पाकिस्तान की 'निष्पक्ष जांच' का ड्रामा, पहले भी दिए सबूतों को नकार चुका है पाक
पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद भारत का सख्त एक्शन पाकिस्तान की शहबाज सरकार के लिए सिरदर्द बन गया है। शहबाज शरीफ ने इस हमले में पाकिस्तान की भूमिका को सीधे नकार दिया है। उन्होंने शनिवार को अपने देशवासियों से कहा कि पाकिस्तान किसी भी जांच के लिए तैयार है। लेकिन पाकिस्तान का "निष्पक्ष जांच" का ड्रामा कोई नया नहीं है। इससे पहले भी कई बार पाकिस्तान ऐसे मामले में जांच का दावा कर चुका है, लेकिन कुछ खास नतीजा नहीं निकला।
पाकिस्तान आतंक की फैक्ट्री
भारत में आतंकवादी हमलों के पीछे पाकिस्तान का पुराना रिकॉर्ड काफी चिंताजनक है, और इससे सवाल उठते हैं। भारत ने कई बार पक्के सबूत, डीएनए रिपोर्ट, गवाहों के बयान, और जांच के दस्तावेज पाकिस्तान को सौंपे, लेकिन पाकिस्तान ने या तो उन्हें नजरअंदाज किया या फिर जांच को टाल दिया।
पाकिस्तान का 'जांच में सहयोग' का इतिहास कभी भी भरोसेमंद नहीं रहा। भारत द्वारा बार-बार पेश किए गए सबूतों को अक्सर अनदेखा किया गया या फिर जानबूझकर कार्रवाई में देरी की गई।
पुलवामा हमला
एनआईए ने विस्तृत जांच रिपोर्ट और अभियुक्तों की जानकारी पाकिस्तान को भेजी। बावजूद इसके, पाकिस्तान ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया और उल्टा खुद को आतंकवाद का पीड़ित बताने की कोशिश की।
उरी हमला
भारत ने डीएनए सैंपल और अन्य फॉरेंसिक सबूतों के साथ लेटर रोगेटरी भेजा, लेकिन पाकिस्तान ने कोई कार्रवाई नहीं की और जांच को अटका दिया।
पठानकोट एयरबेस हमला
पठानकोट हमले के बाद भारत ने पाकिस्तानी ज्वाइंट इन्वेस्टिगेशन टीम को एयरबेस का दौरा करवाया। वादा किया गया था कि भारतीय एनआईए टीम भी पाकिस्तान जाकर जांच करेगी, लेकिन इस वादे को तोड़ते हुए पाकिस्तान ने कोई सहयोग नहीं किया और सबूतों पर चुप्पी साध ली।
मुंबई आतंकी हमला
भारत ने मुंबई आतंकी हमले में लश्कर-ए-तैयबा प्रमुख हाफिज सईद और अन्य साजिशकर्ताओं के खिलाफ पुख्ता डोजियर पाकिस्तान को सौंपे। पाकिस्तानी न्यायिक पैनल ने भारत का दौरा भी किया, लेकिन कार्रवाई के नाम पर कुछ नहीं हुआ। हाफिज सईद आज भी पाकिस्तान में खुला घूम रहा है।
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