुड़ा एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां एक पाकिस्तानी महिला ने फर्जी जन्म प्रमाण पत्र और निवास प्रमाण पत्र के जरिए सहायक अध्यापक की नौकरी हासिल कर ली।

जांच में पता चला कि यह महिला अब तक भारत की नागरिकता नहीं ले पाई है और फर्जी दस्तावेजों के आधार पर लंबे समय से नौकरी कर रही थी। जब मामला खुला, तो शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया।

पुलिस ने महिला टीचर के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है, लेकिन वह फिलहाल फरार है। मामले की जांच जारी है और संबंधित विभाग कार्रवाई में जुटा हुआ है।

माधौपुर सरकारी प्राथमिक विद्यालय में थीं कार्यरत

बरेली जिले के फतेहगंज पश्चिमी क्षेत्र में शिक्षा विभाग पर एक बार फिर सवाल खड़े हो गए हैं। यहां के माधौपुर सरकारी प्राथमिक विद्यालय में सहायक अध्यापक के पद पर कार्यरत शुमायला खान के खिलाफ गंभीर आरोप लगे हैं। शुमायला खान, जो पाकिस्तान की रहने वाली हैं, पर आरोप है कि उन्होंने नौकरी पाने के लिए फर्जी निवास प्रमाण पत्र का इस्तेमाल किया।

इस मामले के सामने आने के बाद पूरे क्षेत्र में हड़कंप मच गया है। शिकायत के आधार पर जांच शुरू की गई, जिससे पता चला कि उन्होंने कूटरचित दस्तावेजों के जरिए सरकारी पद पर नियुक्ति हासिल की थी। इस घटना ने शिक्षा विभाग की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है।

प्रमाण पत्र में दी थी गलत जानकारी 

शुमायला खान ने अपनी नियुक्ति के समय उप जिलाधिकारी सदर, रामपुर के कार्यालय से जारी निवास प्रमाण पत्र पेश किया था। जांच में यह सामने आया कि यह प्रमाण पत्र गलत था और शुमायला वास्तव में एक पाकिस्तानी नागरिक हैं। उन्होंने अभी तक भारतीय नागरिकता नहीं ली है।

शुमायला को 2015 में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी, बरेली द्वारा प्राथमिक विद्यालय माधोपुर में सहायक अध्यापक के पद पर नियुक्त किया गया था। नियुक्ति के लिए उन्होंने जो प्रमाण पत्र जमा किए थे, उनकी सत्यता जांची गई। जांच में यह भी पता चला कि निवास प्रमाण पत्र तथ्य छुपाकर बनाया गया था।

शुमायला खान के खिलाफ मुकदमा दर्ज

जांच में यह सामने आया कि तहसीलदार सदर, रामपुर की रिपोर्ट के अनुसार शुमायला खान ने गलत जानकारी देकर सामान्य निवास प्रमाण पत्र बनवाया था। इसी आधार पर उनका प्रमाण पत्र रद्द कर दिया गया।

शिक्षा विभाग ने भी उनसे कई बार स्पष्टीकरण मांगा, लेकिन हर बार यह साफ हुआ कि उनका प्रमाण पत्र फर्जी है। शुमायला खान, जो पाकिस्तान की नागरिक हैं, पर आरोप है कि उन्होंने नकली दस्तावेजों का इस्तेमाल कर सहायक अध्यापक की नौकरी हासिल की।

जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी ने 3 अक्टूबर 2024 को शुमायला खान को निलंबित कर दिया और उनकी नियुक्ति को रद्द करते हुए उन्हें नौकरी से हटा दिया। इसके बाद, फतेहगंज पश्चिमी के खंड शिक्षा अधिकारी ने बीएसए के निर्देश पर थाने में शुमायला खान के खिलाफ गंभीर धाराओं में मामला दर्ज कराया।

 

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