पहलगाम अटैक: जिपलाइन पर झूलते टूरिस्ट के कैमरे में कैद हुआ मौत का मंजर... सैलानी ने क्या सुनाई आपबीती?
22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में एक भीषण आतंकी हमला हुआ, जिसमें 26 निर्दोष पर्यटकों की जान चली गई। यह घटना इतनी डरावनी और नृशंस थी कि इसकी यादें लंबे समय तक लोगों के दिलों में खौफ बनी रहेंगी। इस हमले का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जो एक सैलानी ऋषि भट्ट ने रिकॉर्ड किया था। वह उस समय जिपलाइन पर स्लाइड कर रहे थे, जब आतंकियों ने अचानक गोलीबारी शुरू कर दी। ऋषि ने इस खौफनाक पल को करीब से देखा और बचकर निकलने में कामयाब रहे। उनकी आपबीती इस घटना की भयावहता को सामने लाती है।
"अल्लाह-हू-अकबर" की आवाज और फिर गोलियों की बौछार
ऋषि भट्ट ने बताया कि जब वह जिपलाइन पर सवार होकर स्लाइड कर रहे थे, तभी अचानक गोलीबारी शुरू हो गई। उन्होंने कहा, "मैं जिपलाइन पर था, तभी गोलीबारी शुरू हो गई। पहले 20 सेकंड तक मुझे समझ ही नहीं आया कि क्या हो रहा है। फिर मैंने देखा कि जमीन पर लोग गिर रहे हैं। मैंने 5-6 लोगों को गोली लगते देखा।"
वहीं सबसे डरावना पल तब आया जब जिपलाइन ऑपरेटर ने तीन बार "अल्लाह-हू-अकबर" का नारा लगाया और उसके तुरंत बाद गोलीबारी शुरू हो गई। इससे ऋषि को उस ऑपरेटर पर शक हो गया कि वह आतंकियों के साथ मिला हुआ हो सकता है।
परिवार के सामने ही लोगों को मार दिया गया
ऋषि ने बताया कि आतंकियों ने पर्यटकों से उनका धर्म पूछा और फिर उन्हें निशाना बनाया। उन्होंने कहा, "मेरे सामने दो परिवारों के पुरुषों से उनका धर्म पूछा गया और फिर मेरी पत्नी और बेटे के सामने ही उन्हें गोली मार दी गई। मेरी पत्नी और बेटा डर से चिल्लाने लगे। मैंने तुरंत अपनी बेल्ट खोली और नीचे उतरकर उन्हें लेकर भागने लगा। भागते समय उन्होंने देखा कि कुछ लोग एक गड्ढे में छिपे हुए हैं। वह जगह इतनी सुरक्षित थी कि आतंकी वहां किसी को नहीं देख पा रहे थे। ऋषि और उनका परिवार भी वहीं छिप गए।
भारतीय सेना ने बचाई जान
करीब 8-10 मिनट बाद जब गोलीबारी थोड़ी कम हुई, तो ऋषि और अन्य पर्यटक मेन गेट की तरफ भागे। लेकिन तभी फिर से गोलियां चलनी शुरू हो गईं। ऋषि ने बताया, "हमारे सामने ही 15-16 पर्यटकों को गोली लगी। जब हम गेट पर पहुंचे, तो वहां स्थानीय लोगों ने हमारी मदद की। एक टट्टू गाइड हमें सुरक्षित जगह पर ले गया। कुछ ही देर में भारतीय सेना के जवान वहां पहुंच गए और उन्होंने सभी पर्यटकों को सुरक्षित निकाला। सेना ने पूरे इलाके को 20-25 मिनट में ही कवर कर लिया।"
#WATCH | #PahalgamTerroristAttack | In a viral video, a tourist was seen ziplining when terrorists suddenly started firing. The tourist from Gujarat's Ahmedabad, Rishi Bhatt, recalls the incident
"...Firing started when I was ziplining...I did not realise this for around 20… pic.twitter.com/ZjmJxrl8Y7
— ANI (@ANI) April 29, 2025
जिपलाइन ऑपरेटर पर जा रहा संदेह
ऋषि का मानना है कि जिपलाइन ऑपरेटर इस हमले में शामिल हो सकता है। उन्होंने कहा कि जब मैं स्लाइड कर रहा था, तभी उसने तीन बार 'अल्लाह-हू-अकबर' बोला और उसके ठीक बाद गोलीबारी शुरू हो गई। वह आम कश्मीरी लग रहा था, लेकिन उसका व्यवहार संदेहास्पद था।"हालांकि, सेना और सुरक्षा बलों की तैनाती निचले इलाकों में थी, लेकिन हमले वाली जगह पर तुरंत कोई सुरक्षाकर्मी मौजूद नहीं था। मेन गेट पर जम्मू-कश्मीर पुलिस और तीन सुरक्षा गार्ड तैनात थे, लेकिन वे भी आतंकियों के हमले को रोकने में असमर्थ रहे।
क्या था पूरा मामला?
बता दें कि 22 अप्रैल को पहलगाम से करीब 6 किलोमीटर दूर बैसरन घाटी में आतंकियों ने हमला किया था। इस हमले में 26 लोगों की मौत हो गई, जिनमें एक कश्मीरी युवक भी शामिल था। चश्मदीदों का कहना है कि आतंकियों ने लोगों से उनका धर्म पूछा और फिर उन्हें निशाना बनाया। जांच एजेंसियों का मानना है कि इस हमले को 5-7 आतंकियों ने अंजाम दिया, जिनमें तीन पाकिस्तानी आतंकी भी शामिल थे। अभी तक ये आतंकी फरार हैं और सुरक्षा बल उनकी तलाश में जुटे हुए हैं।
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